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अस्थमा का निकालना है दम तो रोज 30 मिनट करें ये योगासन, स्वामी रामदेव से जानिए तरीका

स्वामी रामदेव के अनुसार योगसन और प्राणायाम के द्वारा आसानी से अस्थमा के मरीज इसे कंट्रोल कर सकते हैं। इसके साथ ही फेफड़ों को मजबूत रख सकते हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : June 08, 2020 10:37 IST

दुनियाभर में करीब 24 करोड़ लोग अस्थमा से पीडित हैं। वहीं भारत की बात की जाए तो करीब 2 करोड़ लोग इस बीमारी के शिकार हैं। कई लोगों को अस्थमा की बीमारी जेनेटिक तो कई ऐसे लोग एलर्जी के कारण भी इस रोग के शिकार हो जाते हैं। अगर सही समय में अस्थमा का इलाज नहीं किया गया तो यह अटैक का रूप ले लेता है जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। स्वामी रामदेव के अनुसार योग में ऐसी पावर है जिसके द्वारा आप आसानी से अस्थमा से निजात पा सकते हैं। यहां हम आपको कुछ योगासन बता रहे हैं जिन्हें करके अस्थमा के मरीज खुद को हमेशा के लिए फिट रख सकते हैं। 

अस्थमा के मरीज करें ये प्राणायाम

भस्त्रिका-  इस प्राणायाम को करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। जिससे आपको डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा। इसे 1 मिनट से शुरू करके करीब 3 मिनट तक करें।

कपालभाति- इस प्राणायाम को करने से  पैंक्रियाज के बीटा सेल्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं। जिससे तेजी से इंसुलिन बनने लगता है। इसके अलावा इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहने के साथ मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। रेस्पिरेटरी सिस्टम मजबूत होता है। शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। शरीर के टॉक्सिन बाहर निकलता है।

भ्रामरी- इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को  5 से 7 बार जरूर करना चाहिए।  5 मिनट में ही बॉडी रिचार्ज करें। अनिद्रा, क्रोध और चिंता को करें कम। शरीर की प्रणाशक्ति बढाएं।

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अनुलोम विलोम- सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस प्राणायाम को करने से क्रोनिक डिजीज, तनाव, डिप्रेशन, हार्ट के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा ये मांसपेशियों की प्रणाली को भी ठीक  रखता है। इसे 10 से 15 मिनट करें। 

 
सूर्य नमस्कार- यह पूरी बॉडी को फिट रखता है। यह अस्थमा के रोगियों के लिए काफी अच्छा है। जो लोग कर सके वो इस प्राणायाम को करें। इस आसन को आराम-आराम से करें। 

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उद्गीथ- इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं।  इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है। इसके साथ ही फेफड़े हेल्दी रहते है।

अस्थमा के मरीज करें ये योगासन

उष्ट्रासन- ये योगासन फेफड़ों को स्वस्थ्य रखता है। इसके अलावा फेफड़ों से जुड़ी हर समस्या से निजात मिलता है। 

अर्द्ध उष्ट्रासन- अगर आप उष्ट्रासन नहीं कर पा रहे हैं तो फिर इस योगासन को कर सकते हैं। इससे भी अस्थमा को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। 

अर्ध मत्स्येंद्रासन- इस आसन को करने से मोटापा कम होता है। हाई बीपी नियंत्रित होती है। आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। इसके साथ-साथ लिवर और किडनी भी स्वस्थ्य रहता है। 

गौमुखासन - इस आसन को करने से आपकी मांसपेशियों में खिंचाव होता है। जिसके साथ ही आपके फेफड़े हेल्दी रहते हैं।  

मकरासन

Image Source : INDIA TV
मकरासन

मकरासन- यह आसन फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। कमर, घुटनों आदि के दर्द से लाभ मिलेगा। पेट से जुड़ी समस्याओं को लाभ। ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल। वजन कम करने में करें मदद।

भुजंगासन- यह आसन अस्थमा  के रोगियों के लिए फायदेमंद है। इस आसन को करने से फेफड़ों में खिंचाव होता है। साथ ही फेफड़ों में ऑक्सीजन पहुंचती है। 

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शलभासन- इस आसन को करने से  आपके फेफड़े सक्रिय हो जाते है।  जिससे अस्थमा की समस्या कंट्रोल हो जाती है।

पवनमुक्तासन- इस योगासन को करने से पेट की चर्बी कम होती है। मोटापा से दिलाएं निजात, हार्ट को रखें सेहतमंद। ब्लड सर्कुलेशन को रखें ठीक, इसके साथ-साथ रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत।

उत्तानपादासन-  किडनी- लिवर को करें सक्रिय, गर्दन की मांसपेशियों की खिंचाव करता है। तनाव डिप्रेशन से निजात दिलाता है। इसके साथ ही फेफड़ों को भी रखें हेल्दी।

नौकासन-  बदहजमी से निजात दिलाता है। कमर और पेट सुडौल बनता है। इसके साथ ही किडनी और लिवर को हेल्दी रखता है।   

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