नाभि खिसकना या डिगने के बारे में हर किसी को पता होगा। नाभि खिसकने के कारण पेट दर्द, घबराहट, जी मिचलाना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नाभि के स्थान पर नाड़ी का ऊपर या नीचे खिसकना ही नाभि खिसकना कहलाता है। ऐसा जब होता है जब आप अचनाक झुक जाते हैं या फिर भारी वजन उठान, सीढ़ियां चढ़ने, अचानक मुड़ने या फिर ज्यादा मसालेदार भोजन खाने के कारण होता है।
आयुर्वेद के अनुसार रीढ़ की हड्डी में डेढ़ापन आ सकता है, उस पर नाभि और पेट की मांसपेसियों में भी मरोड़ आ सकती हैं। स्वामी रामदेव के अनुसार नाभि खिसकने के कारण बीपी, स्ट्रेस, नींद की समस्या, भूख, कब्ज, कोलाइटिस, लिवर सिरोसिस जैसी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। जानिए कैसे पाएं इस समस्या से छुटकारा।
नाभि खिसकने के लिए योगासन
उत्तानपादासन
- इस आसन को कम से कम 1 मिनट करे। इससे आपको काफी लाभ मिलेगा।
- फेफड़ों को स्ट्रेच करे
- मोटापा कम करने में सहायक
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाए
- नशे से मुक्ति दिलाए
- तनाव और डिप्रेशन से दिलाए निजात
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मंडूकासन
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
- कंसंट्रेशन की क्षमता बढ़ती है
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक
- लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है
सेतुबंध आसन
- फेफड़ों को उत्तेजित करता है
- साइनस, अस्थमा के मरीजों को लाभ
- तनाव और डिप्रेशन कम करता है
- पीठ और सिर दर्द को दूर करता है
- नींद ना आने की बीमारी दूर करता है
- रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है
- हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे
- थाइराइड में लाभकारी
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पवनमुक्तासन
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
- रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है
नौकासन
- शरीर की ऑक्सीजन बढ़ाए
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- टीबी, निमोनिया को करे ठीक
- शरीर में ऑक्सीजन का स्तर संतुलित रहता है
- नियमित अभ्यास से मोटापे में कमी
- पाचन शक्ति अच्छी रहती हैं
- पेट, कमर, पीठ मजबूत बनती है