Sunday, December 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. हेल्थ
  3. योग से खत्म होगी डायबिटीज, बीपी, अस्थमा सहित अन्य जेनेटिक बीमारियां, स्वामी रामदेव से जानिए आयुर्वेदिक उपाय

योग से खत्म होगी डायबिटीज, बीपी, अस्थमा सहित अन्य जेनेटिक बीमारियां, स्वामी रामदेव से जानिए आयुर्वेदिक उपाय

कई अनुवांशिक बीमारियां ऐसी होती हैं जिनका कोई इलाज नहीं होता। लेकिन डायबिटीज, हाइपरटेंशन, अर्थराइटिस, थायराइड और अस्थमा ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें अगली पीढ़ी में ट्रांसफर होने से रोका जा सकता है।

Written by: India TV Health Desk
Updated : September 23, 2021 18:38 IST
Yoga Asanas and Ayurvedic Treatment for Genetic Disease
Image Source : INDIA TV Yoga Asanas and Ayurvedic Treatment for Genetic Disease 

वंशानुगत बीमारियों से बचना बेहद जरूरी है, वरना ये पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहेंगी और आपके परिवार को बीमार बनाती रहेंगी। माता-पिता न चाहते हुए भी विरासत में बच्चों को ये बीमारियां दे देते हैं और ऐसा शरीर में मौजूद क्रोमोसोम की वजह से होता है। 

दरअसल, हमारा शरीर सेल से मिलकर बना होता है और हर सेल में 46 क्रोमोसोम होते हैं। ये क्रोमोसोम डीएनए, आरएनए और प्रोटीन से बने होते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो ये क्रोमोजोम्स ही हैं जो अलग-अलग कैरेक्टर्स को पैरेंट्स से बच्चों तक ले जाते हैं और फिर चाहे वो रंग रूप हो या फिर बीमारियां। इसलिए इन्हें जेनेटिक बीमारियां कहते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर के मरीज खाली पेट ऐसे करें लहसुन का सेवन, कंट्रोल में रहेगा बीपी

कई अनुवांशिक बीमारियां ऐसी होती हैं जिनका कोई इलाज नहीं होता। लेकिन डायबिटीज, हाइपरटेंशन, अर्थराइटिस, थायराइड और अस्थमा ऐसी कुछ बीमारियां हैं जिन्हें अगली पीढ़ी में ट्रांसफर होने से रोका जा सकता है। 

माता पिता के साथ बच्चों को भी रोजाना योग कराना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से बीमारियों की इस चेन को तोड़ा जा सकता है। स्वामी रामदेव से जानिए इन बीमारियों को किन योगासनों और आयुर्वेदिक उपायों के द्वारा ठीक किया जा सकता है।

जेनेटिक होने वाली बीमारियां

  1. डायबिटीज़
  2. हाइपरटेंशन
  3. हाई कोलेस्ट्रॉल
  4. थायराइड
  5. अस्थमा
  6. अर्थराइटिस
  7. स्किन की बीमारी 
  8. खून की बीमारियां
  9. कई तरह के कैंसर 
  10. सिस्टिक फाइब्रोसिस

केले से भी घट सकती है पेट की जिद्दी चर्बी, वजन कम करने के लिए ऐसे करें डाइट में शामिल

जेनेटिक बीमारियों के लिए योगासन

शीर्षासन

  1. शीर्षासन से डिप्रेशन दूर होता है
  2. चेहरे में चमक आती है, सुंदरता बढ़ती है
  3. त्वचा मुलायम और खूबसूरत बनती है
  4. मानसिक शांति और स्मरण शक्ति बढ़ती है
  5. दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है 
  6. आंखों की रोशनी बढ़ाने में कारगर

सर्वांगासन

  1. तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है
  2. दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है
  3. एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है
  4. याद की हुई चीजें भूलते नहीं 

