World lung day 2023: बीते कई सालों में फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं। स्थिति ये है कि आज हर दूसरा व्यक्ति आपको खांसता हुआ या ये बताता हुआ मिल जाएगा कि उसे ब्रोंकाइटिस है, निमोनिया है या फिर अस्थमा है। इसके अलावा मौसम बदलने पर और सर्दियों में तो बहुत से लोग क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) के शिकार हो जाते हैं। लेकिन, सवाल ये है कि ये सब इतना आम क्यों होता जा रहा है। इसके अलावा क्या हम अपनी पूरी क्षमता से फेफड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं? साथ ही कैसे फेफड़ों की मजबूती बढ़ाएं। जानते हैं इन तमाम सवालों के बारे में डॉक्टर सुजान वर्धन, कंसलटेंट- प्लमोनोलॉजी, नारायणा हेल्थ आर एन टैगोर हॉस्पिटल, कोलकाता और डॉ. अनिमेष आर्या, सीनियर कंसल्टेंट, प्लूमोनोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट से।
क्या आप पूरी क्षमता से अपने फेफड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं-Do we use our full lung capacity?
डॉक्टर सुजान वर्धन, कंसलटेंट- प्लमोनोलॉजी, नारायणा हेल्थ आर एन टैगोर हॉस्पिटल, कोलकाता बताते हैं फेफड़े यानी लंग्स का हमारे शरीर में कितना महत्व है यह हम तब तक नहीं समझते जब तक हमें सांस से संबंधित किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती। हमें पता ही नहीं होता कि हमारे फेफड़ों की पूरी क्षमता कितनी है। फेफड़ों के माध्यम से ही हम सांस ले पाते हैं और इसी के जरिए ऑक्सीजन हमारे शरीर में दाखिल होता है, इसके बदले में शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है। लंग्स के जरिए ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की अदला बदली होती है। अगर आपके फेफड़ों की क्षमता बेहतर है और आप इसका पूरा उपयोग करते हैं तब यह आपको बीमार होने से बचाती है। मगर हम कई बुरी आदतों और लापरवाही के चलते अपने फेफड़ों की पूरी क्षमता का उपयोग नहीं करते, जिसमें धूम्रपान, व्यायाम की कमी के साथी वायु प्रदूषण भी शामिल है। इसलिए हमें अपने फेफड़ों को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है जिससे हम इनकी पूर्ण क्षमता के साथ सांस लेकर शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।
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फेफड़े खराब क्यों होते हैं? घर और वातावरण से जुड़े कारण-lung damage lesser known causes
हमारे घर और वातावरण का हमारे फेफड़ों के स्वास्थ्य पर बहुत प्रभाव पड़ता है। आप जहां रहते हैं वहां का माहौल क्या है, आपके घर के आसपास फैक्ट्रियां हैं या नहीं, क्या आपके घर के आसपास अधिक वायु प्रदूषण है, आपके आसपास के लोग धूम्रपान करते हैं या नहीं, इसके अलावा ज्यादा अगरबत्ती का इस्तेमाल करना भी आपके फेफड़ों के लिए नुकसानदायक होता है। क्योंकि अगरबत्ती को खुशबूदार बनाने के लिए कार्बन कणों का इस्तेमाल किया जाता है और जब हम घर में अगरबत्ती जलाते हैं और इसके धुएं के संपर्क में आते हैं तो धुएं के रूप में कार्बन डाई ऑक्साइड इस अगरबत्ती से निकलता है जो हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। इससे हमारे फेफड़े कमजोर होते हैं सांस की तकलीफ बढ़ती है और कई प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं।
फेफड़ों की बीमारियां क्यों बढ़ रही हैं-Why are lung diseases increasing?
डॉ. अनिमेष आर्या, सीनियर कंसल्टेंट, प्लूमोनोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट बताते हैं कि आजकल पर्यावरण से छेड़छाड़, धूम्रपान, वायु प्रदूषण, अव्यस्त जीवनशैली,गंदगी व अन्य कारणों के चलते इस प्रकार की समस्या सामान्य तौर पर देखी जा रही हैं, जिसके लिए बहुत सावधानी बरतने की जरूरत है। लोग कई बार अनजाने में भी धूम्रपान करने वालों के बीच रहकर इसके धूएं का सेवन कर रहे हैं, जिसे पैसिव स्मोकिंग (Passive smoking) बोला जाता है, इससे बचने की जरूरत है। इसके अलावा संक्रमण से दूर रहें, इसके लिए अपने हाथों और शरीर को स्वच्छ रखना चाहिए, मास्क भी लगाए रखने की जरूरत है। इसके अलावा फेफड़ों के संक्रमण के कई कारण हैं वायरस, बैक्टीरिया जैसे सूक्ष्म जीव फेफड़ों के संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं, यह वायरल ब्रोंकाइटिस बैक्टीरियल निमोनिया में परिवर्तित हो सकते हैं।
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फेफड़ों को मजबूत कैसे करें-Tips to strengthen lungs
फेफड़ों को मजबूत करने के लिए आपको अपने शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए नियमित व्यायाम को अपनी जीवनशैली में शामिल करना चाहिए।
-नियमित व्यायाम करने से फेफड़ों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
-योग, स्विमिंग, जॉगिंग, और साइकलिंग जैसे व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
-धुम्रपान से बचना चाहिए। अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ दें।
-प्रदूषण से बचने का प्रयास करें, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के कारण फेफड़ों को नुकसान हो सकता है। बच्चों को बाहर खेलने के लिए सुरक्षित जगह दें और वायु प्रदूषण से बचने के लिए उपायों का इस्तेमाल करें।
-सही डाइट लें। हर दिन फल, सब्जियां, प्रोटीन और फाइबर युक्त आहार खाएं। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें, लाइकोपीन से भरपूर फूड्स लें जैसे गाजर, पपीता, शकरकंद, टमाटर।
-प्राणायाम या ब्रीदिंग एक्सरसाइज प्रैक्टिस करें, प्राणायाम फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। योगाभ्यास में अनुलोम विलोम जैसे आसन शामिल करें।
अंक में अच्छी नींद ले, तनाव को कम करने, हंसने और पर्याप्त आराम करने का प्रयास करें। घर के बाहर खुले में कुछ समय जरूर बिताएं। पानी ज्यादा से ज्यादा से पिएं। ये भ्रम है की गरम पानी पीने से गला सही रहेगा, इसलिए न ठंडा न गर्म,सामान्य टंप्रेचर का पानी पीएं और स्वस्थ रहें।