आज से करीब डेढ़ साल पहले बुखार आना एक बहुत आम सी बात थी। मौसम बदलने पर बुखार आ जाता था। सर्दी होने पर भी बुखार आ जाता था, लेकिन दवा लेने के बाद ये बुखार 2 से 3 दिनों में ठीक भी हो जाता था। मगर अब आज के वक्त में आप इसे सोचिए, अगर 10 से 15 दिन तक बदन तपता रहे। थर्मामीटर का पारा 104 डिग्री के आसपास बना रहे और दवा लेने पर भी बुखार उतरने का नाम ना ले। ऐसे में मरीज का क्या हाल होगा?
कोविड ने हर दूसरे घर में यही स्थिति पैदा कर रखी है। पहली वेव के मुकाबले, दूसरी लहर में कोविड मरीजों को तेज बुखार आ रहा है और कई दिनों तक उतर भी नहीं रहा है। कई मामलों में निगेटिव होने के बाद भी लो ग्रेड फीवर मरीजों में बना रहता है। डॉक्टर्स की मानें तो इस बुखार को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये बुखार 10 दिन में आपके लंग्स को 80 फीसदी तक खराब कर सकता है।
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दरअसल, कोविड के कई मामलों में आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव आ रही है, लेकिन बुखार लगातार बना हुआ है। डॉक्टर्स का ये भी मानना है कि ये कोविड निमोनिया का लक्षण हो सकता है। लगातार बुखार लंग्स में इंफेक्शन को बढ़ा सकता है और जानलेवा भी हो सकता है। देश के गांव ऐसे ही हालात से गुजर रहे हैं। यहां लोग बुखार आने पर इसे हल्के में ले रहे हैं। पूरी तरह से दवा तक नहीं ले रहे हैं तो ऑक्सीजन लेवल चेक करना तो बहुत दूर की बात है।
हैप्पी हाइपोक्सिया भी कोरोना से जान गंवाने का बड़ा कारण बनता जा रहा है। इसमें ना सांस फूलती है और ना सीने में भारीपन होता है। ऑक्सीजन लेवल 24 घंटे में 50 से नीचे चला जाता है। ये बदलते कोरोना का सबसे नया और खतरनाक लक्षण है। ऐसे में स्वामी रामदेव ने बताया है कि कैसे इन सबसे से बचा जाए और खुद को स्वस्थ बनाया जाए। उनका कहना है कि सुबह उठकर दौड़ लगाएं। साइकिल चलाएं। सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करें। यौगिक जॉगिंग और दंड बैठक करें। इससे शरीर स्वस्थ रहता है।
कोरोना का जानलेवा बुखार:
- दूसरी वेव में मरीजों को तेज बुखार
- 104 डिग्री तक बुखार
- ठीक होने के बाद लो ग्रेड फीवर
- बुखार को ना करें नजरअंदाज
- 10 दिन में लंग्स 80 फीसदी डैमेज
- बुखार इंफेक्शन का लक्षण
क्या है हैप्पी हाइपोक्सिया?
- नहीं फूलती है सांस।
- सीने में भारीपन नहीं।
- तेजी से गिरता है ऑक्सीजन।
- 24 घंटे में 50 से नीचे ऑक्सीजन।
योग से बढ़ेगी इम्युनिटी:
- भुजंगासन
- सर्वांगासन
- योगमुद्रासन
- शशकासन
- गोमुखासन
- उत्तानपादासन
- पवनमुक्तासन
- नौकासन
- सेतुबंधासन
- मंडूकासन
कोरोना इतने रूप बदल रहा है कि जरा सी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। दूसरी लहर में बुखार ने लोगों को बुरी तरह से तोड़ दिया है। ऐसे में इम्युनिटी को मजबूत करने के लिए क्या करें?
स्वामी रामदेव के मुताबिक, गिलोय और तुलसी। गिलोय से आयु बढ़ती है। बुखार दूर होता है। जिनको बहुत ज्यादा गर्मी होती है, वो रात को गिलोय भिगो दें और सुबह अच्छी तरह से कूटकर और छानकर तुलसी मिलाकर पी जाएं। इससे बुखार, अर्थराइटिस, अस्थमा, अलग प्रकार के फंगल इंफेक्शन, डायबिटीज, लो इम्युनिटी, सभी में फायदा मिलेगा।
कोरोना लंग्स पर वार करता है और निमोनिया का इंफेक्शन 2-3 दिन में भयानक रूप ले रहा है। ऐसे में लंग्स के लिए जरूरी योगासन:
सूर्य नमस्कार- डिप्रेशन दूर करता है। एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है। वजन घटाने में मददगार है। शरीर को डिटॉक्स करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है। शरीर को ऊर्जा मिलती है। फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है।
उष्ट्रासन: टखने का दर्द दूर होता है। मोटापा कम होता है। शरीर का पॉश्चर सुधरता है। डायजेशन अच्छा होता है। हार्ट मजबूत बनेगा।
गोमुखासन: डायबिटीज कंट्रोल होती है। फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। लिवर और किडनी के रोग दूर होते हैं।
मरीज के ऑक्सीजन लेवल को कैसे बढ़ाएं?