हलासन

  1. इस आसन से दिमाग शांत होता है 
  2. थायराइड की बीमारी ठीक होती है 
  3. स्ट्रेस और थकान मिटाता है
  4. रीढ़ की हड्डी में खिंचाव आता है 
  5. डायबिटीज़ की परेशानी दूर होती है 

चक्रासन

  1. अच्‍छी नींद में फायदेमंद
  2. पेट कम करने में मददगार 
  3. पीठ की अच्‍छी एक्‍सरसाइज
  4. तनाव कम करने में कारगर
  5. जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है

सूर्य नमस्कार

  1. डिप्रेशन दूर करता है
  2. एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक
  3. वजन बढ़ाने में मददगार योगासन
  4. शरीर को डिटॉक्स करता है
  5. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है
  6. पाचन तंत्र बेहतर होता है
  7. शरीर को ऊर्जा मिलती है
  8. फेफड़ों तक पहुंचती है ज्यादा ऑक्सीजन

भुजंगासन

  1. किडनी को स्वस्थ बनाता है
  2. लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है 
  3. तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
  4. कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
  5. फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
  6. रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
  7. छाती चौड़ी होती है

पश्चिमोत्तानासन

  1. इम्यूनिटी मजबूत होती है
  2. साइनस की बीमारी में आराम मिलता है 
  3. डायबिटीज कंट्रोल होती है 
  4. सिरदर्द की समस्या में आराम देता है 
  5. मोटापा कम करने में मददगार 

पादवृत्तासन

  1. वजन घटाने में बेहद कारगर 
  2. पेट की चर्बी कम होती है 
  3. बॉडी का बैलेंस ठीक होता है 
  4. कमर में दर्द ठीक होता है 

शलभासन

  1. फेफड़े सक्रिय होते हैं
  2. तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है
  3. खून को साफ करता है
  4. शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है
  5. हाथों और कंधों की मज़बूती बढ़ाता है

पवनमुक्तासन 

  1. फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
  2. अस्थमा, साइनस में लाभकारी
  3. किडनी को स्वस्थ रखता है
  4. ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
  5. पेट की चर्बी को दूर करता है
  6. मोटापा कम करने में मददगार
  7. हृदय को सेहतमंद रखता है
  8. ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
  9. रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है

मर्कटासन

  1. रीढ़ की हड्डी लचीली बनाता है 
  2. पीठ का दर्द दूर हो जाता है
  3. फेफड़ों के लिए फायदेमंद 
  4. पेट संबंधी समस्या दूर होती है
  5. एकाग्रता बढ़ती है 
  6. गुर्दे, अग्नाशय, लीवर सक्रिय होते हैं

मस्‍त्‍यासन

  1. गर्दन की मसल्स में खिंचाव आता है 
  2. गर्दन की मसल्स मजबूत होती हैं 
  3. थायराइड की परेशानी दूरी होती है
  4. कमरदर्द की परेशानी ठीक होती है

जेनेटिक बीमारियों के लिए प्राणायाम

  1. अनुलोम विलोम
  2. कपालभाति
  3. भस्त्रिका
  4. भ्रामरी
  5. उज्जायी
  6. उद्गीथ

जेनेटिक बीमारियों के लिए औषधियां​

  1. महिलाएं शीलाजीत का सेवन करें।
  2. गिलोय का रस रोजाना पिएं
  3. पुरुष शतावर का सेवन करें।
  4. आंवला को किसी भी रूप में खाएं।
  5. घृत कुमारी, अश्वगंधा का सेवन करें
  6. रोजाना एक चम्मच च्यवनप्राश खाएं
  7. घी और दूध का सेवन करने से शरीर मजबूत और तंदुरस्त होता है। 
  8. अष्टवर्ग से मिलेगा लंबी आयु और जेनेटिक बीमारियों से निजात मिलती है। इसलिए आप रिद्धि, वृद्धि, महामेदा, जीवक, ऋषभक, मेदा, काकोली, क्षीर काकोली का सेवन करें।

Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें। 

Latest Health News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement