World Kidney Day 2024: आज विश्व किडनी दिवस है और दुनियाभर में किडनी के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। लेकिन, कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनमें किडनी खराब होने डर बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में इन बीमारी वाले लोगों के लिए हमेशा सतर्क रहना जरूरी है। इसके लिए शुरुआत से ही शरीर के तमाम लक्षणों पर भी नजर बनाए रखना जरूरी है। तो, आइए जानते हैं 2 रोगों के बारे में जिनमें किडनी तेजी से खराब हो सकती है और किन लक्षणों पर नजर बनाए रखना जरूरी है। इन्हीं तमाम बातों को समझने के लिए हमने डॉक्टर पार्थ कर्मकार, कंसल्टेंट एंड कोऑर्डिनेटर, नेफ्रोलॉजी और डायलिसिस यूनिट, नारायणा हॉस्पिटल, हावड़ा, डॉक्टर एल.के.झा, डायरेक्ट एंड सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी, धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली और डॉक्टर राजेश अग्रवाल, चीफ एंड सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट से बात की।
डायबिटीज में किडनी पर असर-Kidney disease in diabetes
डॉक्टर पार्थ कर्मकार, कंसल्टेंट एंड कोऑर्डिनेटर, नेफ्रोलॉजी और डायलिसिस यूनिट, नारायणा हॉस्पिटल, हावड़ा और एनएच आरएन टैगोर अस्पताल, ने बताया कि डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं में किडनी खराब होने का खतरा ज्यादा होता है। बात अगर सिर्फ डायबिटीज की करें तो अपने ब्लड शुगर को नियंत्रित न रख पाना किडनी सेल्स यानी नेफ्रॉन (nephrons) को नुकसान पहुंचाता है जिससे किडनी फंक्शन खराब होता है और डैमेज का खतरा बढ़ जाता है।
हाई यूरिक एसिड में किडनी पर असर-Kidney disease in high uric acid
डॉक्टर एल.के.झा, डायरेक्ट एंड सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी, धर्मशिला नारायणा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली के अनुसार शरीर में प्यूरिन की मात्रा बढ़ जाने से यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है और आपकी किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करने में असमर्थ होने लगती है जिसके कारण आपको घुटनों, पैरों और उंगलियों में सूजन महसूस होने लगती है। लंबे समय तक इस स्थिति के रहने से किडनी पर प्रेशर पड़ता है और डैमेज का खतरा बढ़ता है।
किडनी खराब होने पर शरीर में दिखने लगते हैं ये लक्षण, प्राणायाम और योग से दूर करें बीमारी
किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण-Kidney damage early symptoms
-पेशाब में जलन और दर्द
-आंखों के आसपास की सूजन भी किडनी रोगों की ओर संकेत देती है।
-किडनी रोगों के दौरान आपको कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती, आपकी भूख मरने लगती है, साथ ही शरीर की मांसपेशियों में भी दर्द महसूस होने लगता है।
-यूटीआई होना और किडनी स्टोन भी किडनी डैमेज का संकेत है।
किडनी रोगों का खतरा बढ़ाती हैं ये चीजें
डॉक्टर राजेश अग्रवाल, चीफ एंड सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट के अनुसार किडनी रोगों से बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, जैसे
-पेन किलर कम से कम लें
-मोटापे पर कंट्रोल करें
-किडनी की समस्या से संबंधित अगर कोई फैमिली हिस्ट्री है तो समय-समय पर किडनी के टेस्ट करवाते रहें और डॉक्टर से परामर्श लेते रहें।
-शरीर को अधिक से अधिक मात्रा में हाइड्रेट रखने से किडनी को टॉक्सिंस निकालने में सहायता होती है, इसलिए दिन भर में आपको दो से तीन लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। इससे कम इस अंग से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकती है।
-अधिक मात्रा में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों का और प्रोटीन सप्लीमेंट्स का सेवन न करें क्योंकि इससे आपकी किडनी पर दबाव पड़ता है और उसकी कार्य प्रणाली प्रभावित होती है।
-धूम्रपान और शराब का सेवन
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बचाव-
बचाव पर ही बात करते हुए डॉ. सुदीप सिंह सचदेव, डायरेक्टर एंड सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजी, नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम ने बताया कि, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को किडनी रोगों से बचाव के लिए अपने शरीर में ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की नियमित निगरानी रखनी चाहिए। साथ ही किडनी में किसी भी तरह की समस्या महसूस होने पर किसी नेफ्रोलॉजिस्ट का परामर्श जरूर लेना चाहिए।