हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने के साथ-साथ नियमित एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट, स्मोकिंग और एल्कोहाल आदि से कोसों दूरी बनाने के बाद भी कई बार हम स्वस्थ नहीं रह पाते हैं। इसका मुख्य कारण है हमारे शरीर का ठीक ढंग से काम न करना। शरीर का स्ट्रक्चरल बैलेंस ठीक ढंग से काम न करने के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
गर्दन, कंधे, घुटने, कोहनी, इंटेस्टाइन, कलाई, नाभि आदि इम्बैंलस हो जाते हैं। जिसके कारण आप कई बीमारियां जैसे कि पार्किसन, अल्जाइमर, सर्वाइकल,ऑटो इम्यून सिस्टम, स्पाइनल कोड्स , कोलाइटिस हो जाती है। स्वामी रामदेव के अनुसार शरीर अनियमित हो जाए तो उसके लिए जरूरी हैं कि आप योगासन और प्राणायाम करे। इसके द्वारा आपको शरीर सबंधी हर समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
स्ट्रक्चरल बैलेंस के लिए योगासन
सूर्य नमस्कार
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में मददगार
- पाचन तंत्र बेहतर रहता है
- शरीर में लचीलापन आता है
- स्मरण शक्ति मजबूत होती है
- वजन बढ़ाने के लिए कारगर
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- त्वचा में निखार आता है
- तनाव की समस्या दूर होती है
- वजन बढ़ान में कारगर
- शरीर का डिटॉक्स करे
- इम्यूनिटी बढ़ाएं
ताड़ासन
- एलर्जी से निपटने में कारगर
- शरीर के दर्द को करे कम
- घुटने और पीठ दर्द में दें राहत
- साइनस और माइग्रेन की समस्या से छुटकारा दिलाए
शरीर में हो गए है पानी भरे दाने तो अपनाएं ये घरेलू उपाय, कुछ ही दिनों में हो जाएंगे गायब
तिर्यक ताड़ासन
- वजन घटाने में मदद करें।
- कद बढ़ाने में करें मदद
- हाई बीपी को करें कंट्रोल
- मन को रखे शांत
- भूलने की बीमारी से दिलाए छुटकारा
योगमुद्रासन
- साइनस और माइग्रेन से छुटकारा
- पेट और दिल के लिए लाभकारी
- इम्यूनिटी बढ़ाता है
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक
- लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- डायबिटीज को रोकने में सहायक
रोजाना खाली पेट पिएं ये कमाल की ड्रिंक, पेट की चर्बी गायब होने के साथ घटेगा शरीर पर जमा फैट
मंडूकासन
- डायबिटीज ,कोलाइटिस को कंट्रोल करे।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
- कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
- पाचन तंत्र को करे सही
- लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य
- वजन घटाने में करें मदद
- माइग्रेन की समस्या से दिलाए निजात
भुजंगासन
- मोटापा दूर करने में कारगर
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनाता है
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- मेटाबॉलिज्म सुधरता है
- फेफड़ों और हार्ट की नसों के ब्लॉकेज खोलने में भी मदद मिलती है
पश्चिमोत्तानासन
- रीढ़ की हड्डी और कंधों में खिंचाव लाता है
- पाचन अंगों की कार्यक्षमता सही करता है
- हाई बीपी में असरदार
- तनाव को कम करता है
- मोटापा कम करता है
गौमुखासन
- माइग्रेन सो दूर भगाए
- लिवर, किडनी के लाभकारी
- दिल के मरीजों के लिए लाभकारी
- मोटापा कम करने में करे मदद
- गुस्सा, चिड़चिड़ापन से दिलाए छुटकरा
उष्ट्रासन
- फेफड़े मजबूत करे
- फेफड़ के दाएं और बाएं ओर ऑक्सीजन भरने में कारगर
- शरीर के दर्द को करे कम
- घुटने और पीठ दर्द में कारगर
- साइटिका का दर्द में लाभकारी
- हाइट बढ़ाने में मददगार
- तनाव और चिंता को करे कम
वृक्षासन
- कोलाइटिस की बीमारी में कारगर
- बच्चों की एकाग्रता बढ़ाए
- पैरों की मांसपेशियों को करे मजबूत
- शरीर को लचीला बनाए
- बच्चों का कद बढ़ाने में कारगर
- आंख और नाक को रखें स्वास्थ्य
गरुड़ासन
- मन और शरीर में शांति आती है।
- हाथ और पैरों की मसल्स को करे मजबूत
- साइटिका और अर्थराइटिस से दिलाए निजात
- बॉडी को डिटॉक्स करे
- ऑटो इम्यून डिजीज को रखे दूर
वक्रासन
- मांसपेशियों का खिंचाव होता है।
- वजन करे कम
- डायबिटीज को करें कंट्रोल
- फेफड़ों और लिवर को रखें मजबूत।
स्ट्रक्चरल बैलेंस के लिए प्राणायाम
भ्रस्त्रिका-
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस लें और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस आसन को रोजाना 5-10 मिनट करें।
कपालभाति-
अल्जाइमर और पार्किंसन की समस्या से निजात पाने के लिए कपालभाति काफी कारगर साबित हो सकता है। इसलिए रोजाना कम से कम 15 मिनट करें।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
स्ट्रक्चरल बैलेंस के लिए करें इन औषधियों का सेवन
- अश्वशीला और अश्वगंधा का सेवन
- त्रयोदशाम गुग्गगुल का भी सेवन करे
- गिलोय घनवटि खाली पेट खाएं
- दूध में हल्दी डालकर पी लं।
- आंवला, एलोवेरा, तुलसी का सुबह सेवन करे
- वात, दोष और पित्त के लिए त्रिफला का सेवन करे।