हर साल 8 जून को विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस (World Brain Tumor Day 2020) के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने के पीछे उद्देश्य है कि लोगों को ब्रेन ट्यूमर के बारे में जागरूक करना। आज के समय में अधिक , खराब लाइफस्टाइल के कारण किडनी, फेफड़े, हार्ट सबंधी कई रोगों का शिकार हो जाते हैं इन्हीं में से एक है ब्रेन ट्यूमर। यह ट्यूमर मस्तिष्क की कोशिकाओं में होता है। जब ब्रेन में अनियंत्रित रूप में कोशिकाएं बढ़ने लगती हैं या फिर जमने लगती है तो ब्रेन ट्यूमर जानलेवा भी साबित हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर होने का कारण कई हो सकते है। जब पीयूष ग्रंथि कई तरह के रासायनिक तत्व उत्पन्न करती है। ग्रंथि में ट्यूमर होने पर कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं। जानिए इसका कारण, लक्षण और इलाज के बारे में।
विश्व ब्रेन ट्यूमर डे की शुरुआत
जर्मन ब्रेन ट्यूमर एसोसिएशन की स्थापना 1998 में हुई थी। उस समय 14 देशों के 500 सदस्यों ने एसोसिएशन में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। एसोसिएशन विश्वभर में ब्रेन ट्यूमर के पेशेंट्स और उनके परिवार के सहयोग के लिए था। इसके साथ ही साल 2000 से हर साल विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है।
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क्या है ब्रेन ट्यूमर ?
मस्तिष्क में कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने पर जो गांठ बन जाती है उसे ही ब्रेन ट्यूमर कहते हैं। इसमें मस्तिष्क के खास हिस्से में कोशिकाओं का गुच्छा बन जाता है। यह कई बार कैंसर की गांठ में तब्दील हो जाता है, इसलिए ब्रेन ट्यूमर को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
- आंखों से धुंधला दिखाई देना।
- बोलने में परेशानी होना।
- चलते-चलते अचानक लड़खड़ाना लगे।
- अधिक थकान होना।
- याददाश्त कमजोर होना।
- सुबह उठते ही तेज सिरदर्द
- शरीर में अचानक किसी भी तरह की संवेदना महसूस न होना।
- मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होना।
- अचानक से बेहोशी आना।
अगर आपको इसमें से कोई भी लक्षण दिखें तो एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
ब्रेन ट्यूमर का इलाज कुछ चीजों को ध्यान में रखकर किया जाता है। जिसमें ट्यूमर का प्रकार, स्थिति, आकार, कितना फैला हुआ है, कोशिकाएं कितनी असामान्य है आदि देखकर किया जाता है।
सर्जरी
इस इलाज में डॉक्टर पूरे ट्यूमर को या उसके कुछ भाग को निकाल देता है। ब्रेन ट्यूमर को निकालने के लिए की जाने वाली सर्जरी में कई जोखिम होते हैं जैसे संक्रमण और ब्लीडिंग भी अधिक हो सकती है।
कीमोथेरेपी
इस थेरेपी में दवाइयों का यूज करके ट्यूमर की कोशिकाओं को मारने की कोशिश की जाती हैं। यह दवाओं और इंजेक्शन के रूप में किया जाता है। कीमोथेरेपी जी मचलाना, उल्टी होना या बाल झड़ने की समस्या होना सामान्य बात है।
रेडिएशन थेरेपी
रेडिएशन थेरेपी में ट्यूमर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए हाई एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे या प्रोटॉन्स का इस्तेमाल किया जाता है।
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माइक्रो एंडोस्कोपिक स्पाइन सर्जरी
इस विधि में सर्जरी को आसान और बेहतर बना दिया है। इसमें एंडोस्कोप का इस्तेमाल करते है। इस सर्जरी के दौरान उन जगहों तक पहुंचना संभव होता है, जहां पारंपरिक सर्जरी द्वारा पहुंचना मुश्किल होता है। इसके साथ ही इसका साइड इफेक्ट्स भी कम हैं।
रेडियो सर्जरी
इसमें कैंसरयुक्त कोशिकाओं को मारने के लिए रेडिएशन की कई बीम्स का इस्तेमाल किया जाता है। रेडियो सर्जरी एक ही सीटिंग में हो जाती है।
टारगेट ड्रग थेरेपी
यह कैंसर कोशिकाओं में मौजूद विशिष्ट असामान्यताओं पर फोकस करती है। इन असामान्यताओं को ब्लॉक करके कैंसर कोशिकाओं को खत्म करते हैं।