कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ ही हर मरीज उन 14 दिनों की उल्टी गिनती शुरू कर देता है, जिसके बाद उसकी जिंदगी पहले की तरह पटरी पर लौट आए। बुखार, खांसी और बदन दर्द में तड़पता हुआ मरीज यही सोचता है कि ये 14 दिन किसी तरह से गुजरे और कोविड के लक्षणों से उसे आजादी मिले। लेकिन सोचिए अगर रिपोर्ट निगेटिव हो जाने के बाद भी ऐसा ना हो? 14 दिन बीत जाने के बाद भी ना ही कोरोना के लक्षण कम हो और ना ही परेशानियां, तब क्या होगा? आपको बता दें कि देश के हर 10 में से 1 कोरोना मरीज के साथ ऐसा ही हो रहा है, जहां वायरस तो शरीर से चला गया, लेकिन सेहत से जुड़ी हुई 10 परेशानियां वो पीछे छोड़ गया। ठीक होने में मरीज को 14 दिन नहीं, बल्कि कई बार 3-3 महीने तक का वक्त लग रहा रहै। डॉक्टर्स इसे लॉन्ग कोविड कहते हैं। लॉन्ग कोविड में मरीज को हल्का बुखार, बदन दर्द और कमजोरी रहती है। इसके साथ ही लंबे समय तक खांसी बनी रहती है। कई मरीजों को सीने में भारीपन और सांस लेने में तकलीफ भी होती है।
लॉन्ग कोविड में बीमारियों की फेहरिस्त इतने पर खत्म नहीं हो जाती है। इस दौरान मरीज को नर्व से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। धड़कन तेज होने पर, हाथ-पैर सुन्न पड़ने और कमजोर याददाश्त के मामले भी सामने आ रहे हैं। डॉक्टर्स की माने तो लॉन्ग कोविड का सबसे आम लक्षण है- थकान, जो 5 में से 4 मरीजों में देखा जा रहा है। स्पेशलिस्ट इसे पोस्ट कोविड सिंड्रोम भी कह रहे हैं और इससे जुड़ी हुई दिक्कतें पहली लहर में भी सामने आई थीं, लेकिन दूसरी लहर में ये ज्यादा खतरनाक हो गई है। खास बात ये है कि लॉन्ग कोविड के लक्षण अब बच्चों में भी दिखने लगे हैं। बच्चों में रिकवरी के बाद मांसपेशियों में दर्द, पेट से जुड़ी हुई परेशानियां, चक्कर आना, उल्टी होना और दौरे पड़ने के भी केसेस सामने आए हैं। हैरानी की बात ये है कि उन लोगों को ये दिक्कतें ज्यादा आ रही हैं, जिनमें कोरोना के लक्षण बहुत हल्के थे।
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ऐसे में हर कोरोना मरीज के मन में यही सवाल आता होगा कि उसकी सेहत पहले जैसी आखिर कब होगी? होगी भी या नहीं? लेकिन आपको बिल्कुल भी हताश या परेशान होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि योग से कोरोना के साइड इफेक्ट को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। ये कैसे होगा, ये खुद स्वामी रामदेव ने बताया है।
लॉन्ग कोविड के लक्षण (रिकवरी के बाद):
- हल्का बुखार
- बदन दर्द
- लंबे वक्त तक खांसी
- सीने में भारीपन
- धड़कन तेज होना
- सिर दर्द
- नसों की परेशानी
- कमजोर याददाश्त
- हाथ-पैर सुन्न
- पेट की परेशानी
बच्चों में लॉन्ग कोविड:
- मांसपेशियों में दर्द
- चक्कर
- उल्टी
- पेट से जुड़ी दिक्कतें
लॉन्ग कोविड में कारगर योग:
- भुजंगासन
- सर्वांगासन
- योगमुद्रासन
- शशकासन
- गोमुखासन
- उत्तानपादासन
- पवनमुक्तासन
- नौकासन
- सेतुबंधासन
- मंडूकासन
सूक्ष्म व्यायाम के फायदे:
- बॉडी को एक्टिव करता है।
- शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है।
- शरीर में थकान नहीं होती है।
- कई तरह के दर्द से राहत।
- ऊर्जा का संचार करता है।
पादहस्तासन
- दिल से जुड़ी बीमारी
- पेट की चर्बी करे कम
- लंबाई बढ़ाने में मददगार
- दिमाग में रक्त का संचार
ताड़ासन के फायदे:
- ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है।
- घुटने, टखने मजबूत बनते हैं।
- दर्द-थकान मिटाने में मददगार।
- रोज अभ्यास से लंबाई बढ़ती है।
- कब्ज ठीक होती है।
यौगिक जॉगिंग के फायदे:
- बॉडी में एनर्जी आती है।
- वजन कम करने में मददगार।
- शरीर मजबूत बनता है।
- बॉडी को फ्लेक्सिबल बनाता है।
- हाथ-पैर मजबूत होते हैं।
