स्वामी रामदेव के अनुसार योग हमारे व्यक्तित्व का संतुलन करता है। इसके द्वारा हर तरह की बीमारी कोसों दूर रहते हैं। योग 3 तरह की होते है। अगर आप योग करने की शुरुआत करने वाले हैं तो इन योगासनों को करें। इससे आपका शरीर हेल्दी रहने के साथ-साथ लचीला होगा।
बिगनर्स सूक्ष्म व्यायाम से करें शुरुआत
योगासन की शुरुआत सूक्ष्म व्यायाम से करना चाहिए। इससे आपका शरीर चुस्त रहता है। यह पूरे शरीर को हेल्दी रखने के साथ शरीर जोड़ों में जमा टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है। इस आसन में आप चक्की आसन, स्थित कोणासन , तितली आसन आदि कर सकते हैं।
बिगनर्स करें ये 12 योगासन
ताड़ासन- इससे पूरी बॉडी की स्ट्रेचिंग हो जाती है। पैर, जांघ और घुटने मजबूत होते है। इसके साथ ही हाइट बढ़ने और वजन कम करने में मदद करता है।
कोणासन- इस आसन को करने से पूरी शरीर की स्ट्रेचिंग हो जाती है। अगर कमर दर्द है तो वह आगे ज्यादा न झुकें वहीं अगर हार्निया है तो पीछे ज्यादा झुकने से बचें।
पादहस्तासन- दिल से जुड़ी बीमारी, पेट की चर्बी, लंबाई बढ़ाने, दिमाग में रक्त का संचार में फायदेमंद।
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मंडूकासन- मधुमेह वालों के लिए फायदेमंद। पैंक्रियाज में इंसुलिन रिलीज करने के साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करें।
उष्ट्रासन- इस योग को करने से पाचन और प्रजनन प्रणाली ठीक से काम करती है। पीठ दर्द, थायरॉयड आदि से निजात मिलता है।
अर्ध मत्स्येंद्रासन- डायबिटीज, पेट, पीठ दर्द से निजात दिलाएं। रीढ़ की हड्डी में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाएं। स्पाइन को लचीला बनाता है।
व्रकासन- अगर अर्ध मत्स्येंद्रासन नहीं कर पा रहे हैं तो इस आसन को कर सकते हैं। इससे भी वहीं लाभ मिलते है।
गौमुख आसन- इस आसन को 5 मिनट तक किया जा सकता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत, बवासीर में उपयोगी, लिवर-किडनी के लिए फायदेमंद।
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भुंजागासन- इस आसन को करने से लंबाई बढ़ती है। इसके साथ ही शरीर की थकावट कम होती है। पेट की चर्बा से भी दिलाएं निजात।
मर्कटासन- पीठ दर्द से निजात, रीढ़ की हड्डी संबंधी हर समस्या से निजात, सर्वाइकल, गैस्ट्रिक, गुर्दे के लिए फायदेमंद।
शलभासन- इस आसन को करने से पूरा शरीर फिट रहता है।
उत्तानपादासन- छाती और मांसपेशियों में खिंचाव, पीठ के दर्द से निजात के साथ ही रीढ़ की हड्डी से सबंधी हर समस्या से निजात मिलता है। इसके साथ ही डायबिटीज कंट्रोल होने के साथ गर्दन और मांसपेशियों में खिंचाव होता है।
बिगनर्स करें ये प्राणायाम
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेंकड में सांस ले और 5 सेंकड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेंकड सांस लें और ढाई सेंकड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी, लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।
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कपालभाति
इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट करें। हर 5 मिनट के बाद 1 मिनट आराम करें। सामान्य व्यक्ति 3 बार 5-5 मिनट करें। इस आसन को हाइपरटेंशन, अस्थमा, खून की कमी, बीपी, हार्ट के ब्लॉकेज वाले लोग 2 सेकंड में एक स्ट्रोक करें। बीपी, थायराइड, सोराइसिस, कैंसर, हार्ट समस्या से ग्रसित लोग धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर कम से कम 1-1 घंटा करें।
कौन न करें कपालभाति
पेट या हार्ट की सर्जरी हुई है तो 3 माह बाद कपालभाति करें।
गर्भवती महिलाएं इस आसन को करने से बचें।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस आसन को करने से त्वचा संबंधी, दमकती त्वचा, डायबिटीज, ब्रेन संबंधी हर समस्या, तनाव, दिमाग को शांत रखें, ब्लड सर्कुलेशन ठीक रखने के साथ पाचन तंत्र को फिट रखने में मदद करता है।
उज्जयी प्राणायाम
गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े। इस आसन को करने से मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा।
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उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं। इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।।
सूर्य नमस्कार
इस आज के पूरे 12 पोज होते हैं। रोजाना सुबह के समय सूर्य के सामने इसे करने से शरीर को विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिलता है जिससे शरीर को मजबूती मिलने के साथ ही स्वस्थ रखने में भी मदद मिलती है। इसके साथ ही आप दिनभर एनर्जी से भरपूर रहते हैं।
अपनाएं ये घरेलू उपाय
कई लोगों को योगासन करते समय अधिक डकार आती हैं। वैसे यह कोई बुरी बात नहीं है लेकिन आप चाहे तो इसके लिए घरेलू उपाय अपना सकते हैं। इसके लिए जीरा, धनिया, अजवाइन, सौंफ को थोड़ा कूट कर रात में पानी में भिगो दें और सुबह इसका सेवन कर लें।
अगर आपको योगासन करते हुए चक्कर आते हैं तो आराम-आराम से योगासन करें। इसके साथ ही सौंफ का पानी पीने से चक्कर आने की समस्या से निजात मिलता है।