World AIDS Vaccine Day 2023: एचआईवी एड्स (HIV AIDS) एक संक्रामक बीमारी है जिसे एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (Acquired Immunodeficiency Syndrome-AIDS) कहते हैं। ये बीमारी बहुत ज्यादा संक्रामक और खतरनाक होती है। इतना समझें कि शरीर के व्हाइट ब्लड सेल्स खत्म होने लगते हैं, इम्यूनिटी न के बराबर हो जाती है और छोटी से छोटी बीमारी से लड़ने में शरीर अक्षम हो जाता है। पर आज के दिन को दुनिया एड्स के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए मनाती है। तो, आइए जानते हैं इस दिन की कहानी, इस साल का थीम और फिर जानेंगे एचआईवी एड्स की वैक्सीन के बारे में।
1997 में अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने की थी इसकी पहल
18 मई साल 1997 में अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने आज के दिन मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में एक भाषण के दौरान एड्स से लड़ने और इसका कारगर बचाव खोजने की बात कही थी। इस भाषण में उन्होंने कहा था कि मात्र एक प्रभावी एचआईवी वैक्सीन ही एड्स के खतरे को कम कर सकती है या इसे खत्म कर सकती है। फिर इसी भाषण को याद करके हर साल दुनियाभर में World AIDS Vaccine Day मनाया जाता है और उम्मीद की जाती है कि जल्द ही इस बीमारी का टीका बन जाएगा। इस साल 2023 में इसकी थीम है Zero Discrimination Day 2023 — Save lives: Decriminalise यानी कि असमानता खत्म कर एड्स से पाएं छुटकारा।
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42 साल बाद भी क्यों नहीं है एड्स का कोई टीका-Why Don't We Have an HIV Vaccine in hindi
साल 1981 में अमेरिका में इस बीमारी की पहली बार पहचान की गई थी। लेकिन, 42 साल बाद भी इस बीमारी की कोई वैक्सीन नहीं आ पाई। दरअसल, इसका कारण समझने के लिए आपको इस बीमारी को समझना होगा। जैसे कि ज्यादातर टीके हमारे शरीर को विभिन्न वायरस या पैथजन से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने के लिए प्रेरित करते हैं, लेकिन एचआईवी खुद को छिपा लेता है, ताकि अगर हम एंटीबॉडी बना भी लें, तो वायरस उनसे बचने के लिए बदल जाता है। इसके अलावा वायरस जो कि डीएनए में एकीकृत होता है, यह हमारे द्वारा उपयोग किए जा सकने वाले वैक्सीन प्लेटफॉर्म को सीमित करता है। इसलिए, बदलते प्रोटीन स्पाइक और डीएनए की वजह से आज तर कोई प्रभावी वैक्सीन नहीं बन पाई है।
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बचाव ही है एक मात्र रास्ता-Prevention methods for HIV Aids
एचआईवी एड्स (HIV AIDS) के लिए बचाव की एक मात्र रास्ता है। ऐसे में एचआईवी एड्स से बचाव के उपाय जान लें। जैसे कि
-सबसे पहले एचआईवी टेस्ट करवाएं।
-कम जोखिम भरा यौन व्यवहार चुनें जिसमें सुरक्षित तरीके हों और मेडिकली सेफ हो।
-अपने फिजिकल पार्टनर्स की संख्या सीमित करें क्योंकि जितना बड़ा नेटवर्क, उतना बड़ा खतरा होता है।
-एसटीडी के लिए परीक्षण और इलाज करवाएं।
-दवाओं का इंजेक्शन न लगाएं।
-इंजेक्शन लगवाते समय या फि टैटू बनवाते समय नए नीडल का ही उपयोग करे।
-अपने शेवर, रेजर और ट्रिमर को किसी के साथ शेयर न करें।
-सेक्सुअल हाइजीन का खास ध्यान दें।
तो, इस बीमारी से करें अपना बचाव। ज्यादा से ज्यादा इस बीमारी के बारे में जानें। इसे बारे में समझें और इससे बचने की कोशिश करें। ताकि, ये जानलेवा बीमारी दुनिया में बढ़े नहीं।
Source: https://hivinfo.nih.gov
https://publichealth.jhu.edu