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Health Tips: सिर्फ जॉन्डिस ही नहीं, बल्कि येलो स्किन टोन के हो सकते हैं ये कारण

Health Tips: अचानक त्वचा के रंग में बदलाव आना पीछे कुछ खतरनाक अंदरूनी कारण भी हो सकते हैं। पीलिया ही नहीं बल्की कई गंभीर बीमारियों में त्वचा का रंग बदलने लगता है। आखिर कौन-कौन सी समस्याओं में स्किन का कलर बदल जाता है।

Edited By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published on: November 15, 2022 14:47 IST
येलो स्किन टोन- India TV Hindi
Image Source : SOURCE येलो स्किन टोन

अचानक आंखो और आपके नाखूनों का रंग पीला नजर आने लगे तो यह पीलिया के लक्षण सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि हर बार ऐसा ही हो, क्योंकि येलो स्किन टोन के कुछ और भी कारण हो सकते हैं। कई और बीमारियों में भी स्किन का रंग पीला नजर आने लगता है। यदि बॉडी के किसी हिस्से के रंग में अचानक बदलाव आने लगे तो उसे इग्नोर करना आपकी बड़ी गलती साबित हो सकती है। शरीर में अंदुरुनी दिक्कत होने पर भी शरीर के कुछ विशेष हिस्सों का कलर बदलने लगता है।

पीली त्वचा के कारण

  1. खराब जीवन शैली और बेढंग खान-पान और गलत आदतें किसी व्यक्ति की पीली त्वचा के कारणों कारक हो सकता है।
  2. खराब और अपर्याप्त डाइट
  3. धूम्रपान और तंबाकू का सेवन
  4. शराब का अत्यधिक सेवन
  5. हवा और पानी के साथ मिट्टी की खराब गुणवत्ता
  6. कमरे में लगातार स्मोकी हवा की उपस्थिती
  7. घर में वैंटिलेशन की कमी
  8. अधिक तनाव और टेंशन

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इन बीमारियों की वजह से भी होता है यलो स्किन टोन

जरूरी नहीं है कि पैर चेहरा पीला होने का मतलब हर बार ज्वाइंडिस या पीलिया ही हो क्योंकि कई बार शरीर में खून की कमी के कारण भी चेहरे का रंग पीला नजर आने लगता है। त्वचा का पीला होना भी इंसान के शरीर की बीमारी के लक्षणों में से एक है। शरीर में अधिक दुर्बलता, आयरन की कमी, एनीमिया के कारण यह समस्या हो सकती हैं, जिसमें थकान, कमजोरी, सुस्ती जैसी परेशानियां भी महसूस हो सकती हैं। बताया जाता है कि यदि लंबे समय महिलाओं में एनीमिया और गंभीर मासिक धर्म के रक्तस्राव होते हैं, इस दौरान स्किन का रंग पीला नजर आ सकता है। इसके अलावा पेप्टिक अल्सर, बवासीर और आंतों के ट्यूमर जैसी बीमारियों में त्वचा का रंग पीला दिखाई देता है। कई बार स्किन का कलर बदलता ही नहीं है बल्कि पूरी तरह उड़ जाता है। ऐसा विटिलिगो समस्या में हो सकता है। 

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क्या है ये विटिलिगो बीमारी

विटिलिगो को आमतौर पर लोग सफेद दाग के नाम से जानते हैं, जो एक तरह का चर्मरोग होता है। इस समस्या में बॉडी के कई पार्ट्स में सफेद रंग के दाग बनने लग जाते हैं। ये दाग किसी भी अंग में हो सकते हैं। इस बीमारी को लेकर हमारे मन में भ्रांतियां रहती हैं कि ये चर्म रोग एक दूसरे से फैलता है, जो कि सही नहीं है। दरअसल, इसमें स्किन का कोई खास रंग नहीं होता है, जिसका कारण है कि इस रोग में त्वचा मेलेनिन खो देती है। 

(Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारियों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।)

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