दुनियाभर में अस्थमा के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए हर साल मई माह के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस बार यह 5 मई को पड़ रहा है। इन दिनों दुनियाभर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैला हुआ है जिससे दुनियाभर में लाखों लोग संक्रमित होते हैं। कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी हैं कि अस्थमा के मरीजों को कोविड-19 का संक्रमण अधिक होता है क्योंकि उनका इम्यूनिटी सिस्टम काफी कमजोर होता है। इसलिए इस समय अस्थमा के मरीजों को खुद का ख्याल रखना बहुत जरूरी है।
गर्मियों के मौसम में गर्व हवाओं के साथ आने वाले धूल कण से अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। इसलिए वह घरों में ही रहें। अस्थमा के मरीजों को अपनी लाइफस्टाइल के साथ-साथ खानपान का खास ख्याल रखने की जरुरत है। ऐसे में कई ऐसी चीजें है जिनका सेवन करने से अस्थमा के मरीजों को बचना चाहिए।
फैटी फूड्स
रेड मीट और अन्य फैटी फूड्स आपके अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। हालांकि सभी फैटी फूड्स का परहेज नहीं किया जाना चाहिए। आप मछली, एवोकाडो, जैतून का तेल, नारियल का तेल, और नट और बीज का सेवन कर सकते हैं। यह अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए हैल्दी रखता हैं।
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वेजिटेबल ऑयल
पाम, कैनोला, सोयाबीन और सूरजमुखी आदि से बने ऑयल वेजिटेबल ऑयल होते हैं। इनका इस्तेमाल डीप फ्राइंग और खाने का फ्लेवर बढ़ाने में किया जाता है। एक्सपर्ट्स के अनुसार वेजिटेबल ऑयल में एक तरह का केमिकल 'एल्डिहाइड' रिलीज होता है। जो अस्थमा के मरीजों के लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है।
आर्टिफिशियल स्वीटनर
कई लोग चीनी से बचने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटर को अच्छा विकल्प मानते हैं। यह स्वास्थ्य में लंबे समय तक प्रभाव डालता है। आमतौर पर आर्टिफिशियल स्वीटर जूस और सोड़ा होता है जिससे अस्थमा के मरीजों को एलर्जी हो सकती हैं। इसलिए इसे खाने से बचना चाहिए।
प्रोसेस्ड फूड
प्रोसेस्ड फूड ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं, जिन्हें पहले से बनाकर रख दिया जाता है और लंबे समय तक संरक्षित रखने के बाद उपयोग किया जाता है। लेकिन आपको बता दें कि यह अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसे फूड्स का सेवन करने से सांस लेने में समस्या हो सकती हैं।
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ऑयली फूड
अस्थमा के मरीजों के साथ अन्य लोगों को भी तले हुए खाने से दूर रहना चाहिए।
अल्कोहाल
आमतौर पर अल्कोहल युक्त पेय पदार्थों में मौजूद सल्फाइट्स कभी-कभी अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता हैं। जिसके कारण घरघराहट और सांस लेने में कठिनाई हो सकती हैं। इसलिए इससे दूरी बनाकर रखें।