पेरिस ओलंपिक 2024 में रेसलिंग के 57 किलोग्राम भार वर्ग में भारत के अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज मेडल जीता है। मौजूदा ओलंपिक में भारत का रेसलिंग में ये पहला मेडल है। अमन सहरावत ने इंडिया टीवी को बताया कि ब्रॉन्ज मेडल मैच से पहले पूरी रात जिम में कटी है क्योंकि उनका सही वेट में आना बहुत जरूरी है। दरअसल, इस मैच से पहले अमन का वजन बढ़ गया था। ऐसे में सिर्फ 10 घंटे में अमन ने 4.6 किलो वजन कम किया। 10 घंटे में इतना वजन कैसे कम हो सकता है हर कोई यही सोच कर हैरान है। ऐसे में हमने ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा हॉस्पिटल में असिस्टेंट प्रोफेसर और इंटरनल मेडिसिन डॉ. श्रेय श्रीवास्तव से बातचीत कर यह जाना कि कम समय में इतना वजन कम करना कैसे मुमकिन है और क्या इससे सेहत पर कोई बुरा प्रभाव पड़ता है? चलिए, जानते हैं इस बारे में डॉक्टर का क्या कहना है?
कम होता है पानी का वजन:
डॉक्टर श्रेय कहते हैं कि एथलीट्स को इस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है कि वो जल्द से जल्द अपना वजन मेंटेन कर पाएं। अमन सेहरावत ने 10 घंटे में जो 4.5 किलोग्राम वजन कम किया है उससे उनका फैट लॉस नहीं हुआ है बल्कि सिर्फ शरीर का वॉटर वेट कम हुआ है। यानी इस टेक्निक से वजन तो कम होता है लेकिन शरीर में मौजूद पानी का वजन कम होता है यह फैट को कम नहीं करता है। यह टेक्निक आमतौर पर एथलीट अपनाते हैं। खासकर, वजन कैटेगरी में खेलने वाले खिलाड़ी इसका इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, कॉम्पटिशन से पहले खिलाड़ी का वजन खेल की गाइड लाइन के अनुसार नहीं हुआ तो वो डिस्क्वालिफाई हो सकते हैं इसलिए इस तरह वजन कम किया जाता है।
रूटीन में इन एक्सरसाइज को किया जाता है शामिल:
इस प्रक्रिया में आमतौर पर सौना सेशन (Sauna Sessions) या हाई इंटेसिटी (High-Intensity Exercises) जैसा एक्सरसाइज़ कराया जाता है। साथ ही ऐसा ड्रेस पहनाया जाता है जिससे बहुत ज़्यादा पसीना (Sweat Suits) निकले। साथ ही लो सोडियम डाइट फॉलो करना पड़ता है ताकि शरीर से एक्स्ट्रा पानी निकलने में मदद मिले। इसके साथ ही कार्बोहाइड्रेट जैसे फूड्स से एथलीट्स परहेज करते हैं क्योंकि ये शरीर में पानी को बनाए रखने में मदद करते हैं।
सेहत पर पड़ता है बुरा असर:
कम समय में वजन कम करने में ये तरीका भले ही बेहद कारगर हो लेकिन इसे आप भूलकर भी न आज़माएं। एथलीट्स ये डाइट एक्सपर्ट की निगरानी में करते हैं लेकिन वो भी डिहाइड्रेशन, इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलैंस और कमजोरी का शिकार होते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें तुरंत मेडिकल मुहैया कराया जाता है। ऐसे में एक्सपर्ट आमतौर पर स्वास्थ्य परिणामों के कारण इस तरह के तेज़ वज़न घटाने के खिलाफ़ सलाह देते हैं। इसके बजाय, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम के ज़रिए धीरे-धीरे वज़न कम करना चाहिए।