इंसान के शरीर में कई छोटे -मोटे बदलाव आते रहते हैं। उनकी मॉनिटरिंग करना बेहद ज़रूरी है। कई बार ये बदलाव किसी ख़तरनाक बीमारी की ओर भी संकेत देते है। जिन्हें समय रहते ध्यान नहीं दिया तो जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। ऐसी ही एक बीमारी है 'लिपोमा'। इसे लिपोमा नाम से भी जाना जाता है।
क्या है लिपोमा?
लिपोमा एक स्किन कंडीशन है। इसमें स्किन के अंदर गांठ बन जाती है। ऐसा लगता है जैसे स्किन की ऊपरी परत के नीचे छोटी सी गेंद हो। मसल और स्किन के बीच में फैट सेल्स ग्रो होने लगते हैं। लिपोमा स्किन में होने सबसे कॉमन ट्यूमर है। शरीर में होने वाली गांठें छोटे-बड़े दोनों साइज़ की हो सकती हैं। यह रोग महिलाओं से ज्यादा पुरुषों को होती है।
लिपोमा को लेकर घबराइए नहीं।आपको बता दें, शरीर में बनने वाले सारे गांठ कैंसर में तब्दील नहीं होते। न इनमें दर्द होता है और न ही ये फैलते हैं। हालांकि कई बार,गांठ कैंसर भी हो जाते हैं, लेकिन ऐसा सिर्फ 1 प्रतिशत होने के चांसेस होते हैं।
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शरीर में गांठ होने की वजह क्या है तो इसकी एक वजह जेनेटिक हो सकती है। अगर परिवार में लिपोमा की हिस्ट्री रही है, तो परिवार के दूसरे लोगों को होने के चांसेस रहते है वहीं कई बार मेटाबॉलिक रीजन से भी गांठें बनती हैं। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे पाए इस समस्या से छुटकारा।
शरीर में गांठ की वजह
- एक वजह जेनेटिक हो सकती है
- मेटाबॉलिक रीजन से भी गांठें बनती हैं
- कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज़ भी गांठ की वजह
- गर्दन, चेहरे, पीठ कहीं भी गांठ संभव
- कई बार गांठें अंदरूनी भी होती हैं
कैसे होता है गांठ का टेस्ट
स्वामी रामदेव के अनुसार शरीर की बाहर की गांठों को तो आप आसानी से देख सकते हैं लेकिन शरीर के अंदर किडनी, फेफड़े, पेट आदि में पड़ी गांठो के लिए अलग-अलग टेस्ट होते है। जिसमें एक्स रे, एमआईआर, अल्ट्रासाउंड जैसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
लिपोमा से निजात पाने के लिए योगासन
सूर्य नमस्कार
- डिप्रेशन दूर करता है
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
- वजन बढ़ाने में मददगार योगासन
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र बेहतर होता है
- शरीर को ऊर्जा मिलती है
- फेफड़ों तक पहुंचती है ज्यादा ऑक्सीजन
मंडूकासन
- डायबिटीज को दूर करता है
- पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
- कंसंट्रेशन बढ़ता है
- पाचन तंत्र सही होता है
- लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
गोमुखासन
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी।
- किडनी को स्वस्थ रखता है।
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है।
- पेट की चर्बी को दूर करता है।
- मोटापा कम करने में मददगार है।
- दिल को सेहतमंद रखता है।
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
उष्ट्रासन
- टखने के दर्द को दूर भगाता है।
- मोटापा दूर करने में सहायक है।
- शरीर का पॉश्चर सुधरता है।
- पाचन प्रणाली ठीक होती है।
भुजंगासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है।
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है।
- तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है।
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- छाती चौड़ी होती है।
- फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है।
शलभासन
- हाथों और कंधों की मजबूती बढ़ाता है।
- शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है।
- तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है।
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पवनमुक्तासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
उत्तानपादासन
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- कब्ज की समस्या से दिलाए लाभ
- एसिडिटी में फायदेमंद
नौकासन
- शरीर की ऑक्सीजन बढ़ाए
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- टीबी, निमोनिया को करे ठीक
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहता है
- नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी
- पाचन शक्ति अच्छी रहती हैं
- पेट, कमर, पीठ मजबूत बनती है
सेतुबंध आसन
- फेफड़ों को उत्तेजित करता है
- साइनस, अस्थमा के मरीजों को लाभ
- तनाव और डिप्रेशन कम करता है
- पीठ और सिर दर्द को दूर करता है
- नींद ना आने की बीमारी दूर करता है
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
- थायराइड में लाभकारी
लिपोमा से निजात पाने के लिए प्राणायाम
- कपालभाति
- अनुलोम विलोम
- उज्जायी
- भस्त्रिका
लिपोमा के लिए आयुर्वेदिक औषधियां
- गौधन अर्क का सुबह सेवन करे।
- काचनार। माह में एक बार जरूर काढ़ा पिएं।
- शीलासिंधु 4 ग्राम, ताम्र भस्म 1-2 ,प्रवाह पंचामृत 10 मोतीपिष्टी 2 ग्राम, संजीरी वटी 10 ग्राम, स्वर्ण वसंत मालती 2-3 ग्राम मिलाकर 7 पु़ड़िया बना लें। रोजाना सुबह- शाम इसका सेवन करे।
- आंवला, एलोवेरा, तुलसी, व्हीटग्रास, हल्दी और गौधन अर्क का सेवन करे।
- घी और दूध का सेवन बिल्कुल बंद दें।
- उबली हुई सब्जियां
- लौकी का सूप और जूस का सेवन
- दूध में हल्दी, शीताजीत के अलावा केसर डाल सकते हैं।
- सुबह खाली पेच 2 ग्राम हल्दी लें।