उष्ट्रासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- मोटापा दूर करने में सहायक
- शरीर का पोश्चर सुधरता है
- पाचन प्रणाली को ठीक होती है
- टखने के दर्द को दूर भगाता है
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार
मंडूकासन
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
- कंसंट्रेशन की क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक
- लीवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है
- डायबिटीज को रोकने में सहायक
- गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है
भुजंगासन के फायदे:
- किडनी को स्वस्थ बनाता है।
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है।
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- फेफड़ों को मजबूत बनाता है।
- पाचन ठीक होता है।
शलभासन के फायदे:
- नर्वस सिस्टम मजबूत होता है।
- खून को साफ करता है।
- शरीर मजबूत बनता है।
पवनमुक्तासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
- रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है
प्राणायाम कारगर:
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
- उज्जायी
- उद्गीथ
कमजोरी दूर करने के उपाय:
- कमजोरी को रिकवर करने के लिए योग के साथ बादाम, अखरोट, खजूर, मुनक्का और अंजीर का सेवन करें।
- सुबह उठकर अनार, सेब, पपीता- इसे खाने से पेट अच्छा हो जाता है।
- पेट खराब होने पर बेल, पका हुआ केला, उबला हुआ सेब का सेवन करें।
रिकवरी के बाद भी लंग्स लंबे वक्त तक डैमेज रहते हैं, ऐसे में फेफड़ों को मजबूत करने के लिए करें ये उपाय:
- उष्ट्रासन, अर्ध चक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन और धनुरासन करें।
- प्राणायाम कपालभाति, अनुलोम-विलोम जरूर करें।
- दूध में हल्दी, शिलाजीत, च्यवनप्राश, केसर का सेवन करें।
एसिडिटी की समस्या के लिए उपाय:
- जिन्हें बहुत ज्यादा एसिडिटी की समस्या होती है, वे एलोवेरा, व्हीट ग्रास, लौकी का जूस पिएं।
- जिन्हें बहुत ज्यादा कोलाइटिस है, वो दही के साथ अनार, दही में पका हुआ केला, उबला हुआ सेब, अनार मिलाकर खाएं।
- जिन्हें बहुत ज्यादा गैस बनती है, वे जीरा, धनिया, सौंफ, मेथी, अजवाइन रात में भिगोकर सुबह उसका पानी पिएं।
- पेट पर मिट्टी की पट्टी रख लें या फिर गीला तौलिया पेट पर रखें।
- सिर पर भी गीला तौलिया रखें।
- अंकुरित खाना खाएं।
- खाने के 1 घंटे बाद पानी पिएं।
- तली हुई चीजें बंद कर दें।
रिकवरी के बाद कमजोरी होने पर करें ये उपाय:
- लंबी-लंबी सांस लें।
- 5 बादाम और 2-3 अखरोट रात में भिगोकर सुबह पीसकर पी लें।
- दो चम्मच गाय का घी खा लें, जिन्हें कफ-कोल्ड है, वो च्वयनप्राश लें।
- दूध में हल्दी, शिलाजीत मिलाकर पिएं।
- 2 मिनट सर्वांगासन और अनुलोम विलोम करें (हाइपरटेंशन वाले ना करें)।
सिर दर्द के लिए उपाय:
- बादाम रोगन नाक में डालिए।
- कफ-कोल्ड है तो अणु तेल या सरसों का तेल डालिए।
- अनुलोम विलोम करिए।
- भ्रामरी और उद्गीथ भी कर सकते हैं।
- बादाम-अखरोट रात में भिगोकर सुबह पिएं।
कोरोना होने के बाद से बीपी और पल्स रेट तेजी से घटता-बढ़ता है? कमजोरी और घबराहट होती है तो करें ये उपाय:
- अर्जुन की छाल और दालचीनी उबालकर चाय बनाकर पिएं।
- उंगलियों के प्वॉइंट्स दबाएं।
- अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उद्गीथ करें।
- लौकी का जूस पिएं।
- दूध में मखाना उबालकर खाएं।
- सिंहासन, सर्वांगासन, हलासन करें। बीपी, शुगर, थायराइड में लाभ होता है। स्ट्रेस गायब हो जाता है।
रिकवरी के बाद स्किन पर सफेद दाग हो गए हैं तो क्या करें:
- गोधन अर्क और नीम की गोली या पत्ते सुबह-सुबह खाएं।
- तीखी-तली चीजें ना खाएं।
- एलोवेरा या नीम के पत्तों को मिलाकर मिट्टी का लेप लगा लें।