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अर्थराइटिस में क्या खाएं? दर्द निवारक तेल कैसे बनाएं? स्वामी रामदेव से जानिए गठिया से छुटकारा पाने के असरदार उपाय

अर्थराइटिस 100 से भी ज्यादा तरह के होते हैं। ये खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने की वजह से होते हैं। ऐसे में हम कुछ देर के लिए बैठते हैं या फिर सो जाते हैं तो यही यूरिक एसिड ज्वॉइंट्स में इकट्ठा हो जाता है। और फिर अचानक चलने या फिर उठने में तकलीफ देने लगता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: December 27, 2020 10:58 IST
Yoga for arthritis or gathiya - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV स्वामी रामदेव से जानिए अर्थराइटिस से छुटकारा पाने के उपाय 

कहते हैं कुदरत के 4 बेहतरीन डॉक्टर हैं। सूरज की रोशनी, नियंत्रित भोजन, पूरी नींद और रोजाना एक्सरसाइज। अगर आपने इन डॉक्टर्स की नहीं सुनी, इनकी बातों पर गौर नहीं किया तो आपका बीमारियों से घिरना लाजिमी है। खास तौर पर सर्दियों में तो विटामिन डी की बहुत कमी हो जाती है, जिसकी वजह से उंगलियों, घुटनों, गर्दन, कोहनी और जोड़ों में दर्द होने लगता है। लाइफस्टाइल से जुड़ी ये परेशानी सही इलाज नहीं मिलने पर अर्थराइटिस की शक्ल ले लेती है। 

अर्थराइटिस 100 से भी ज्यादा तरह के होते हैं। ये खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने की वजह से होते हैं। ऐसे में हम कुछ देर के लिए बैठते हैं या फिर सो जाते हैं तो यही यूरिक एसिड ज्वॉइंट्स में इकट्ठा हो जाता है। और फिर अचानक चलने या फिर उठने में तकलीफ देने लगता है। बॉडी में यूरिक एसिड का लेवल ज्यादा बढ़ने से ये अर्थराइटिस का रूप ले लेता है। वक्त रहते इलाज नहीं होने पर ज्वॉइंट्स ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ जाती है। 

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अर्थराइटिस की बीमारी काफी गंभीर है। देश में करीब 15 फीसदी लोग इसकी गिरफ्त में है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अर्थराइटिस के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ भी रही है। खराब लाइफस्टाइल की वजह से 25 से 30 साल के नौजवान भी अर्थराइटिस के शिकार हो रहे हैं। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है, स्वामी रामदेव ने योगाभ्यास से लेकर आयुर्वेदिक उपाय तक के बारे में बताया है, जिससे आप इस गंभीर बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। 

अर्थराइटिस की वजह?

  • प्यूरिन प्रोटीन के मेटबॉलिज्म में कमी। 
  • खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ना। 
  • यूरिक एसिड ज्वॉइंट्स में जमा होना।  
  • यूरिक एसिड लेवल बढ़ने से गठिया। 
  • ज्वॉइंट्स इम्प्लांट की नौबत। 

विटामिन डी की कमी से होने वाली परेशानियां:

  • ज्वॉइंट्स में दर्द। 
  • अर्थराइटिस का खतरा। 

अर्थराइटिस के लक्षण:

  1. हड्डियों का टूटना। 
  2. ज्वॉइंट्स में दर्द। 
  3. ज्वॉइंट्स में अकड़न।
  4. घुटनों में सूजन।
  5. चलने फिरने में तकलीफ।
  6. स्किन का लाल होना।

गठिया में रामबाण:

  • सुबह खाली पेट गिलोय और एलोवेरा पिएं। 
  • वर्जिन कोकोनट ऑयल पीने से लाभ मिलता है। 
  • चंद्रप्रभावटी, योगराज, गुग्गल और अश्वशिला 
  • पुनर्नवादि मंडूर सुबह-शाम 1-1 गोली लें। 
  • वातारि चूर्ण भी अर्थराइटिस में फायदेमंद है। 
  • हल्दी, मेथी, सौंठ, अश्वगंधा, सभी को मिलाकर पाउडर बना लें। 
  • रोज सुबह एक-एक चम्मच लें। 
  • पीड़ातक क्वाथ का काढ़ा पिएं। 

अर्थराइटिस में डाइट:

  • एंटी इंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर फूड लें। 
  • हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। 
  • बादाम, अखरोट और पिस्ता को खाने में शामिल करें। 
  • जामुन, एंटी-ऑक्सीडेंट है, सूजन कम करता है। 

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दर्द से राहत के लिए करें ये काम:

  • सबसे पहले अपनी लाइफ स्टाइल बदलें। 
  • धूप में बैठें और रोजाना योग करें। 
  • दर्द होने पर ठंडे-गर्म पानी से सेंक करें। 
  • एलोवेरा जूस रोजाना पिएं।
  • एलोवेरा जूस से ल्यूब्रिकेशन बढ़ता है। 

दर्द निवारक तेल बनाएं:

