12 योग से ठीक होगा बैक पेन-स्लिप डिस्क और सर्वाइकल, स्वामी रामदेव से जानिए स्पाइन के लिए आयुर्वेदिक थेरेपी
12 योग से ठीक होगा बैक पेन-स्लिप डिस्क और सर्वाइकल, स्वामी रामदेव से जानिए स्पाइन के लिए आयुर्वेदिक थेरेपी
कुछ बातों को अगर हम आदत का हिस्सा बना लें तो तमाम स्पाइन प्रॉब्लम्स से बच सकते हैं। जरूरी है कि रोजाना योग करें। अपना वजन न बढ़ने दें। खान-पान का सही तरीके से ध्यान रखें। उठने-बैठने का पॉश्चर सही रखें।
अब बहुत ज्यादा सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि कोरोना का डेल्टा से भी घातक वैरिएंट आ सकता है, जो कोविड-19 वैक्सीन को भी धोखा दे सकता है। डेल्टा वैरिएंट नए रूप में तबाही मचा सकता है- ये अमेरिकी सलाहकार की चेतावनी है। वैक्सीन के बाद स्कूल, कॉलेज और दफ्तर पूरी तरह से खुलने लगे हैं। लोग ये उम्मीद लगाए हुए थे कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति के एडवाइजर एंथनी फॉसी की बातों में दम है, तो इसका मतलब यही हुआ कि अभी वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी।
अगर यूं ही वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन पढ़ाई जारी रही तो स्पाइनल हेल्थ का क्या होगा? पहले से ही लोग रीढ़ की तमाम दिक्कतों से जूझ रहे हैं। पिछले 15 महीनों में लोगों की पीठ, कमर, गर्दन सब जवाब देने लगे हैं। ये बात ज्यादा गंभीर इसलिए भी है, क्योंकि रीढ़ की हड्डी से नर्वस सिस्टम और ब्रेन डायरेक्ट जुड़ा हुआ होता है। लिवर, किडनी, हार्ट, इंटेस्टाइन ये सभी वाइटल ऑर्गन स्पाइन पर टिके होते हैं। इसीलिए स्पाइन का हेल्दी होना बहुत जरूरी है।
कुछ बातों को अगर हम आदत का हिस्सा बना लें तो तमाम स्पाइन प्रॉब्लम्स से बच सकते हैं। जरूरी है कि रोजाना योग करें। अपना वजन न बढ़ने दें। खान-पान का सही तरीके से ध्यान रखें। उठने-बैठने का पॉश्चर सही रखें। वर्क फ्रॉम होम और ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से स्पाइन को हेल्दी और स्ट्रॉन्ग रखना अब सभी के लिए ज्यादा जरूरी हो गया है। हाल के दिनों में रीढ़ की परेशानियों से जुड़े कई सवाल सामने आए हैं। आज स्वामी रामदेव ने इन्हीं सवालों के जवाब दिए हैं और बैक पेन, स्लिप डिस्क, सर्वाइकल से निजात दिलाने के उपाय बताए हैं।
रीढ़ का रखें ख्याल
रीढ़ की हड्डी में 33 वर्टिब्रा होते हैं।
स्पाइन के वर्टिब्रा 4 तरह के होते हैं।
सर्वाइकल वर्टिब्रा C-1 से C-7 तक होता है।
थोरेसिर वर्टिब्रा T-1 से T-12 तक होता है।
लंबर वर्टिब्रा L-1 से L-5 तक होता है।
सेकरम वर्टिब्रा S-1 से S-5 तक होता है।
स्पाइनल प्रॉब्लम्स:
स्लिप डिस्क
सर्वाइकल
ऑस्टियो अर्थराइटिस
स्पाइनल स्टेनोसिस
बैक पेन
साइटिका
रीढ़ की परेशानी?
