शरीर के हर अंग की अपनी एक अलग महत्व होता है लेकिन जब स्पाइन की बात आती है तो उसका ज्यादा ख्याल रखना पड़ता है। क्योंकि यह हमारे पूरे शरीर का भार भार होता है। ऐसे में रीढ़ की हड्डी में जरा सी परेशान आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। रीढ़ में समस्या होने के कारण गर्दन, पीठ, कमर आदि में अधिक दर्द की समस्या का सामना करना पड़ता है। लंबे समय तक एक जगह बैठने के कारण इस समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर आपके भी गर्दन-कंधे में हमेशा जकड़न बनी रहती हैं तो वह स्पॉन्डिलाइटिस के कारण हो सकती है। इसमें गर्दन और रीढ़ की हड्डी सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।
स्पॉन्डिलाइटिस में रीढ़ की हड्डियों में सूजन आ जाती है। जिसके कारण आपको चलने, फिरने, गर्दन घुमाने, झुकने आदि में काफी समस्या होती है।
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स्वामी रामदेव के अनुसार स्पाइनल समस्या का मुख्य कारण स्मोकिंग, गलत तरीके से लेटना या बैठना, अधिक वजन बढ़ना आदि शामिल है। जिसके कारण स्लिप डिस्क, सर्वाइकल, वर्टिगो, आस्टियो, अर्थराइटिस, स्पॉनिलाइटिस, स्पाइनल स्टेनोसिस, साइटिका , ट्यूमर जैसी खतरनाक बीमारियों का समस्या करना पड़ता है। ऐसे में आप इन योगासनों, प्राणायाम और एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स को दबाकर काफी हद तक रीढ़ की हड्डी को मजबूत कर सकते हैं।
स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण
- गर्दन में दर्द
- गले में जकड़न
- सिरदर्द
- कमर में जकड़न
- थकान
- उल्टी होना
- चक्कर आना
- भूख की कमी
स्पॉन्डिलाइटिस से निजात पाने के योगासन
ताड़ासन
- एलर्जी से निपटने में कारगर
- शरीर के दर्द को करे कम
- घुटने और पीठ दर्द में दें राहत
- थकान, तनाव को करे कम
- स्पाइन को रखे मजबूत
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तिर्यक ताड़ासन
- रोज करने शरीर काफी लचीला होगा।
- कमर की चर्बी पूरी तरह से करे खत्म
- कद बढ़ाने में कारगर
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
अर्द्धचक्रासन
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
- सर्वाइकल पैन से दिलाए राहत
- कमर दर्द में लाभकारी
- मोटापा कम करने में करे मदद
उष्ट्रासन
- शरीर को पोश्चर ठीक करे
- कंधों और पीठ को करे मजबूत
- किडनी को रखे स्वस्थ
- मोटापा दूर करने में सहायक
- पाचन प्रणाली को ठीक करे
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सूक्ष्म व्यायाम
रोजाना कम से कम 10 मिनट करें। इससे आपका पूरा शरीर वर्टिगों की समस्या से निजात मिल जाता है। इसके साथ ही रीढ़, कमर कंधे, जोड़ों के दर्द से भी निजात मिलता है।शरीर में थकान करे कम
- ऊर्जा, स्फूर्ति में लाभ
- बॉडी को करे एक्टिव
- शरीर में होने वाले दर्द
- शरीर में थकान नहीं होता
मकरासन
- हाइट बढ़ाने में करे मदद
- वजन कम करने में मददगार
- कमर दर्द से दिलाए राहत
- जोड़ों के दर्द में लाभकारी
- एसिडिटी से दिलाए राहत
- स्पाइन को करे मजबूत
भुजंगासन
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
- बच्चों की हाइट बढ़ाए
- फेफड़ों और कंधों को बनाए मजबूत
- गर्दन की मांसपेशियों का करे खिंचाव
- भूख बढ़ाने में कारगर
शलभासन
- पीठ दर्द में फायदेमंद
- कमर दर्द में लाभकारी
- किडनी को रोगों से बचाए
- शरीर को लचीला और मजबूत बनाए
- वजन घटाने में कारगर
- पेट की परेशानी करे दूर
- पीठ दर्द में फायदेमंद
धनुरासन
- पीठ की मसाज करे
- सीने में अच्छा खासा खिंचाव करे
- सांस लेने में दिकक्त करे कम
- कमर दर्द में लाभकारी
मर्कटासन
- सर्वाइकल में लाभकारी
- गैस और कब्ज में राहत
- सर्वाइकल, पेट दर्द से दिलाए राहत
- लीवर, अग्नाशय में दें लाभ
- पेट संबंधी समस्याों से दिलाए निजात
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सेतुबंध आसन
- दिल की रोगियों में लाभकारी
- नींद ना आने की बीमारी से दिलाए राहत
- साइनस, अस्थमा में लाभकारी
रीढ़ की हड्डी को मजबूत रखने के लिए करे ये प्राणायाम
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। जिससे आपको डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा। अस्थमा वाले रोगी तेजी से न करें।
कपालभति
कपालभाति करने से पूरे शरीर सकारात्मक ऊर्जा के साथ हर रोग से मुक्ति मिलती है। इसे रोजाना कम से कम 5-10 मिनट करना चाहिए।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी अंगुली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
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रीढ़ की हड्डी को मजबूत रखने के एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स
- हाथों की अंगूली में पीछे साइड के ऊपरी हिस्से में एक पैन की मदद धीरे-धीरे प्रेश करे।
- पैर की छोटी अंगुली के टॉप और जड़ पर तेजी से दबाएं।
- jरीढ़ की हड्डी के दर्द के लिए पैर के अंगूठे के चैनल को चबाएं।
- जिनको गर्दन में दर्द हैं तो थोड़ा सा तेल लगाकर कंधे और शोल्डर की हड्डियों को दबा लें।
कंधे, गर्दन और हाथों के दर्द के लिए अंगूठे के नीचे तीजे से 1-2 मिनट दबाएं।
अंगूठे के बगल की अंगुली के चैनल को तेजी से दबाएं।