World thalassemia Day 2023: थैलेसीमिया की बीमारी एक रेयर डिजीज है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में लगातार खून की कमी बनी रहती है। इतना कि रोगी को हर बार कुछ महीनों पर खून चढ़ाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में जब लोगों के अंदर जागरूकता की कमी होती है तो, तो समय के साथ बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। इसलिए, WHO इस रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ये दिवस मनाता है। इस साल इस दिवस का थीम (world thalassemia day 2023 theme) है-Be Aware. Share. Care. It is high time to raise awareness about the disease and the treatment options”
थैलेसीमिया बीमारी क्या है-What is thalassemia
थैलेसीमिया एक ब्लड डिसऑर्डर है यानी कि खून से जुड़ी बीमारी। ये बीमारी वंशानुगत होती है यानी, जीन के माध्यम से माता-पिता से बच्चों में ट्रांसफर कर जाती है। इसमें शरीर इन प्रोटीन का पर्याप्त उत्पादन नहीं कर पाता है जो कि खून बनाने का काम करती हैं। जब पर्याप्त हीमोग्लोबिन नहीं होता है, तो शरीर की रेड ब्लड सेल्स ठीक से काम नहीं कर पाते और समय के साथ नष्ट हो जाते हैं। अब ऐसे में जब रेड ब्लड सेल्स शरीर की सभी कोशिकाओं तक ऑक्सीजन नहीं ले जा पाती हैं तो, दूसरे अंगों को नुकसान होता है और शरीर में पर इसका गंभीर असर होता है।
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थैलेसीमिया के लक्षण-thalassemia symptoms in hindi
जब पर्याप्त मात्रा में रेड ब्लड सेल्स नहीं होते हैं, तो शरीर की अन्य सभी कोशिकाओं तक पर्याप्त ऑक्सीजन भी नहीं पहुंच पाती है, जिससे व्यक्ति बीमार, थका हुआ, कमजोर, पीली त्वचा, चेहरे की हड्डी से जुड़ी दिक्कतें, पेट में सूजन, मल-मूत्र के रंगों में बदलाव और कई बार तो सांस लेने में तकलीफ भी महसूस कर सकता है। इसके अलावा इस बीमारी के मरीज हमेशा एनीमिया के शिकार रहते हैं।
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जानकारी और बचाव है बेहद जरूरी-Prevention tips
थैलेसीमिया वाले लोगों में हल्का या गंभीर एनीमिया हो सकता है। गंभीर एनीमिया अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है और मृत्यु का कारण भी बन सकता है। इसलिए माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि वो अगर इस बीमारी से ग्रस्त हैं तो पैदा होते ही बच्चों का भी टेस्ट करवाएं और उन पर नजर रखें। साथ ही अपने डॉक्टर के साथ हमेशा संपर्क में रहें और सतर्क रहें।
Source: CDC