Highlights
- घंटों स्क्रीन में काम करने से आंखों पर बुरा असकर पड़ता है।
- आंखों को हेल्दी रखने के लिए खानपान के साथ रोजाना ये योगासन करें
खराब खानपान और अनियमित जीवनशैली के कारण आंखों से संबंधी कई समस्याओं का कारण बनता है। कई लोगों को लगातार कंप्यूटर में काम करने के कारण आंखें कमजोर हो जाती है। जिसके कारण चश्मा लगाना पड़ता है। आंखों की ठीक से देखभाल न करना, पोषक तत्वों की कमी या फिर आनुवांशिक कारणों के कारण आंखों की रोशनी कम हो जाती है।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आप अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें। इसके साथ ही रोजाना कुछ योगासन जरूर करें। जानिए कौन-कौन से योगासन करने से आपकी आंखों की रोशनी बढ़ने के साथ-साथ पूरा शरीर हेल्दी रहेगा।
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आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए रोजाना करें ये योगासन
जलनेति
यह जल द्वारा किया जाने वाली एक क्रिया है। इससे नैजल ट्रैक की सफाई ठीक ढंग से हो जाती है। इस जल में आप चाहे तो थोड़ा सा सेंधा नमक भी डाल सकते है। इसके लिए एक तरफ से नाक के होल में पानी डाला जाता है वह दूसरी तरह के होल से आसानी से निकल आता है। इसके साथ ही आपको बता दें कि इस क्रिया को करने के लिए खास पात्र की आवश्यकता होती है।
सूत्रनेति
इस क्रिया के द्वारा शरीर का शुद्धिकरण होता है। इस क्रिया के लिए पहले धागे का इस्तेमाल किया जाता है लेकिन अब यह आसानी से मेडिकल स्टोर में मिल जाता है। इस क्रिया में पहले इस सूत्र नेति को पानी से साफ करके नाक से धीरे-धीरे डाला जाता है जिसे मुंह से निकाला जाता है। मिर्गी के दौरे या अधिक चक्कर आते है तो सूत्र नेति को करने से बचें।
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त्राटक
त्राटक इधर-उधर भटकने वाली मन को एकाग्र और शांत करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इस विधि में जलता हुआ दीपक या मोमबत्ती, बिंदु आदि को एकटक देखा जाता है। इससे आपका किसी भी चीज में फोकस करने में बढ़ोत्तरी होगी।
त्राटक क्रिया बिंदू, तारा, सूर्य, चंद्रमा, दीपक और मोमबत्ती आदि पर किया जाता है, लेकिन आप दीपक से इसकी शुरुआत करें। सबसे पहले एक एकांत और शांत जगह चुने। इसके बाद आंखों के बिल्कुल सामने थोड़ी दूर दीपक रखें। किसी भी आसन में आराम से बैठ जाएं। सिर, गर्दन, पीठ को सीधा रखें। अंधेरे में ध्यान की मुद्रा केंद्रित करें। आंखों को बराबर दीपक में लाएं। दीपक की रोशनी में ध्यान दें। इसे तब तक देखते रहें जब तक आपकी आंखे थक न जाए। पलक न झपकने दें। इसके बाद आंखे बंद कर लें। फिर अपनी आंखों को ठंडे पानी से धो लें। इसे आप रोजाना या सप्ताह में 1-2 बार कर सकते हैं।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
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शीर्षासन
इस आसन को सुबह-सुबह करना चाहिए। इस आसन के लिए सबसे पहले व्रजासन की मुद्रा में बैठ जाए। इसके बाद अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को इंटरलॉक करते हिए योग मैट के ऊपर रखें। अब हथेली को कटोरी के आकार में मोड़ें और अपने सिर को झुकाकर हथेली पर रखें दें। अब धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं औप चाहे तो एक-एक करके उठा सकते हैं। इसके अलावा आप अगर योग की शुरुआत कर रहे हैं तो किसी व्यक्ति या फिर दीवार का सहारा ले सकते हैं। अब अपने जरूर को नीचे से ऊपर बिल्कुल सीधा रखें। शरीर का बैलेंस बनाकर रखें। इस मुद्रा में कुछ देर रहने के बाद आराम से पैरों को नीचे कर लें। इस आसन को करने शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से होता है। जिससे आपके बाल हेल्दी रहने के साथ शरीर मजबूत होगा।
सर्वांगासन
अगर शीर्षासन नही कर पा रहे हैं तो इस आसन को कर सकते हैं। इस आसन के लिए योग मैट में सीधे लेट जाएं। इसके बाद कमर के नीचे से धीरे-धीरे ऊपर की तरफ उठाएं और 90 डिग्री का आकार बनाएं। इसके साथ ही अपने कमर को अपने हाथों से पकड़े रहें। इस स्थिति में थोड़ी देर रूके। इसके बाद फिर पुरानी मुद्रा में वापस आ जाओ।
Disclaimer:इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इन योगासनों को करने से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें या फिर किसी योगा एक्सपर्ट की देखरेख में करें।