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15 सिगरेट के बराबर बीमारी दे सकती है ये 1 चीज, WHO ने बताया जानलेवा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अकेलेपन को एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य चिंता (global public health concern) घोषित किया है। अमेरिकी सर्जन जनरल ने कहा है कि इसका मृत्यु दर प्रभाव एक दिन में 15 सिगरेट पीने के बराबर है।

Written By: Pallavi Kumari @Shabdita_Pallav
Published on: November 17, 2023 16:04 IST
loneliness- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL loneliness

कोरोना के बाद लोगों में मानसिक बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं। लेकिन, हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसके सबसे बड़े जनक का खुलासा किया है और अकेलेपन (loneliness) को इसका कारण बताया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो, अकेलापन (loneliness) एक  वैश्विक स्वास्थ्य चिंता है जो लोगों कई जानलेवा बीमारियों (loneliness effects on health) की ओर धकेल रहा है। इसकी वजह से अलग-अलग कारणों से लोग अपनी जान गवा रहे हैं। स्थिति ये है कि अकेलापन उतनी बीमारियां दे सकता है जितना आपको 15 सिगरेट दे दे। इसके अलावा भी इस बारे में विश्व स्वास्थ्य ने काफी कुछ कहा है, जानते हैं तमाम चीजें विस्तार से।

वैश्विक स्वास्थ्य चिंता है 'अकेलापन'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अकेलेपन (loneliness) को एक वैश्विक स्वास्थ्य चिंता घोषित (global public health concern)  किया है। इतना ही नहीं, डब्ल्यूएचओ ने इस समस्या पर एक अंतरराष्ट्रीय आयोग शुरू किया है जिसका नेतृत्व अमेरिकी सर्जन जनरल, डॉ. विवेक मूर्ति और अफ्रीकी संघ के युवा दूत, चिडो मपेम्बा करेंगे। डॉ. विवेक मूर्ति के अनुसार अकेलेपन, एक दिन में 15 सिगरेट पीने जितना बुरा है, और मोटापे और फिजिकल इनएक्टिविटी से जुड़े खतरे का कारण है। ये इस समय बुजुर्गों समेत नौजवानों तक को अपना शिकार बना चुका है। 

loneliness_as_global_threat

Image Source : SOCIAL
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अकेलेपन का नुकसान

अकेलेपन के कारण डिमेंशिया विकसित होने का खतरा 50% और कोरोनरी धमनी रोग या स्ट्रोक का खतरा 30% बढ़ जाता है।लेकिन यह युवाओं की आयु कम कर रहा है। आंकड़ों के अनुसार, 5% से 15% किशोर अकेले हैं, जो अनुमान से कम होने की संभावना है। अफ्रीका में 12.7% किशोर अकेलेपन का अनुभव करते हैं जबकि यूरोप में यह दर 5.3% है।

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स्कूल में अकेलेपन का अनुभव करने वाले युवाओं के विश्वविद्यालय छोड़ने की संभावना अधिक होती है। इससे खराब आर्थिक परिणाम भी हो सकते हैं। नौकरी में अलग-थलग और असमर्थित महसूस करने से नौकरी में प्रोडक्टिविटी कम हो रही है। इसके अलावा ये कई मानसिक बीमारियों की ओर ले जा रहा है जैसे डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर। तो, अगर आप भी बहुत अकेलापन महसूस करते हैं तो थोड़ा सामाजिक हों, अकेले न रहें, दोस्ती करें, लोगों से बात करें और खुश रहें। 

Source:WHO

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