आज के समय में भागदौड़ और तनाव से भरी जिंदगी से हर एक शख्स प्रभावित हो रहा है। ऐसे में सेहत का ख्याल रखना काफी मुश्किल भरा होता जा रहा है, जिसके कारण लंग्स, हार्ट, किडनी के साथ-साथ शरीर के अन्य अंगों को पर प्रभाव पड़ रहा है।
खराब जीवनशैली, अस्त-व्यस्त जीवन और शारीरिक गतिविधि की कमी की वजह से ह्रदय रोगों से प्रभावित होना आम बात है। ऐसी स्थिति में हर किसी को खुद का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
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डेयरी प्रोडक्ट्स
दूध और दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स आपके आहार के लिए एक अच्छा विकल्प हैं। इसमें प्रोटीन के साथ कैल्शियम और विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है। लेकिन आप जिस प्रकार की प्रोडक्ट्स चुनते हैं वह मायने रखता है। फुल क्रीम दूध, आइसक्रीम, मक्खन और क्रीम में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है जो हानिकारक एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है। इसलिए कम वसा वाले प्रोडक्ट्स का सेवन करें। इसके साथ ही हमेशा बिना चीनी मिलाएं सादा दही खरीदें।
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ज्यादा नमक
मार्केट से खरीदे गए मसालों और सॉस में अक्सर बहुत सारा नमक होता है। इनमें से कुछ सोया सॉस, सलाद ड्रेसिंग और गर्म सॉस हैं। खरीदने से पहले लेबल पर नमक की मात्रा की जांच जरूर कर लें। कम सोडियम वाले विकल्पों की तलाश करें। बेहतर है कि आप नींबू, जैतून का तेल और सिरका जैसे नमक मुक्त चीजों का सेवन करें।
ज्यादा मीठा
कुकीज, केक, कैंडी और सोडा जैसे मीठे खाद्य पदार्थ और ड्रिंक्स आपका वजन बढ़ा सकते हैं। चीनी रक्त शर्करा को बढ़ाती है और सूजन को भी बढ़ाती है। अगर आपने अधिक मीठा का सेवन किया तो आपको हार्ट संबंधी बीमारियां होने का खतरा अधिक बढ़ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार महिलाओं को एक दिन में 6 चम्मच से अधिक और पुरुषों को 9 चम्मच से अधिक चीनी नहीं लेनी चाहिए।
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अधिक मात्रा में लिक्विड का सेवन
अगर आप बहुत अधिक पानी और अन्य लिक्विड पीते हैं तो आपका वजन बढ़ सकता है और सूजन और सांस की तकलीफ जैसे लक्षण हो सकते हैं। इसलिए अपने डॉक्टर से पूछें कि आपको हर दिन कितना तरल पीना चाहिए। ऐसे खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें जिनमें बहुत अधिक लिक्विड हो जैसे सूप, फल आदि।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने या अपने आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लें।