अल्जाइमर की बीमारी आमतौर पर 70 साल की उम्र के बाद होती है, लेकिन आज के समय में खराब लाइफस्टाइल और तनाव के कारण 40 साल से कम उम्र में भी लोग इस रोग के शिकार हो रहे हैं। दुनिया भर में अल्जाइमर के मरीजों की बात करें तो भारत तीसरे स्थान पर है। यह रोग महिलाओं को अपना शिकार ज्यादा बना रहा है। 10 में से 7 महिलाएं अल्जाइमर की शिकार है। गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन होना और धीरे-धीरे रोजाना की छोटी-छोटी चीजें भूलने जाना आदि अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। जिसे अगर समय में पहचान कर योग किया जाए तो आप इस बीमारी को जड़ से खत्म कर सकते हैं।
अल्जाइमर की तरह की पार्किंसन रोग से भी काफी लोग ग्रसित हैं। यह एक ऐसी बीमारी होती है जिसमें मष्तिष्क का हिस्सा कई वर्षों के दौरान क्षतिग्रस्त होता जाता है। स्वामी रामदेव के अनुसार योग के द्वारा इन बीमारियों से आसानी से निजात पाया जा सकता है। नियमित रूप से कुछ योगासन और प्राणायाम करके दिमाग को तेज कर सकते हैं। इसके साथ ही बच्चों को बचपन से ही योग कराना चाहिए। जिससे आपकी दिमाग तेज होने के साथ हेल्दी रहें।
अल्जाइमर और पार्किंसन से निजात पाने के योगासन
शीर्षासन- बच्चो को बचपन से ही शीर्षासन कराना शुरू कर देना चाहिए शीर्षासन करने से बच्चों की मेमोरी तेज होगी। यह बालों को झड़ने से रोकने से बचाता है। मानसिक शांति और दिमाग को करें तेज।
सर्वांगासन- ब्रेन में एनर्जी का प्रवाह तेजी से होता है। शरीर में ब्लड सर्कुलेशन तेज करने के साथ-साथ दिमाग को शांत रखने में करें मदद।
हलासन- सिरदर्द से छुटकारा मिलता है। पाचन सुधारने में करे मदद। इसके साथ-साथ रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत। साथ ही पार्किंसन और अल्जाइमर की समस्या से दिलाएं निजात।
सूर्य नमस्कार- यह आसन वजन कम करने और एनर्जी लेवल बढ़ाने की सहायक। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं। स्किन में नैचुरल निखार लाएं। शरीर को लचीला बनाता है। स्मरण शक्ति को तेज करे।
ताड़ासन- इस आसन को करने से लंबाई बढ़ने के साथ-साथ पूरी बॉडी अच्छी तरह से स्ट्रेच हो जाती हा। जिससे आपके दिमाग को भी शांति मिलती है।
तिर्यक ताड़ासन- इस आसन को करने से शरीर हेल्दी रहता है। इसके साथ ही किडनी, लिवर भी मजबूत होता है। मन की शांति के साथ दिमाग तेज होता है। इसके अलावा वजन कम करने में सहायक।
पादहस्तासन- इस आसन को करने से दिमाग तेज होने के साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। इसके अलावा दिमाग में तेजी से ब्लड सर्कुलेशन होता है।
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वृक्षासन- गठिया के दर्द में फायदेमंद। रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत। नस और हड्डी के दर्द को करें कम। वजन बढ़ाने में करें मदद। ध्यान और एक्रागता बढ़ाएं। पांर्किसन में फायदेमंद।
सूक्ष्म व्यायाम- अगर किसी व्यक्ति की उम्र ज्यादा है तो वह सूक्ष्म व्यायाम करके ही आपके दिमाग को हेल्दी रख सकता है।
मंडूकासन- इस आसन को करने से पैंक्रियाज में इंसुलिन तेजी से बनने लगते हैं। जिससे डायबिटीज की समस्या से निजात मिलता है। इसके साथ-साथ वजन कम करने, एसिडिटी में भी लाभकारी।
योग मुद्रासन- मानसिक शक्ति को बढ़ाएं। कब्ज और एसिडिटी के फायदेमंद। पेट की चर्बी को करें कम।
वक्रासन- इस आसन को करने से मांसपेशियों का खिंचाव होता है। इसके अलावा वजन कम करने, डायबिटीज को करें कंट्रोल। फेफड़ों और लिवर को रखें मजबूत।
गोमुखासन- वजन कम करने में मदद करें। रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत। फेफड़ों के लिए फायदेमंद।
मकरासन- इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी को लाभ मिलता है। इसके अलावा डिप्रेशन, अल्जाइमर जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
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भुजंगासन- कमर को पतली और आकर्षण बनाए। शरीर की थकावट करें दूर। पेट संबंधी बीमारियों से दिलाएं निजात। मसल्स के लिए फायदेमंद।
शलभासन- यह आसन भी अल्जाइमर और पार्किंसन के मरीजों के लिए फायदेमंद है।
धनुराषन- इस आसन को करने से पूरे शरीर का खिंचाव ठीक ढंग से हो जाता है। इसके अलावा को रखें शांत।
मर्कटासन- कमर दर्द के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है।
पवनमुक्तासन- इस आसन को करने से एसिडिटी के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
चक्रासन- इस आसन को करने से वजन कम होने के साथ-साथ फुल बॉडी एक्सरसाइज होती है। इस आसन को नियमित रूप से करने से बच्चों की हाइट बढ़ाने के साथ आंखों की रोशनी तेज होती है।
अल्जाइम और पार्किंसन से निजात पाने के लिए प्राणायाम
भ्रस्त्रिका- इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस लें और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस आसन को रोजाना 5-10 मिनट करें।
कपालभाति- अल्जाइमर और पार्किंसन की समस्या से निजात पाने के लिए कपालभाति काफी कारगर साबित हो सकता है। इसलिए रोजाना कम से कम 15 मिनट करें।
अनुलोम-विलोम- सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
उज्जयी प्राणायाम
गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके। इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े। इसे प्राणाया को करने से मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं। इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।।
त्राटक क्रिया- दिमाग को तेज और शांत करने के लिए त्राटक क्रिया मददगार साबित हो सकती है।
दिमाग तेज करने के लिए आर्युवेदिक दवा
- मेधावटी- इससे आईक्यू लेवल बढ़ जाता है। इसके साथ ही दिमाग तेज और शांत रहता है। भूलने की बीमारी से भी निजात मिलता है।
- मालकांगिनी के नियमित रूप से 5-7 दाने खाएं।
- अमृत रसायन भी दिमाग तेज करने में कारगर
- बादाम का सेवन रोज करें।
- कौंच के बीज का सेवन लाभकारी।