आज के समय जहां एक तरह अधिकतर लोग मोटापे की समस्या से परेशान हैं। वहीं कई ऐसे लोग भी हैं जो कम वजन के कारण परेशान हैं। ऐसे में हम की तरह के दवाओं और सप्लीमेंट का सेवन करने लगते हैं। लेकिन आपको बता दें कि जिस तरह योग और आयुर्वेद के द्वारा आप अपना वजन कम कर सकते हैं। उसी तरह इसकी मदद से आप अपना वजन तेजी से बढ़ा भी सकते हैं।
स्वामी रामदेव के अनुसार, डाइजेशन ठीक ढंग से न होना, मेटाबॉलिज्म ठीक से ना बनना, आंते कमजोर होना, पोषक तत्वों की कमी जैसी कई कारणों के कारण वजन तेजी से कम होने लगता है। जिसके कारण कमजोर हड्डियां, आत्म विश्वास की कमी, कमजोर इम्यूनिटी, जल्दी बीमार पड़ना जैसी क समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आप योग के द्वारा एक माह में 10-12 किलो वजन बढ़ा सकते हैं।
वजन बढ़ाने के लिए योगासन
दंड बैठक
स्वामी रामदेव के अनुसार रोजाना 12 तरह की विभिन्न दंडबैठक लगाने से आप अपना वजन बढ़ा सकते हैं। इससे आपका शरीर भी फिट रहेगा।
- मोटापा कम करने में करे मदद
- चर्बी तो दूर कर बॉडी को शेप दे
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाए
- पैरों और जांघों को मजबूत बनाए
- सीना और भुजाओं को करे मजबूत
- वजन को कंट्रोल करे
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सूर्य नमस्कार
रोजाना कम से कम 50 से 100 बार सूर्य नमस्कार करे।
- फेफड़ों में ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचाए
- माइग्रेन, सिरदर्द में लाभकारी
- शरीर को ऊर्जा मिलती है
- वजन बढ़ाने में कारगर
- एनर्जी लेवल बढ़ाए
- पाचन तंत्र को बेहतर बनाए
यौगिक जॉगिंग
- हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए लाभदायक।
- जांघ के मासंपशियों को लाभ।
- शरीर का फैट कम करने में करे मदद
- हाइट बढ़ाने में मददगार।
- शरीर को फिट रखने में करे मदद
द्विचक्री आसन
- शरीर के अंगों को करे सक्रिय
- पेट की चर्बी को करे कम
- शारीरिक संतुलन में करे कम
भुजंगासन
- पाचन शक्ति को रखें ठीक
- डबल चिन से दिलाए छुटकारा
- डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी
- रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत
- ब्रेन से जुड़ी समस्याओं से दिलाए छुटकारा
- हाइपरटेंशन से दिलाए छुटकारा
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मंडूकासन
- किडनी को रखें स्वस्थ
- वजन घटाने में मददगार
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- गैस और कब्ज से दिलाए छुटकारा
- डाइजेशन को रखें ठीक
- हाी बीपी के लिए
- किडनी को रखें स्वस्थ
वजन बढ़ाने के लिए करे ये प्राणायाम
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।
कपालभाति
इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट करें। हर 5 मिनट के बाद 1 मिनट आराम करें। कफ , सर्दी, जुकाम, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कैंसर, टीबी, हाइपरटेंशन, अस्थमा, खून की कमी, बीपी, हार्ट के ब्लॉकेज सहित कई बीमारियों से दिलाएं निजात।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
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भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं। इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, माइग्रेन, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।