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World Pneumonia Day: आज है विश्व निमोनिया दिवस, डॉक्टर से जानें क्या है इस साल की थीम और कैसे हुई थी इसकी शुरुआत

World Pneumonia Day: निमोनिया बीमारी की जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 12 नवंबर को ‘विश्व निमोनिया दिवस’ मनाया जाता है। विश्व निमोनिया दिवस साल 2009 में पहली बार मनाया गया था।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Nov 12, 2022 8:35 IST, Updated : Nov 12, 2022 14:01 IST
विश्व निमोनिया दिवस - 2022
Image Source : INDIA TV विश्व निमोनिया दिवस - 2022

World Pneumonia Day: निमोनिया से  ज़्यादातर छोटे बच्चे ग्रसित होते हैं। हालांकि, ये बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। निमोनिया में फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होने लगती है।अगर इस बीमारी का सही समय पर इलाज नहीं किया गया तो ये गंभीर हो जाती है। विश्व निमोनिया दिवस पर सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम की डॉक्टर स्फूर्ति मान इस बीमारी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी दे रही हैं। 

विश्व निमोनिया दिवस इतिहास

विश्व निमोनिया दिवस मनाने के पीछे वजह लोगों में इसके प्रति जागरूकता पैदा करना है। ताकि दुनियाभर में बच्चों को इसका शिकार होने से बचाया जा सके। इसकी शुरुआत साल 2009 में ‘स्टॉप निमोनिया’ मुहिम के तहत ग्लोबल कोलेशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया संगठन द्वारा की गई थी।

क्या है निमोनिया?

निमोनिया एक एक्यूट रेस्पिरेटरी डिजीज है यानी सांस से जुड़ी बीमारी। इसमें व्यक्ति के फेफड़ों में इंफेक्शन हो जाता है, जिससे जिसके कारण छाती में दर्द और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।

क्या है इस साल का थीम?

इस वर्ष विश्व निमोनिया दिवस की थीम “निमोनिया अफ्फेक्ट्स एवरीवन” है यानी निमोनिया सभी को प्रभावित करता है, ताकि वैश्विक रूप से इसपर जागरूकता बढ़ाई जा सके।

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निमोनिया के लक्षण:

  1. तेज़ बुखार के साथ ठंड लगना
  2. शारीरिक कमजोरी
  3. खांसी के साथ बलगम आना
  4. कमजोरी महसूस होना
  5. सांस लेने में तकलीफ
  6. तेज़ चलती नब्ज़

निमोनिया कितने प्रकार का होता है?

  1. स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया (Streptococcus pneumoniae)अधिकतर बच्चों में बैक्टीरियल निमोनिया का कारण होता है।
  2. हेमोफिलस इन्फ़्लुएन्ज़ा टाइप बी (Haemophilus influenzae type b (Hib)) बैक्टीरियल निमोइया का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
  3. निमोनिया के संक्रमण का कारण रेस्पिरेटरी सिनसेशल (respiratory syncytial virus) वायरस है।

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किनको है अधिक सचेत रहने की आवश्यकता

यह बीमारी ज़्यादातर 5 वर्ष या इससे कम आयु वाले बच्चों को होती है। इसके अलावा जिनकी इम्युनिटी कमजोर हो, पोषण की कमी से जूझ रहे लोग, किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति और बुजुर्गों में इसका जोखिम अधिक होता है। साथ ही निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से संक्रमण फ़ैल सकता है। साफ़ सफाई में कोताही बरतने या दूषित वातावरण की वजह से भी इसके फैलने की सम्भावना अधिक हो जाती है।

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कैसे करें बचाव

इस बीमारी से बचने के लिए साफ़ सफाई पर ख़ासा ध्यान दें। लेकिन सबसे ज्यादा ज़रूरी है टीका-करण! बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों में डॉक्टर की सलाह के अनुसार किया जाता है। इसके अलावा किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत जांच करवाएं व डॉक्टर की सलाह लें।

निमोनिया में कैसा हो खानपान

निमोनिया के दौरान कोशिश होनी चाहिए कि रोगी को केवल संतुलित आहार दिया जाए। रोगी के पोषण व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्यों का ख़ास ख्याल रखा जाए। प्रोटीन युक्त आहार, जैसे अंडे, मछली, हल्दी, अदरक, हरी पत्तेदार सब्ज़ियों का सेवन लाभदायक है। लेकिन इस सन्दर्भ में भी केवल सम्बंधित डॉक्टर की सलाह पर रोगी का खान पान तय करें।

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निमोनिया जांच और उपचार

इन लक्षणों के नज़र आने पर अस्पताल लेकर जाना चाहिए:

  1. तेज़ साँसें चलना
  2. छाती में दर्द
  3. थकान
  4. भूख में कमी
  5. अतिरिक्त कमजोरी
  6. 94 प्रतिशत से कम ऑक्सीजन सैचुरेशन (जिसकी कोविड महामारी के बाद से घरों में भी जांच की जा सकती है)

उपचार की यदि बात करें तो सर्दी व फ़्लू को दवाइयों द्वारा ठीक किया जा सकता है, डॉक्टर एंटीबायोटिक्स की सलाह दे सकते हैं। गंभीर स्थिति में निश्चित रूप से रोगी को अस्पताल जाना ही उचित है। लेकिन ध्यान रहे हरेक रोगी की स्थिति (क्लीनिक कंडीशन) अलग हो सकती है इसलिए इलाज भी अलग हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर के परामर्श पर ध्यान दें। इसके अलावा बच्चों व बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।

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