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स्मोकिंग की आदत बनी लंग्स-हार्ट के लिए आफत, स्वामी रामदेव से जानिए सिगरेट से निजात पाने का परमानेंट इलाज

स्मोकिंग करने से 51 फीसदी लोगों को कोरोना से खतरा अधिक है, क्योंकि स्मोकिंग करने से आपके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। जिससे यह वायरस सीधे आपके फेफड़ों में ही अटैक करता है।

Written by: India TV Health Desk
Updated on: June 10, 2021 9:16 IST
स्मोकिंग की आदत बनी लंग्स-हार्ट के लिए आफत, स्वामी रामदेव से जानिए स्मोकिंग से निजात पाने का परमानें- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV स्मोकिंग की आदत बनी लंग्स-हार्ट के लिए आफत, स्वामी रामदेव से जानिए स्मोकिंग से निजात पाने का परमानेंट इलाज

भागदौड़ भरी लाइफ में हर किसी को किसी ना किसी चीज का स्ट्रेस, डिप्रेशन जरूर होता है। इस समस्या को कम करने के लिए देश में  करीब 12 करोड़ लोग स्मोकिंग करते हैं। जिसके कारण हर साल करीब 10 लाख की मौत तंबाकू के कारण हो रही हैं। इतना ही नहीं स्मोकिंग करने वालों की तादाद भारत में इतनी ज्यादा है कि दुनियाभर में दूसरे नंबर पर है। 

एक रिसर्च के अनुसार 1 सिगरेट पीने से 11 मिनट आपकी जिंदगी कम हो जाती हैं और आपको बता दें कि 1 सिगरटे में 400 से ज्यादा केमिकल होतेहैं।  आपको बता दें कि  स्मोकिंग करने से 51 फीसदी लोगों को कोरोना से खतरा अधिक है, क्योंकि स्मोकिंग करने से आपके फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। जिससे यह वायरस सीधे आपके फेफड़ों में ही अटैक करता है।

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वहीं  डॉक्टर के अनुसार स्मोकिंग करने  से 20 प्रतिशत हार्ट  समस्या के साथ लंग्स पर बुरा असर पड़ता है। स्वामी रामदेव से जानिए किन योगासनों और प्राणायाम के द्वारा स्मोकिंग करने की समस्या से निजात पा सकते हैं।  

स्मोकिंग करने से होने वाली बीमारियां

  1. लंग्स डैमेज
  2. कैंसर का खतरा
  3. फूड पाइप में इंफेक्शन
  4. ऑटोइम्यून
  5. हार्ट की बीमारी
  6. कोरोना का खतरा
  7. एसिडिटी
  8. फूड पाइड का डैमेज होना
  9. हाई बीपी की समस्या

स्मोकिंग से निजात पाने के लिए योगासन

यौगिक जॉगिंग

  • नशे से मुक्ति दिलाने में कारगर
  • घुटनों के योग के लिए फायदेमंद
  • जांघ की मांसपेशियों का करे खिचांव
  • शरीर को सुडौल बनाए
  • शरीर को ऊर्जावान बनाए
  • सभी अंगों को करे एक्टिव
  • वजन कम करने में कारगर

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दंड बैठक

इस आसन को कम सम कम 25 बार करना चाहिए। इससे आपका पूरा शरीर स्वस्थ रहेगा। दंड बैठक कई तरह के होते है। जिसनें वृश्चिक दंड, पलट दंड, चक्र दंड, शेर दंड, सर्वांग सुंदर दंड, साधारण दंड, राममूर्ति, हनुमान दंड आदि शामिल है। 

  1. झुर्रियों को करे दूर
  2. मोटापा कम करने में करे मदद
  3. सीना और भुजाएं को बनाएं चौड़ा
  4. पेट की चर्बी को करे कम
  5. मसल्स को बनाए मजबूत
  6. पैरों और जांधों को बनाए मजबूत
  7. हद्य रोग से बचाए

सूर्य नमस्कार

  1. नशे की लत को करे दूर
  2. फेफड़ों को अदिक मात्रा में पहुचाएं ऑक्सीजन
  3. वजन बढ़ाने में करे मदद
  4. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए
  5. पाचन तंत्र को करे सही
  6. शरीर को अधिक एनर्जी प्रदान करे

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दंडासन

  1. ड्रग्स का सेवन करने की लत से दिलाए निजात
  2. दिमाग को करे शांत
  3. मस्तिष्क को रखे स्वस्थ
  4. पाचन शक्ति को बढ़ाता है
  5. मांसपेशियों को मजबूत करे
  6. रीढ़ की हड्डी करे मजबूत
  7. पीठ की मांसपेशियों का खिंचाव करे

