ठंड के मौसम ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। कई पहाड़ी इलाके में बर्फबारी हो रही है जिससे कि मैदानी इलाकों में ठंड लगातार बढ़ रही है। इस ठिठुरन वाली ठंड में इम्यूनिटी का मजबूत होना बहुत जरूरी है। इस मौसम में ही ठंड लगने से लोग सर्दी, जुकाम जैसी कई और बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। स्वामी रामदेव ने ठंड के मौसम में इम्यूनिटी को बूस्ट करने और शरीर को मजबूत बनाने के लिए कुछ योगासान और व्यायाम बताए हैं। इन्हें करने से महज 7 दिन के अंदर अपनी इम्यूनिटी मजबूत कर सकते हैं। साथ ही दमदार बॉडी भी बना सकते हैं।
यौगिक जॉगिंग
- शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है
- शरीर से फैट कम करके लचीला बनाता है
- सीने, हाथ और जांघ की मांसपेशियों के लिए बहुत फायदेमंद है
दंड बैठक के लाभ
- पैरों और जांघों को मजबूती देता है
- हड्डियां मजबूत और निरोगी गहती है
- शरीर में नई शक्ति का संचार होता है
- वजन को नियंत्रण में रखता हैट
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- सीना चौड़ा और भुजाएं मजबूत होती हैं
- शरीर का संतुलन सुधरता है
- शरीर के हिसाब से वजन बढ़ता है
- मसल्स को मजबूत करता है
- पैर और घुटने शक्तिशाली बनते हैं
दंड के 12 अभ्यास- हर एक अभ्यास के 25-25 सेट कम से कम 4 बार करें। इसके बाद सेट की संख्या बढ़ाते रहें। इससे पूरी बॉडी की एक्सरसाइज हो जाएगी।
- साधारण दंड
- राममूर्ति दंड
- वक्ष विकासक दंड
- हनुमान दंड
- वृश्चिक दंड भाग 1
- वृश्चिक दंड भाग 2
- पार्श्व दंड
- आठ चक्र दंड
- पलट दंड
- शेर दंड
- सर्पदंड
- मिश्र दंड
सूर्य नमस्कार- रोजाना करें करीब 10 मिनट तक
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में मददगार
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
- पाचन तंत्र बेहतर रहता है
- शरीर में लचीलापन आता है
- स्मरण शक्ति मजबूत होती है
- वजन बढ़ाने के लिए कारगर
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- त्वचा में निखार आता है
- तनाव की समस्या दूर होती है
- शीर्षासन के फायदे
- तनाव और चिंता दूर होती है
- आत्मविश्वास, धैर्य और निडरता बढ़ती है
ये योगासन भी बूस्ट करेंगे इम्यूनिटी
तिर्यक ताड़ासन
- हाइट बढ़ाने में फायदेमंद
- रीढ़ की हड्डी की मालिश होती है
- वजन कम करने में करें मदद
- घुटने और पीठ दर्द में फायदेमंद
- पैर, जांघ, घुटनों को करें मजबूत
- कब्ज की समस्या दूर करें
- सांस की बीमारी से निजात दिलाएं
- फ्लैट पैर को सही करें
- स्लिप डिस्क होने की संभावना कम करें
- शरीर की थकान कम करके स्फूर्ति भरें
पश्चिमोत्तानासन
- रीढ़ की हड्डी और कंधों में खिचाव लाता है
- पाचन अंगों की कार्यक्षमता सही करता है
- हाईबीपी में असरदार
- तनाव को कम करता है
- मोटापा कम करता है
सर्वांगासन के फायदे
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
- एजिंग को रोकने में सहायक
- शारीरिक संतुलन ठीक रहता है
शीर्षासन के फायदे
- तनाव और चिंता से राहत मिलती है
- दिमाग में तेजी से रक्त का संचार होता है
- एकाग्रता बढ़ती है
- शरीर में चुस्ती रहती है
ये व्यायाम भी फायदेमंद
अनुलोम विलोम
- सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
- अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें। इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें।
- अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें।
- अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें।
- अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ।
- इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें।
कपालभाति
- रोजाना सुबह शाम कपालभाति करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है।
- मन को शांत रखता है।
- थायराइड की समस्या दूर से निजात दिलाता है।
- सिगरेट की लत से छुड़ाने में मददगार है कपालभाति।
- जिन लोगों को सिगरेट पीने की लत हो जाती है तो उनके फेफड़े ब्लॉक हो जाते हैं। कपालभाति की मदद से फेफड़े की ब्लॉकेज को सही कर सकता है।
- कपालभाति से क्रॉनिक लिवर, क्रॉनिक किडनी और फैटी लिवर की समस्या दूर होती है।
- हैपेटाइटिस की समस्या को भी कपालभाति दूर करने में मददगार है।
उज्जायी
- गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके।
- इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।
भ्रामरी
- इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं।
- अब अंदर गहरी सांस भरते हैं।
- सांस भरकर पहले अपनी उंगुलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं।
- अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं।
- इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। जिससे आपको डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा। इसे 1 मिनट से शुरू करके करीब 3 मिनट तक करें।
बेहतर इम्यूनिटी के लिए खाएं
- अनार
- सेब
- छाछ
- दूध