आजकल दिल की सेहत का ख्याल रखना बहुत जरूरी हो गया है। लाइफस्टाइल और बढ़ते तनाव के कारण हार्ट हेल्थ पर बुरा असर पड़ रहा है। जिससे लंबे समय में हाई ब्लड प्रेशर, एनजाइना, दिल की धड़कन अनियमित होना, हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, कोरोनरी हार्ट डिजीज, कार्डियोमायोपैथी, हार्ट वाल्व रोग और हार्ट फेल जैसी दिलसे जुड़ी कई समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिए अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अपनी फिजिकल हेल्थ खासतौर से हार्ट हेल्थ का ख्याल रखें। 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस 2024 है। ऐसे में हार्ट का कैसे ख्याल रखें और हार्ट की हेल्थ का कैसे पता करें। इसके बारे में हमने AIMS के कार्डियोवैस्कुलर और थोरेसिक सर्जन डॉ पंकज पोहेकर से बात की और जानने की कोशिश की कि दिल की सेहत का पता कौन से टेस्ट से करा सकते हैं।
दिल के लिए जरूरी टेस्ट (Important Heart Test)
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ब्लड प्रेशर चेक करें- हाई ब्लड प्रेशर के मरीज को हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जिसनें स्ट्रोक, एनजाइना और हार्ट बीट इरेगुलर होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए समय समय पर बीपी चेक करवाते रहें। इससे आर्टरीज में ब्लड के प्रेशर और फ्लो का पता चलता है। आप बीपी मॉनिटरिंग मशीन से घर में भी आसानी से ब्लड प्रेशर चेक कर सकते हैं।
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लिपिड टेस्ट- इसे कोलेस्ट्रॉल लेवल टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है, जो अक्सर खून में मौजूद फैट की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट को कराने से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) और अच्छा कोलेस्ट्रॉल (HDL) के बारे में पता चलता है। शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से ये आर्टरीज में प्लाक बनाने लगता है जिससे हार्ट अटैक समेत हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है।
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इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी)- इसे लोग ईसीजी के नाम से जानते हैं। ये एक जरूरी टेस्ट है जो आपके दिल की एक्ट्रिकल एक्टिविटीज को चेक करता है। इस टेस्ट से अनियमित दिल की धड़कन, हार्ट बीट बढ़ना या दिल से जुड़ी दूसरी गंभीरताओं के बारे में पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट को कराने से समय पर आप हार्ट से जुड़ी समस्याओं को जान सकते हैं और उनका इलाज करवा सकते हैं।
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स्ट्रेस टेस्ट- ये टेस्ट आपके दिल की सेहत का हाल बताता है जब आप किसी तरह के तनाव की स्थिति में होते हैं। इस दौरान व्यक्तियों को ट्रेडमिल पर दौड़ने के लिए कहा जाता है और डॉक्टर उनके दिल की धड़कन की जांच करते हैं। इस टेस्ट के जरिए किसी भी छिपी हुई हार्ट संबंधी स्थिति के मामले में, दवाब को चेक किया जाता है कि कहीं हार्ट पर इसका नकारात्मक असर तो नहीं पड़ रहा है।