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मोटापा और थायराइड से छुटकारा पाने के लिए करें स्वामी रामदेव के बताए ये योगासन, बीमारियां रहेगी कोसों दूर

इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम योग के रंग स्वामी रामदेव के संग को आज एक साल पूरा हो गया है। इस मुहिम में कई हस्तियों ने शिरकत की और लोगों ने स्वामी रामदेव और योग के कई रंग भी देखे। जानिए स्वामी रामदेव से योग करने और उसके फायदों के बारे में।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : April 04, 2021 11:25 IST
Swami Ramdev
Image Source : INDIA TV Swami Ramdev

इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम योग के रंग स्वामी रामदेव के संग को आज एक साल पूरा हो गया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत बीते साल लॉकडाउन के दौरान 4 अप्रैल को हुई थी। इस योग यात्रा के दौरान लोगों ने स्वामी रामदेव के सानिध्य में रोगों से लड़ने के लिए इम्यूनिटी को बूस्ट किया, साथ ही आयुर्वेद और आध्यात्म की यात्रा भी आज ही के दिन शुरू हुई थी। इस कार्यक्रम के जरिए ना केवल कोरोना बल्कि सौ बीमारियों पर यौगिक प्रहार हुआ। इस मुहिम में कई हस्तियों ने शिरकत की और लोगों ने स्वामी रामदेव और योग के कई रंग भी देखे। साथ ही योग के द्वारा करोड़ों लोगों को बीमारियों से भी बचाया। जानिए स्वामी रामदेव से योग करने और उसके फायदों के बारे में।

रोजाना जरूर करें ये 5 आसान

सर्वांगासन 

  • ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
  • एजिंग को रोकने में सहायक
  • शारीरिक संतुलन ठीक रहता है

हलासन

  • पाचन सुधारने में मदद करता है
  • मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है 
  • वजन घटाने में मदद करता है 
  • शुगर लेवल को कंट्रोल करता है
  • रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता और कमर दर्द में आराम मिलता है
  • स्ट्रेस और थकान से दूर करता है
  • दिमाग को शांति मिलती है

शीर्षासन

  • रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
  • कार्यक्षमता को बढ़ाकर एनेर्जेटिक बनाता है
  • दिमाग में ब्लड सर्कुलेट करता है
  • पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों का स्राव नियमित करता है
  • स्मरण शक्ति, एकाग्रता, उत्साह, स्फूर्ति, निडरता, आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ाता है

पश्चिमोत्तानासन

  • रीढ़ की हड्डी और कंधों में खिचाव लाता है
  • पाचन अंगों की कार्यक्षमता सही करता है
  • हाईबीपी में असरदार
  • तनाव को कम करता है
  • मोटापा कम करता है 

चक्रासन

  • तनाव और डिप्रेशन कम करता है
  • आंखों की रोशनी तेज होती है     
  • रक्त की शुद्धि और परिसंचरण को बढ़ाता है
  • हाथों, पैरों और पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और टोनिंग में मदद करता है

मोटापा दूर करने के लिए आसन

अर्ध हलासन

  • मोटापा कम करने में कारगर
  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  • खाना पचाने में असरदार
  • एसिडिटी में आराम दिलाता है

द्विचक्रिकासन 

 

  • मोटापा घटाने के लिए 
  • बढ़े पेट को सुडौल बनाता है
  • कब्ज की समस्या दूर होती है
  • कमर दर्द में आराम मिलता है

थाइराइड के लिए आसन

  • सर्वांगासन
  • हलासन
  • सिंहासन
  • हास्यासन
  • मत्स्यासन

प्राणायाम जरूर करें

कपालभाति

  • कपालभाति को प्राणायाम के अंतर्गत नहीं माना जाता है। हालांकि कपालभाति रोजाना करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है। जानिए कपालभाति को किस तरह से करना चाहिए।
  • कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
  • अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें। 
  • अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें। 
  • इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें। 

अनुलोम विलोम

  • सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
  • अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें। 
  • इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। 
  • अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें। 

भस्त्रिका

  • इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। 
  • तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  
  • इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।

फायदे

  • इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी,  लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। 
  • भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।  

उज्जयी प्राणायाम

  • गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके।
  • इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।

फायदे

मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।

भ्रामरी प्राणायाम

  • इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। 
  • अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। 
  • सांस भरकर पहले अपनी उंगुलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। 
  • अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। 
  • इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

फायदे

इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। ​​  

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