  • अजवाइन, लहसुन, मेथी, सौंठ
  • हल्दी, निर्गुंडी, परिजात, अर्क पत्र 
  • सभी को अच्छी तरह से कूट लें। 
  • सरसों या तिल के तेल में उबाल लें। 
  • घर में तैयार पीड़ातक तेल से मसाज करें। 

गठिया के लिए लड्डू:

  • मेथी को रात में दूध में भिगा दें। 
  • गोंद, मेथी, आटे को घी में भून लें।
  • मधुरम मिलाकर लड्डू बना लें। 

पीड़ानिल स्प्रे इंस्टेंट पेन रिलीफ:

  • गंधपुरा तेल
  • पुदीना एक्सट्रेक्ट 
  • नीलगरि तेल
  • कपूर भीमसेनी

योग से दूर करें गठिया रोग:

  1. सूक्ष्म व्यायाम
  2. यौगिक जॉगिंग
  3. ताड़ासन
  4. तिर्यक ताड़ासन
  5. वृक्षासन
  6. गरुड़ासन
  7. सूर्य नमस्कार
  8. उष्ट्रासन
  9. भुजंगासन
  10. पवनमुक्तासन

यौगिक जॉगिंग के लाभ: 

  • हार्ट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
  • शरीर से फैट कम करके लचीला बनाता है। 
  • हाथ की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद है। 
  • जांघ की मांसपेशियों को फायदा पहुंचाता है।
  • डायबिटीज दूर करने में सहायक है। 
  • फैटी लिवर की समस्या दूर होती है। 

सूर्य नमस्कार के फायदे:

  • सूर्य नमस्कार से कंसंट्रेशन बढ़ता है। 
  • शरीर को ऊर्जा मिलती है। 
  • पाचन तंत्र बेहतर होता है। 
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 
  • डिप्रेशन दूर करता है। 
  • एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है।
  • शरीर को डिटॉक्स करता है। 
  • फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। 
  • लिलर को स्ट्रॉन्ग बनाने में मदद करता है। 

सूक्ष्म व्यायाम के फायदे: 

  • बॉडी को एक्टिव करता है। 
  • शरीर पूरा दिन चुस्त रहता है। 
  • शरीर में थकान नहीं होती है। 
  • कई तरह के दर्द से राहत मिलती है। 
  • ऊर्जा, स्फूर्ति का संचार होता है। 

उष्ट्रासन के फायदे:

  • मोटापा दूर करने में सहायक है। 
  • कंधों और पीठ को मजबूत बनाता है। 
  • पीठ दर्द में लाभकारी है। 
  • फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार है। 
  • किडनी को स्वस्थ बनाता है। 
  • शरीर का पोश्चर सुधारता है। 
  • पाचन प्रणाली को ठीक करता है। 

शशकासन के फायदे:

  • पित्त से जुड़े रोग दूर होते हैं। 
  • क्रोध, चिड़चिड़ापन दूर होता है। 
  • मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है। 
  • मोटापा कम करने में मददगार है। 
  • दिल के मरीजों के लिए लाभकारी है। 
  • तनाव और चिंता दूर होती है। 

वक्रासन के फायदे:

  • लिवर पर पड़ने वाला दबाव कम होता है। 
  • कैंसर की रोकथाम के लिए फायदेमंद है।
  • पेट की समस्याओं से राहत मिलती है। 
  • कब्ज को रोकने का रामबाण इलाज है। 
  • पैनक्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है। 
  • डायबिटीज को रोकने में कारगर है। 
  • पाचन क्रिया ठीक रहती है। 

गोमुखासन के फायदे: 

  • दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है। 
  • पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है। 
  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। 
  • शरीर को लचकदार बनाता है। 

मकरासन के फायदे:

  • डिप्रेशन को ठीक करने में फायदेमंद है। 
  • अस्थमा, घुटने के दर्द में आराम देता है। 
  • उच्च रक्तचाप और दिल के रोगों के लिए अच्छा है। 
  • मानसिक रोगों को ठीक करने में मददगार है।  

मर्कटासन के फायदे: 

  • दिल के रोगों में कारगर है। 
  • पीठ का दर्द दूर हो जाता है। 
  • फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन है। 
  • पेट संबंधी समस्या दूर होती है। 
  • गैस और कब्ज से राहत मिलती है। 
  • एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। 
  • कमर दर्द में फायदेमंद है। 

पवनमुक्तासन के फायदे:

  • दिल के रोगों में फायदेमंद है। 
  • ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है। 
  • किडनी को स्वस्थ रखता है। 
  • ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है। 
  • पेट की चर्बी को दूर करता है। 
  • मोटापा कम करने में मददगार है। 

उत्तानपादासन के फायदे:

  • वजन कम करने में मददगार है। 
  • पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती है। 
  • कब्ज को दूर करता है। 
  • एसिडिटी ठीक होती है। 
  • डायबिटीज कंट्रोल होती है। 
  • ये आसन तनाव कम करने में मददगार है। 

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