स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है जिसमें ब्रेन के किसी हिस्से में या तो खून का प्रवाह कम हो जाता है जिसे हम इस्केमिक स्ट्रोक कहते हैं या नस के फटने से रक्त का बहाव होता है जिसे हम ब्रेन हेमरेज कहते हैं। स्ट्रोक को हम सामान्य भाषा में मस्तिष्क आघात या ब्रेन अटैक कह सकते हैं। हार्ट अटैक तो आपने सुना होगा लेकिन ये ब्रेन अटैक होता है। स्ट्रोक दुनिया में मौत का तीसरा सबसे बड़ा कराण है और स्ट्रोक की वजह से जिंदा बचने वाले करीब 50 लाख लोग हर साल स्थाई रूप से विकलांग हो जाते हैं। दुनियाभर में हर साल करीब डेढ़ करोड़ लोगों को स्ट्रोक की बीमारी होती है। जिसमें से 50 लाख लोगों की स्ट्रोक के कारण मौत हो जाती है। इसलिए ये जानना बेहद जरूरी है कि स्ट्रोक के क्या कारण है?
इस साल World Stroke Day 2024 की थीम रखी गई है 'GreaterThanStroke active challenge'। जिसका मतलब है कि हमें रोज-रोज कुछ ऐसा प्रयास करना चाहिए जिससे हम स्ट्रोक के खतरे को डेली कुछ हद तक कम कर सकें।
स्ट्रोक के क्या हैं कराण?
दिल्ली के फेमस न्यूरो सर्जन डॉक्टर संजीव कुमार झा के मुताबिक, दुर्भाग्यवश स्ट्रोक के मामले साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह है हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कम फिजिकल एक्टिविटी, खराब लाइफस्टाइल, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ट्राइग्लिसराइड्स, शराब, धूम्रपान, अनहेल्दी खाना और स्ट्रेस के कारण स्ट्रोक आने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा ब्रेन की नसों में होने वाली कुछ बीमारियां, खून की नसों के कमजोर होकर फटने के कारण स्ट्रोक होने का रिस्क बढ़ जाता है।
स्ट्रोक के शुरूआती मुख्य लक्षण क्या हैं?
एक कहावत है 'Time Is Brain' यानि समय से अगर आप दिमाग की बीमारी को पहचानते हैं और उसका इलाज करवाते हैं तो इससे बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। स्ट्रोक के 4 शुरुआती लक्षण माने जाते हैं जिसे हम Fast कहते हैं।
- F- फेस यानि चेहरे का एक तरफ मुड़ जाना
- A- आर्म वीकनेस यानि किसी हाथ या पैरों में कमजोरी
- S- स्पीच की समस्या यानि बोलने में परेशानी, लड़खड़ाहट होना
- T- टाइम टू कॉल एंबुलेंस।
ऐसी स्थिति में हम जितनी जल्दी मरीज को अस्पताल लेकर जाते हैं जहां न्यूरो के विशेषज्ञ हैं तो बीमारी की जल्दी से जल्दी इलाज शुरू हो सकता है और मरीज के ठीक होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
स्ट्रोक के खतरे से कैसे बचें?
ब्रेन में अगर कोई बीमारी या स्ट्रोक हो जाए तो वहां से रिकवर करना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में आपको ये जानना जरूरी है कि आप ब्रेन स्ट्रोक या दिमाग की बीमारी से कैसे बच सकते हैं। क्योंकि दिमाग हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग है, जिसमें एक बार कुछ खराबी आने से जिंदगीभर के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं।
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30-35 साल के बाद रेगुलर ब्लड प्रेशर चेक करवाना चाहिए। कई बार हम एक बार ब्लड प्रेशर चेक करवाते हैं तो नॉर्मल हो सकता है। लेकिन इसके लिए 24 घंटे ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग कराना जरूरी होता है।
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शुगर की बीमारी है तो चेक करवा लें। डायबिटीज के मरीज को शरीर में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना जरूरी है।
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अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज हैं। आपका ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ा हुआ है तो उसका इलाज करवाना और इसे कंट्रोल रखना बहुत जरूरी है। इससे स्ट्रोक का खतरा कम किया जा सकता है।
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रोजाना नियमित रूप से एक्सरसाइज करना स्ट्रोक से बचाव के लिए जरूरी है। आप वॉक या फिर योगा भी कर सकते हैं।
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हेल्दी डाइट लेना, शराब, सिगरेट और धूम्रपान से बचना, स्ट्रेस कम लेना ये स्ट्रोक के रिस्क को कम करते हैं।
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हार्ट की बीमारियों से बचना और हार्ट की बीमारी के कारण भी कई बार स्ट्रोक आता है।
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कभी-कभी बीच में दिमाग की नसों को MRI से चेक करना कि कहीं दिमाग की नसें कमजोर तो नहीं हो रही हैं। स्ट्रोक का खतरा कम किया जा सकता है।