घुटनों के सूजन होना, त्वचा पर लाल दाने होना, जोड़ो में दर्द, अकड़न जैसे लक्षण अर्थराइटिस के होते है। गठिया की समस्या से बुजुर्ग ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोग भी तेजी से शिकार हो रहे हैं। कई बार यह दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है। खराब लाइफस्टाइल के अलावा आपके खानपान का भी बुरा असर शरीर पर पड़ता है।
स्वामी रामदेव के अनुसार गठिया की समस्या से निजात पाने के लिए जरूरी है कि आप अपने खानपान का विशेष ध्यान रखें। अगर आपने जल्द ही अर्थराइटिस से निजात नहीं पाई तो आगे चलकर ये बड़ा रूप ले सकती है। वर्ल्ड अर्थराइटिस डे के मौके पर जानिए गठिया के मरीजों को किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किन चीजों का नहीं।
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गठिया के मरीज करें इन चीजों का सेवन
बथुआ
गठिया के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है। सर्दी के मौसम में बथुआ आसानी से मिल जाता है। आप इसे पराठा, सब्जी के अलावा जूस के रूप में सेवन कर सकते हैं। 3
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सहजन
गठिया के मरीजों के लिए सहजन काफी फायदेमंद हो सकता है। सहजन की पत्तियों का काढ़ा बनाकर पीने से गठिया में फायदा हो सकता है। इससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। इसके अलावा आप सहजन की सब्जी भी खा सकते हैं।
पालक
जोड़ों के दर्द के लिए पालक काफी फायदेमंद होता है। इसमें ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो गठिया के रोग को कम करने में मदद करता है।
हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन के साथ एंटी-इंफ्लेमेंट्री गुण पाए जाते हैं जो जोड़ों के दर्द के साथ-साथ सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
लहसुन
लहसुन में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ-साथ अर्थराइटिस की समस्या से निजात दिला सकते हैं। अर्थराइटिस के मरीज खाली पेट 3-4 लहसुन की कली का सेवन करें। अगर आपके केवल लहसुन से एलर्जी हैं तो घी में लहसुन को हल्का भुनकर थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर सेवन करें।
अर्थराइटिस के मरीज इन चीजों का न करें सेवन
दाल
गठिया के मरीजों को चना-छोले, राजमा, मूंग की दाल आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसनें प्यूरीन पाया जाता है जो यूरिक एसिड की समस्या को बढ़ा देता है।
अरबी
ये फाइबर, पोटैशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, कैल्शियम और आयरन से भरपूर होती है। लेकिन इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। जिसके कारण यह अर्थराइटिस की समस्या को बढ़ा सकता है।
कटहल
कटहल का सेवन अर्थराइटिस के मरीजों को नहीं करना चाहिए। इससे आपके जोड़ों का दर्द अधिक बढ़ सकता है।
दही-छाछ
गठिया के मरीजों को दही-छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए। इसकी तासीर ठंडी होने के साथ इसमें अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जो यूरिक एसिड को बढ़ा देता है।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।