देश में हर 5 में से 1 व्यक्ति अर्थराइटिस की समस्या का सामना कर रहा है। इसका मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल, खानपान के साथ हड्डियों को सूर्य की रोशनी न मिलने के कारण शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाना माना जाता है। आमतौर पर गठिया की समस्या एक उम्र के बाद होती है। लेकिन आज के समय में 30 साल की उम्र में ही अर्थराइटिस के लक्षण नजर आने लगते हैं।
अर्थराइटिस भी दो तरह का होता है। एक ऑस्टियो अर्थराइटिस होता है जो कार्टिलेज टूटने और घिसने से होता है और दूसरा रेमिटाइड अर्थराइटिस जो कि कमजोर इम्युनिटी की वजह से होता है। इन सब की पीछे की वजह से है एक्सरसाइज की कमी और योग की कमी। स्वामी रामदेव के अनुसार योग के द्वारा आप अर्थराइटिस से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। जानिए किन योगासन करने से मिलेगा लाभ।
अर्थराइटिस के लक्षण
- ज्वाइंट्स में दर्द
- घुटनों मे सूजन
- चलने-फिरने में समस्या
- ज्वाइंट्स के अकड़न
- उठने में समस्या
अर्थराइटिस होने का कारण
- दवाई का साइड इफेक्ट्स
- कैल्शियम की कमी
- खराब इम्यूनिटी
- हैरिडिटी की वजह से
अर्थराइटिस की समस्या से छुटकारा पाने के योगासन
यौगिक जॉगिंग
- घुटनों के योग के लिए फायदेमंद
- जांघ की मांसपेशियों का करे खिचांव
- शरीर को सुडौल बनाए
- शरीर को ऊर्जावान बनाए
- सभी अंगों को करे एक्टिव
- वजन कम करने में कारगर
सूक्ष्म व्यायाम
- जोडों के दर्द को करे कम
- बॉडी को करे डिटॉक्स
- कई तरह के दर्द से दिलाए राहत
- नर्वस सिस्टम को रखे ठीक
- बॉडी को करे एक्टिव
अस्थमा की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आजमाएं ये घरेलू उपाय, कुछ ही दिनों में देखें कमाल
मंडूकासन
- मंडूक का अर्थ है मेंढक अर्थात इस आसन को करते वक्त मेंढक के आकार जैसी स्थिति प्रतीत होती इसीलिए इसे मंडूकासन कहते हैं
- डायबिटीज , कोलाइटिस को कंट्रोल करे।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
- कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
- पाचन तंत्र को करे सही
- गठिा रोग में लाभकारी
- लिवर, किडनी को रखे स्वस्थ्य
- वजन घटाने में करें मदद।
शशकासन
- डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी।
- थकान को भगाकर एनर्जी दें।
- मोटापा कम करने में मददगार।
- लिवर, किडनी रोग के लिए फायदेमंद।
- तनाव और चिंता को करे कम।
- क्रोध, चिड़चिड़ापन से दिलाएं निजात।
- अर्थराइटिस से दिलाए निजात
- मानसिक रोगों के लिए फायदेमंद।
उष्ट्रासन
- फेफड़े मजबूत करे
- फेफड़े के दाएं और बाएं ओर ऑक्सीजन भरने में कारगर
- शरीर के दर्द को करे कम
- घुटने और पीठ दर्द में कारगर
- साइटिका का दर्द में लाभकारी
- हाइट बढ़ाने में मददगार
- तनाव और चिंता को करे कम
- अस्थमा रोगियों के लिए कारगर
- गैस और कब्ज से दिलाए निजात
- फेफड़ों को रखें स्वस्थ्य
- पाचन प्रणाली को करे ठीक
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मंडूकासन
- डायबिटीज ,कोलाइटिस को कंट्रोल करे।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।
- कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
- पाचन तंत्र को करे सही
- अर्थराइटिस की समस्या
- लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य
- वजन घटाने में करें मदद
- माइग्रेन की समस्या से दिलाए निजात
भुजंगासन
- मोटापा दूर करने में कारगर
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनाता है
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- मेटाबॉलिज्म सुधरता है
- फेफड़ों और हार्ट की नसों के ब्लॉकेज खोलने में भी मदद मिलती है
ताड़ासन
- अर्थराइटिस की समस्या से दिलाए निजात
- हाइट बढ़ाने में फायदेमंद
- वजन कम करने में करें मदद
- घुटने और पीठ दर्द में फायदेमंद
- पैर, जांघ, घुटनों को करें मजबूत
- कब्ज की समस्या दूर करें
- सांस की बीमारी से निजात दिलाएं
- स्लिप डिस्क होने की संभावना कम करें
- शरीर की थकान कम करके स्फूर्ति भरें
तिर्यक ताड़ासन
- हाइट बढ़ाने में फायदेमंद
- रीढ़ की हड्डी की मालिश होती है
- वजन कम करने में करें मदद
- घुटने और पीठ दर्द में फायदेमंद
- पैर, जांघ, घुटनों को करें मजबूत
- शरीर के हर दर्द से दिलाए छुटकारा
- कब्ज की समस्या दूर करें
- सांस की बीमारी से निजात दिलाएं
पादहस्तासन
- पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह तेज होता है
- सिर की मांसपेशियों को इसका विशेष लाभ मिलता है
- शरीर में लचीलापन आता है
- थकान दूर करने और एकाग्रता बढ़ाने में लाभकारी है
भुजंगासन
- मोटापा दूर करने में कारगर
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनाता है
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- मेटाबॉलिज्म सुधरता है
- गठिया रोग में फायदेमंद
मर्कटासन
- मानसिक शांति प्रदान देता है
- पेट संबधी रोग दूर करता है
- कमर की चर्बी को कम करता है
- शरीर में स्फूर्ति और ताजगी आती है
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उत्तानपादासन
- पैर में होने वाली सनसनाहट और दर्द की शिकायत दूर हो जाती है
- पैरों में सूजन की समस्या से छुटकारा मिलता है
गरुड़ासन
- स्पाइन, कमर और कंधे को खिंचाव करे
- हाथ और पैर के मसल्स को रखे मजबूत
- बॉडी को करे बैलेंस
- मन और शरीर को रखें शांत
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अर्थराइटिस की समस्या से निजात पाने के लिए करे ये प्राणायाम
भ्रस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस लें और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस आसन को रोजाना 5-10 मिनट करें।
कपालभाति
रोजाना कपालभाति करने से आपके नर्वस सिस्टम के न्यूरॉन ठीक ढंग से काम करेंगे। जिससे आपको मिर्गी की समस्या नहीं होगी। इसके लिए रोजाना 10-15 मिनट कपालभाति करे।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
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भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।