आजकल हर चीज के लिए समय है, लेकिन जब बात सेहत की आती है तो समय कम पड़ जाता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में हमने अपने सेहत और अपने आप को काफी पीछे कर दिया है। इसका असर न सिर्फ हमारी सेहत बल्कि दिमाग पर भी पड़ रहा है। ऑफिस हो या घर हर इंसान इतनी जल्दी आपा खो बैठता है कि समझना मुश्किल हो जाता है। गुस्सा, तनाव, एंग्जाइटी और फ्रेस्टेशन लोगों के दिमाग पर हावी है। बढ़ते तनाव की वजह से मन अशांत रहता है और किसी भी काम में मन नहीं लगता। जब दिमाग शांत नहीं रहता तो नींद प्रभावित होती है और नींद से आपके शरीर का पूरा सिस्टम जुड़ा हुआ है।
ऐसे में अगर आपको हेल्दी रहना है और तनाव को कम करना है तो कुछ समय खुद के लिए जरूर निकालें। रोजाना कोई एक अपनी पसंद की फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें। फिर चाहे वॉक हो, स्विमिंग हो, साइकलिंग हो या फिर योग और ध्यान हो। इससे आपके शरीर में हैप्पी हार्मोंस बढ़ते हैं। दिल और दिमाग शांत रहता है। आज हम आपको ऐसे योगासन बता रहे हैं जो आपके दिमाग का शांत करने में मदद करेंगे।
तनाव कम करने और मन को शांत रखने के लिए योग
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अनुलोम-विलोम- अगर आप योग करना शुरू कर रहे हैं तो आपके लिए सबसे आसान है अनुलोम विलोम करना। जो लोग रोजाना अनुलोम-विलोम करते हैं उन्हें हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है। अनुलोम विलोम करने से सांस प्रणाली अच्छी होती है। इससे दिमाग शांत होता है। रोजाना कम से कम 3 सेट अनुलोम-विलोम करें।
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भ्रामरी प्राणायाम- मन को शांत करने के लिए आपको रोजाना भ्रामरी प्राणायाम करना चाहिए। इससे दिमाग शांत रहता है और फोकस बढ़ता है। भ्रामरी करने से बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम किया जा सकता है। इससे दिमाग की कार्यक्षणता बढ़ती है। आप कम से कम 5 बार इस योग मुद्रा को करें।
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शवासन- अगर मन बहुत ज्यादा विचलित रहता है और नींद नहीं आती तो आपको शवासन जरूर करना चाहिए। इससे एकाग्रता बढ़ती है और शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बेहतर होता है। ब्लड प्रेशर को नॉर्मल करने और सिरदर्द की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। डिप्रेशन और तनाव कम होता है।
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डायाफ्रामिक ब्रीथिंग- इस योगासन को करने से सांस क्रिया का अभ्यास होता है। इससे ब्लड में ऑक्सीजन बढ़ता है और इम्यूनिटी मजबूत बनती है। तनाव हार्मोन को कम करने में भी इस योगासन से मदद मिलती है। आपको 5 बार इसे जरूर करना चाहिए।
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सेतुबंधासन- इसे ब्रिज पोज कहते हैं जो तनाव को दूर करने में मदद करता है। इस योगासन को करने से दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। डिप्रेशन और एंग्जाइटी कम होती है। अगर गर्दन में दर्द रहता है तो आराम मिलता है। पाचन में सुधार करने और पेट की चर्बी कम करने में मदद मिलती है।