आज भी हमारे देश में उन महिलाओं की संख्या ज़्यादा है जिन्हें मेंस्ट्रुअल कप और टैम्पोन के बारे में जानकारी नहीं है। अनहाइजीनिक पीरियड्स (Unhygienic periods) क्या होता है इस बारे में महिलाओं को पता भी नहीं होता है, यकीन न हो तो आप अपने आस-पास की महिलाओं से इस बारे में पूछ लें। हर महिला और लड़की मेंस्ट्रुअल हाइजीन (Menstrual Hygiene) से वाकिफ हो इसलिए 28 मई को वर्ल्ड मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे (Menstrual Hygiene Day) मनाया जाता है। यह एक ग्लोबल इनिशिएटिव है जिसका उद्देश्य दुनिया भर की महिलाओं और लड़कियों को मेंस्ट्रुअल हाइजीन को लेकर जागरूक करना है। इस लेख में, हम आपको बातएंगे कि पीरियड्स में हाइजीन का ध्यान नहीं रखने पर किन बीमारियों का रिस्क बढ़ सकता है। साथ ही मेंस्ट्रुअल हाइजीन को मेंटेन करने के लिए कौन से टिप्स फॉलो करने चाहिए?
महिलाएं हो सकती हैं इन बीमारियों का शिकार
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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन: यूटीआई (Urinary Tract Infection) यूरिनरी ट्रैक्ट का संक्रमण हैं जो मूत्रमार्ग, ब्लैडर और किडनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनका मूत्रमार्ग छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया के लिए मूत्राशय में प्रवेश करना आसान हो जाता है।
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पेल्विक इंफ्लामेटरी: पेल्विक में सूजन की बीमारी (Pelvic inflammatory disease) गर्भाशय, योनि और फैलोपियन ट्यूब जैसे प्रजनन अंगों का संक्रमण है। इससे दर्द, बुखार और बांझपन की समस्या हो सकती है। पीआईडी तब हो सकता है जब योनि से बैक्टीरिया गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय (ovaries)तक चले जाते हैं। अगर आप टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप को बार-बार नहीं बदलते हैं तो ऐसा होने की अधिक संभावना है।
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यीस्ट इंफेक्शन: यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) एक फंगल संक्रमण है जो योनि में होता है। इस संक्रमण ने खुजली और जलन बहुत ज़्यादा होती है। अगर आप ऐसे पैड पहनती हैं जो ब्रिथेबल नहीं हैं तो इस वजह से आपको यह परेशानी हो सकती है।
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बैक्टीरियल वेजिनोसिस: बैक्टीरियल वेजिनोसिस (bacterial vaginosis ) एक सामान्य योनि संक्रमण है। यह तब होता है जब आपकी योनि के कुछ सामान्य बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, जिससे बैक्टीरिया असंतुलन हो जाता है। इस स्थिति में सफेद या भूरे रंग का लिक्विड रिलीज़ होता है जिसमें "मछली जैसी" गंध आती है।
मेंस्ट्रुअल हाइजीन को मेंटेन करने के लिए ये टिप्स करें फॉलो:
नीचे दिए गए ये टिप्स प्रिस्टिन केयर की सीनियर स्त्री रोग विशेषज्ञ और सह-संस्थापक डॉ। गरिमा साहनी द्वारा साझा किए गए हैं।
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अपनी वजाइना को प्रतिदिन पानी से धोएं, डाउचिंग से बचें (वेजाइना के दुर्गंध को दूर करने के लिए पानी और मिश्रण के साथ वेजाइना को साफ करना वेजाइनल डाउचिंग कहते हैं।) क्योंकि यह आपकी योनि में मौजूद बैक्टीरिया के प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ सकता है।
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पैड या टैम्पोन को हर 4-8 घंटे में बदलें। अगर ब्लीडिंग का प्रभाव ज़्यादा है तो और भी बार बदलें।
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टॉयलेट का इस्तेमाल करने एक बाद अपने वजाइना को आगे से पीछे तक पोंछें
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कॉटन केअंडरवियर पहनें जिससे आपकी स्किन में हवा आसानी से जाए।
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ऐसे मेंस्ट्रुअल प्रोडक्ट्स चुनें जो सुगंध रहित और हाइपोएलर्जेनिक हों।