मोटापा
अधिक उम्र होना
ज्यादा वजन उठाना
स्मोकिंग
गलत पॉश्चर में बैठना
डिफिशिएंसी
स्लिप डिस्क- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस
बैक पेन- एंकिलॉजिंग स्पॉन्डिलाइटिस
वर्टिगो- फ्रोजन शोल्डर
स्पाइन से जुड़ी समस्याओं के लिए स्वामी रामदेव ने बताए कारगर उपाय
स्वामी रामदेव का कहना है कि जो लोग सूक्ष्म व्यायाम, ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, अर्ध चक्रासन जैसे 15 योगाभ्यासों को अपना लेंगे तो वो 1 से 2 सप्ताह के अंदर सालों पुराने गर्दन, कंधों, सर्वाइकल जैसे दर्द को दूर कर लेंगे। यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि हर योगाभ्यास 10 सेकंड नहीं, बल्कि लगभग 10 मिनट तक करना है।
स्वामी रामदेव के मुताबिक, योगासन के साथ-साथ यहां ध्यान रखने वाली बात ये है कि ज्यादा वजन नहीं उठाना चाहिए। ज्यादा आगे नहीं झुकना चाहिए। कॉन्स्टिपेशन नहीं रहना चाहिए। बैठने का पॉश्चर सीधा होना चाहिए। रीढ़ की हड्डी सीधी होना चाहिए। उल्टा लेटकर सोएं तो मकरासन की पॉजिशन में सोएं। सीधे लेकर सोएं तो शवासन के आसन में सोएं। अगर करवट लेना पड़े तो करवट में कमर टेढ़ी नहीं होनी चाहिए। खट्टी चीजें ज्यादा नहीं खानी चाहिए। थोड़े दिन खटाई बंद करनी पड़ेगी। चिंता से तनाव से वात रोग बढ़ता है। सभी प्रकार के दर्द बढ़ते हैं। इसलिए चिंता से मुक्त रहें।
अपनी डाइट में प्रोटीन पूरा लें। इससे मसल्स मजबूत रहेंगी। कैल्शियम पूरा लें तो उससे हड्डियां मजबूत रहेंगी। धूप में कम से कम आधा से एक घंटा बैठें। इससे विटामिन डी ठीक रहेगा। मकई की रोटी, मोटा अनाज खाना चाहिए। चावल और गेहूं छोड़कर बाजरा, मकई, ज्वार, चौलाई, सिंघाड़ा का सेवन करें। ये रीढ़ की हड्डी के लिए बहुत जरूरी है। कभी कभी शहजन का प्रयोग करना चाहिए। ओमेगा के लिए अलसी के बीज का इस्तेमाल करना चाहिए। पेट साफ करने के लिए हफ्ते में 1 या 2 बार शाम को त्रिफला चूर्ण का सेवन करें।
स्पाइन का असर
गर्दन
कंधा
पीठ
कमर
कमर दर्द करे परेशान
नर्वस सिस्टम
हार्ट
लिवर
किडनी
इंटेस्टाइन
बैक पेन से राहत?
95 फीसदी कमरदर्द में सर्जरी की जरूरत नहीं।
योग एक्सरसाइज से दर्द में आराम
लाइफस्टाइल बदलने से मिलेगी राहत।
रोजाना करें योग
सूर्य नमस्कार
उष्ट्रासन
भुजंगासन
चक्रासन
धनुरासन
गोमुखासन
सर्वांगासन
उत्तानपादासन
अर्धचक्रासन
शलभासन
अर्ध चक्रासन के फायदे
रीढ़ की लचीला बनाता है।
मोटापे को कम करता है।
पेट की चर्बी कम करता है।
फेफड़ों के लिए लाभदायक है।
उष्ट्रासन के फायदे
किडनी को स्वस्थ बनाता है।
मोटापा दूर करने में सहायक।
शरीर का पोश्चर सुधरता है।
पाचन प्रणाली ठीक होती है।
टखने के दर्द को दूर भगाता है।
मकरासन के फायदे
लंग्स मजबूत करता है।
कमर दर्द में आराम मिलता है।
तनाव दूर होता है।
पेट से जुड़ी समस्याओं में फायदेमंद।
भुजंगासन के फायदे
किडनी को स्वस्थ बनाता है।
लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है।
तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है।
कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है।
फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है।
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
छाती चौड़ी होती है।
मर्कटासन के फायदे
रीढ़ की हड्डी लचीली बनाता है।
पीठ का दर्द दूर हो जाता है।
फेफड़ों के लिए फायदेमंद है।
पेट संबंधी समस्या दूर होती है।
एकाग्रता बढ़ता है।
गुर्दे, अग्नाशय, लिवर सक्रिय होते हैं।
पवनमुक्तासन के फायदे
फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं।
अस्थमा, साइनस में लाभकारी।
किडनी को स्वस्थ रखता है।
बीपी को कंट्रोल करता है।
पेट की चर्बी को दूर करता है।
मोटापा कम करने में मददगार है।
दिल को सेहतमंद रखता है।
सेतुबंधासन के फायदे
पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
पाचन क्रिया को ठीक करता है।
साइनस के लिए फायदेमंद।
पाचन क्रिया को ठीक करता है।
तनाव कम होता है।
स्पाइन के लिए एक्यूप्रेशर
स्पाइन के लिए एक्यूप्रेशर
हाथों पर मसाज: अंगूठे और पहली उंगली के बीच दबाएं। इसके बाद दाएं हाथ को बाएं हाथ से पकड़ें। फिर अंगूठे और पहली उंगली के गैप को दबाएं।
कमर पर मसाज: पेट के बल लेट जाएं। लोअर बैक के बीच में दबाएं।
स्पाइन के लिए एक्यूप्रेशर
जिन लोगों के हाथ-पैरों में झनझनाहट होती है तो उन्हें अनुलोम विलोम और भस्त्रिका जरूर करना चाहिए। शरीर की मसाज करें और स्टीम जरूर लें।
कारगर प्राणायाम
भस्त्रिका
भ्रामरी
उज्जायी
उद्गीथ
अनुलोम विलोम
कपालभाति
स्पाइनल के लिए औषधि
रसराज रस 10 ग्राम लें।
योगेंद्र रस 1 ग्राम लें।
बसंत कुशमाकर 1 ग्राम लें।
प्रबाल पंचामृत 1 ग्राम लें।
मोतीपिष्टी 4 ग्राम लें।
सभी को मिला दें और 1 ग्राम सुबह-शाम लेने से बैक पेन में आराम मिलता है।
चंद्रप्रभावती, अश्वशिला, त्रियोदशांक गुग्गुल- खाना खाने के बाद 1-1 गोली लें।
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