मर्कटासन

  1. मानसिक शांति प्रदान देता है
  2. पेट संबधी रोग दूर करता है 
  3. कमर की चर्बी को कम करता है
  4. शरीर में स्फूर्ति और ताजगी आती है
  5. पीठ का दर्द
  6. गैस और कब्ज से दिलाए राहत
  7. सर्वाइकल , पेट दर्द में लाभकारी

भुजंगासन

  1. कमर को पतली और आकर्षक बनाएं
  2. सीना चौड़ा करें
  3. लंबाई बढ़ान में मददगार
  4. शरीर की थकावट करें दूर
  5. पेट की चर्बी को करें कम
  6. कमर दर्द से दिलाएं निजात
  7. शरीर में शक्ति औप स्फूर्ति का संचार करें

उष्ट्रासन

  1. फेफड़े के दाएं और बाएं ओर ऑक्सीजन भरने में कारगर
  2. शरीर के दर्द को करे कम
  3. घुटने और पीठ दर्द में कारगर
  4. साइटिका का दर्द में लाभकारी
  5. हाइट बढ़ाने में मददगार
  6. अस्थमा रोगियों के लिए कारगर
  7. गैस और कब्ज से दिलाए निजात
  8. फेफड़ों को रखें स्वस्थ्य
  9. पाचन प्रणाली को करे ठीक

शीर्षासन 

  1. रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
  2. कार्यक्षमता को बढ़ाकर एनेर्जेटिक बनाता है
  3. नशे की लत से दिलाए छुटकारा
  4. दिमाग में ब्लड सर्कुलेट करता है
  5. पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों का स्राव नियमित करता है
  6. स्मरण शक्ति, एकाग्रता, उत्साह, स्फूर्ति, निडरता, आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ाता है

सर्वांगासन 

  1. ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
  2. नशे की लत से दिलाए छुटकारा
  3. एजिंग को रोकने में सहायक
  4. शारीरिक संतुलन ठीक रहता है
  5. तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती 
  6. एकग्रता बढ़ान में मदद करता है

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हलासन

  1. पाचन सुधारने में मदद करता है
  2. मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है 
  3. वजन घटाने में मदद करता है 
  4. नशे की लत से दिलाए छुटकारा
  5. शुगर लेवल को कंट्रोल करता है
  6. रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता और कमर दर्द में आराम मिलता है
  7. स्ट्रेस और थकान से दूर करता है
  8. दिमाग को शांति मिलती है

गोमुखासन

  1. फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
  2. पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
  3. रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  4. शरीर को लचकदार बनाता है
  5. सीने को चौड़ा करने में सहायक
  6. शरीर के पोश्चर को सुधारता है
  7. थकान, तनाव, चिंता दूर करता है
  8. दृढ़ इच्छाशक्ति का विकास करता है

पवनमुक्तासन

  1. फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
  2. अस्थमा, साइनस में लाभकारी
  3. किडनी को स्वस्थ रखता है
  4. ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
  5. पेट की चर्बी को दूर करता है
  6. मोटापा कम करने में मददगार
  7. हृदय को सेहतमंद रखता है
  8. रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत

उत्तानपादासन

  1. डायबिटीज को करे कंट्रोल
  2. कब्ज की समस्या से दिलाए लाभ
  3. एसिडिटी में फायदेमंद

नौकासन

  1. शरीर की ऑक्सीजन बढ़ाए
  2. डायबिटीज को करे कंट्रोल
  3. टीबी, निमोनिया को करे ठीक
  4. शरीर में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहता है
  5. नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी
  6. पाचन शक्ति अच्छी रहती हैं
  7. पेट, कमर, पीठ मजबूत बनती है

सेतुबंध आसन

  1. फेफड़ों को उत्तेजित करता है
  2. साइनस, अस्थमा के मरीजों को लाभ
  3. तनाव और डिप्रेशन कम करता है
  4. पीठ और सिर दर्द को दूर करता है
  5. नींद ना आने की बीमारी दूर करता है
  6. रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
  7. हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
  8. थाइराइड में लाभकारी

नशा से मुक्ति के लिए प्राणायाम

भ्रस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस लें और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  इस प्राणायाम को लगातार 5  मिनट करें। इस आसन को रोजाना 5-10 मिनट करें।

कपालभाति
रोजाना कपालभाति करने से आपके नर्वस सिस्टम के न्यूरॉन ठीक ढंग से काम करेंगे। जिससे आपको मिर्गी की समस्या नहीं होगी। इसके लिए रोजाना 10-15 मिनट कपालभाति करे।

अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 15 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।

भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार  निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं। इस आसन को करने से मन शांत होगा, तनाव, हाइपरटेंशन के साथ-साथ एसिडिटी से निजात मिलेगा।

शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें। इस आसन को करने से तनाव, हाइपरटेंशन से निजात मिलता है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।   

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