स्वामी रामदेव के मुताबिक, जिनका भी ऑक्सीजन लेवल गिरने लगे वो सहज योगाभ्यास करें। सूक्ष्म व्यायाम। लंबे लंबे सांस लें। जल्दी योगाभ्यास ना करें। धीरे-धीरे कपालभाति करें। प्राणायाम जरूर करें।
सर्वांगासन के फायदे: तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है। एकाग्रता बढ़ती है। याद की हुई चीजें भूलते नहीं।
सूक्ष्म व्यायाम: बॉडी को एक्टिव करता है। शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है। शरीर में थकान नहीं होता है। कई तरह के दर्द से राहत मिलती है। ऊर्जा का संचार करता है।
प्राणायाम कारगर:
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
- उज्जायी
- उद्गीथ
भस्त्रिका के फायदे: लंग्स क्लियर करता है। वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है। दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है। अस्थमा के रोग को दूर करता है।
अनुलोम विलोम के फायदे: बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। तनाव और चिंता दूर होती है। वजन घटाने में बेहद कारगर प्राणायाम। दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है।
उज्जायी प्राणायाम: दिमाग को शांत करता है। शरीर में गर्माहट आती है। दिल को रोगों में फायदेमंद है। ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है।
थकान और कमजोरी के लिए करें ये उपाय:
- आंवला, एलोवेरा, व्हीटग्रास, गिलोय और तुलसी लें।
- बादाम, अखरोट, मुनक्का, अंजीर और खजूर- दूध में मिलाकर रोजाना पीने से ताकत मिलती है।
- तिल, नारियल, सोया, बादाम, अखरोट फायदेमंद।
- सुबह-सुबह जड़ी-बूटियों का रस फायदेमंद।
मसल्स और बॉडी पेन के लिए:
- चंद्रप्रभा और ऑर्थोग्रीट का सेवन करें।
- अश्वगंधा, शतावर, सफेद मूसली, कोच-बला बीज- सबका पाउडर बना लें और 1-1 ग्राम रोजाना लें।
- अश्वशिला कैप्सूल एक-एक गोली लेने से लाभ।
- इम्यूनोचार्ज और इम्यूनोग्रीट फायदेमंद।
तेज बुखार होने पर:
- गिलोय घनवटी, सुदर्शन घनवटी, ज्वरनाशकवटी
- खाने के बाद एक-एक गोली तीन बार लें।
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त्रिफला के लाभ:
- एंटी इंफ्लामेटरी गुण
- एंटी-ऑक्सीडेंट गुण
- रोज सुबह त्रिफला जूस का सेवन करें।
- इम्यून सिस्टम मजबूत करता है।
इम्युनिटी के लिए:
- गिलोय
- तुलसी
- अश्वगंधा
- (खाने के बाद 1-1 गोली लें)
गोल्डन मिल्क:
- दूध में हल्दी डालकर उबालें।
- रात में सोने से पहले पिएं।
- इम्युनिटी को बढ़ाता है।
सेहतमंद दिल के लिए:
- हृद्यामृत हार्ट प्रॉब्लम के लिए बेहद कारगर है।
- अर्जुन की छाल और दालचीनी का काढ़ा पिएं।
शुगर बैलेंस:
- खीरा, करेला, टमाटर का जूस पिएं।
- गिलोय और सदाबहार का रस फायदेमंद।
- कुटकी और चिरैता भी शुगर में कारगर।
- दलिया और मिक्स्ड आटा बेहद लाभदायक।
हाई बीपी और स्ट्रेस के लिए:
- सौंफ, जटामासी, ब्राह्मी, शंखपुष्पी का रस लें।
- अश्वगंधारिष्ट और सारस्वतारिष्ट भी कारगर।
- लौकी का जूस हाई बीपी में संजीवना है।
मजबूत लंग्स के लिए:
- श्वसारि क्वाथ रोजाना पिएं।
- डैमेज लंग्स में श्वसारि गोल्ड बेहद कारगर।
- लक्ष्मीविलास, संजीवनी वटी और श्वसारि गोल्ड- खाना खाने के बाद एक-एक गोली लें।
- नियमित स्टीम लेना फायदेमंद।
- लहसुन, अदरक, प्याज और हल्दी का लेप लगाएं।
- चेस्ट के लिए लहसुन, अदरक, प्याज और हल्दी से लाभ।
- खांसी होने पर खदरादिवटी-लॉन्गादिवटी लें।
मजबूत दिमाग के लिए:
- ब्रेन के लिए मेधावटी, न्यूरोग्रीट, मेधाक्वाथ लें।
- नींद नहीं आती तो बादाम रोगन का प्रयोग करें।
- मेमोरी लॉस में दूध के साथ बादाम और अखरोट लें।
एसिडिटी के लिए:
- जीरा, धनिया, मुलैठी, गुलाब का पानी पिएं।
- व्हीटग्रास, एलोवेरा कारगर।
- लौकी का जूस पीने से एसिडिटी दूर होती है।
लिवर के लिए औषधि:
- भूमि आंवला, पुनर्नवा, मकोय
- सुबह-शाम ताजा रस या काढ़ा ले।
- लिवामृत की 2-2 गोली लें।
- सुबह-शाम खाली पेट लें।
- धनिया, सौंफ, अजवाइन, मेथी, जीरा
- रात में भिगोय, सुबह पी लें।
- अनार और सेब खाएं।
जॉन्डिस के लिए:
- अरंड के पत्ते का रस।
- श्योनाक की छाल का ताजा रस।
- 3-7 दिन में पीलिया ठीक।