इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) एक आम बीमारी है। जो आपकी बड़ी आंत (large intestine) को प्रभावित करती है। जिसके कारण मरीज को पेट में सूजन, मरोड़, गैस, कब्ज, दर्द, डायरिया आदि की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह कोई बड़ी बीमारी नहीं होती हैं।इसे आसानी से लाइफस्टाइल, डाइट, जीवनशैली आदि को परिवर्तित करके कंट्रोल किया जा सकता है। लेकिन इस बात का जरूर ध्यान रखें कि इस रोग को आप नजरअंदाज न करे। इससे आपकी आंत पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
स्वामी रामदेव के अनुसार इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या का मुख्य कारण पाचन तंत्र में हो रहे बदलाव के कारण होता है। यह पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को होती हैं। इतना ही नहीं करीब 10-15 प्रतिशत युवा भी इससे प्रभावित होते हैं।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम के लक्षण
- मल से खून आना
- लगातार दर्द होना
- बुखार रहना
- अल्सरेटिव कोलाइटिस
- भूख कम लगना
- तेजी से वजन कम होना
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति मीठा, घी और दूध का सेवन न करे।
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इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम का इलाज
आयुर्वेदिक उपाय
- अनार या फिर बेल कल्प करे। यानि इन दोनों के अलावा किसी दूसरे फूड का सेवन नहीं करना चाहिए।
- छाछ, दही का सेवन करने से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम मे लाभकारी बैक्टीरिया तेजी से बढ़ेगा। जिससे आपको लाभ मिलेगा।
- कुटज घनवटी और चित्रकार वटी 2-2 गोली।
- अगर आपको बहुत अधिक समस्या है तो विल्वादि चूर्ण, गंगाधर चूर्ण 50-50 ग्राम और 10-10 ग्राम शंखकपदत्त, मुक्ताशुक्ति भस्म को मिला लें। इसके साथ ही 4 ग्राम मुक्तापिष्टी और 1- ग्राम सुबह-शाम खा लें।
इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम में कारगर योगासन
योगमुद्रासन
- कब्ज की समस्या दूर होती है
- गैस से छुटकारा मिलता है
- पाचन की परेशानी दूर होती है
- बवासीर में भी लाभ होता है
- छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं
- पेट की चर्बी कम होता है
- मोटापे से छुटकारा मिलता है
- रीढ़ की हड्डी लचीली-मजबूत बनती है
- एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है
पवनमुक्तासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
- रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है
मंडूकासन
- डायबिटीज को दूर भगाता है मंडूकासन
- पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
- कंसंट्रेशन की क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक
- लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है
- डायबिटीज को रोकने में सहायक
- गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है
- वक्रासन
- पेट पर पड़ने वाला दबाव फायदेमंद
- कैंसर की रोकथाम में बेहद कारगर
- पेट की कई समस्याओं में राहत
- पाचन क्रिया ठीक रहती है
- कब्ज को रोकने का रामबाण इलाज
उत्तानपादासन
- रीढ़ की हड्डी को दें ताकत
- भोजन पचाने में कारगर
- लिवर और किडनी को रखें हेल्दी
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाए
- तनाव और डिप्रेशन से दिलाए छुटकारा
- बीपी को करें कंट्रोल
नौकासन
- शरीर की ऑक्सीजन बढ़ाए
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- टीबी, निमोनिया को करे ठीक
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहता है
- नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी
- पाचन शक्ति अच्छी रहती हैं
- पेट, कमर, पीठ मजबूत बनती है