हर व्यक्ति सेहतमंद रहना चाहता है। लेकिन कई बार ऐसा हो नहीं पाता और इसके लिए बहुत हद तक आप खुद जिम्मेदार होते है। कंधे में अकड़न, गर्दन, पीठ और कमर में दर्द की समस्या बड़ी ही कॉमन प्रॉब्लम है। लेकिन लापरवाही के चलते कब जिंदगी दर्द से भर जाती है पता ही नहीं चलता और देखते-देखते यह बड़ी बीमारी में तब्दील हो जाती है।
फ्रोजन शोल्डर, वर्टिगो, स्पॉन्डिलाइटिस ऐसी परेशानी हैं जिसकी शुरुआत तो मामूली दर्द से होती है जो गलत पॉश्चर, झुककर बैठने, झुककर काम करने, ओवर वेट होने से होती है। लेकिन धीरे-धीरे इसका असर स्पाइल कॉर्ड पर पड़ता है। जिससे स्पाइन के वर्टिब्रा और कंधे के ज्वाइंट्स में सूजन आ जाती हैं। ज्वाइंट्स के कैप्सूल स्टिफ हो जाते हैं और इसकी वजह से कंधे, गर्दन,कमर को हिलाना मुश्किल हो जाता है। दर्द की वजह से प्रभावित जगह जाम हो जाता है।
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आपको बता दें, भारत में करीब 60 प्रतिशत लोगों को स्पाइन से जुड़ी किसी ना किसी तरह की दिक्कत है। मजबूत कंधा और रीढ़ की सीधी हड्डी से हमारी पर्सनालिटी से जुड़ी हुई है। ऐसे में जरूरी है कि अपनी रीढ़ और कंधे को मजबूत रखें। स्वामी रामदेव से जानिए किन यौगिक उपायों से रीढ़ की हड्डी को बनाएं मजबूत।
स्पाइनल प्रॉब्लम की बड़ी वजह
- लैपटॉप पर देर तक काम
- स्मार्ट फोन का ज़्यादा इस्तेमाल
- गलत पॉश्चर में बैठना
- मोटापा
- एक्सरसाइज का गलत तरीका
रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने के लिए योगसन
सूक्ष्म व्यायाम
- बॉडी को एक्टिव करता है
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है
- शरीर में थकान नहीं होती
- कई तरह के दर्द से राहत
- ऊर्जा, स्फूर्ति का संचार करता है
उष्ट्रासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- मोटापा दूर करने में सहायक
- शरीर का पोश्चर सुधरता है
- पाचन प्रणाली को ठीक होती है
- टखने के दर्द को दूर भगाता है
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार
कीमोथेरेपी-रेडिएशन के साथ यौगिक थेरेपी, स्वामी रामदेव से जानिए किन उपायों से बचेगी हर जिंदगी
मकरासन
- हाई बीपी को करे कम
- वजन कम करने में करे मदद
- कमर दर्द में लाभकारी
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
- बाजुओं को बनाए मजबूत
- लिवर को रखे हेल्दी
भुजंगासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
- फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- छाती चौड़ी होती है
शलभासन
- फेफड़े सक्रिय होते हैं
- तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है
- खून को साफ करता है
- शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है
- हाथों और कन्धों की मज़बूती बढ़ाता है
धनुरासन
- पाचन की परेशानी दूर होती है
- बवासीर में भी लाभ होता है
- छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं
- पेट की चर्बी कम होता है
- मोटापे से छुटकारा मिलता है
- बीपी को करे कंट्रोल
- ब्लड शुगर को करे कंट्रोल
मर्कटासन
- रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है
- पीठ का दर्द दूर हो जाता है
- फेफड़ों के लिए फायदेमंद
- पेट संबंधी समस्या दूर होती है
- एकाग्रता बढ़ती है
- गुर्दे, अग्नाशय, लीवर सक्रिय होते हैं
पवनमुक्तासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
- रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है
सेतुबंध आसन
- फेफड़ों को उत्तेजित करता है
- साइनस, अस्थमा के मरीजों को लाभ
- तनाव और डिप्रेशन कम करता है
- पीठ और सिर दर्द को दूर करता है
- नींद ना आने की बीमारी दूर करता है
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
- थायराइड में लाभकारी
रीढ़ संबंधी बीमारियों के लिए प्राणायाम
- कपालभाति
- अनुलोम विलोम
- उज्जायी
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
रीढ़ संबंधी रोगों के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स
हाथों पर मसाज
दाएं हाथ को बाएं हाथ से पकड़े। अंगूठे और पहली उंगली के गैप को दबाएं
कमर पर मसाज
पेट के बल लेट जाएं । लोअर बैक के मिडिल में दबाएं
पंजों पर मसाज
अंगूठे और पहली उंगली के बीच दबाएं