विश्व एड्स दिवस 2023: 1 दिसंबर को दुनियाभर में एड्स को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जाता है। 1 दिसंबर को 'विश्व एड्स दिवस' के रूप में मनाया जाता है। ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (HIV) के कारण एड्स जैसी घातक बीमारी पैदा हो सकती है। इस बीमारी पर कैसे काबू पाया जाए इसके लिए यूएन लगातार प्रयास कर रहा है। लोगों के एड्स के बारे में जागरूक किया जा रहा है। पीड़ित लोगों को सपोर्ट किया जाता है। अब सवाल उठता है कि दुनिया से एड्स कब खत्म होगा? इसके लिए कई समुदायों और संगठन लगातार कोशिश कर रहे हैं। एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) को लेकर संयुक्त राष्ट्र की नई रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें खुलासा किया गया है कि 2030 तक एड्स पर काबू पा लिया जाएगा।
विश्व एड्स दिवस पर लोगों को इस घातक बीमारी के बारे में जागरूक किया जाता है। आज भी एड्स को लेकर लोगों की बहुत ही संकुचित मानसिकता है। यही वजह है कि इस बीमारी को लेकर व्यापक स्तर पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। इस साल संयुक्त राष्ट्र संस्था ने विश्व एड्स दिवस की थीम 'समुदायों को नेतृत्व करने दें' रखी है। इसका मतलब है कि साथ में आकर एड्स को खत्म कर सकते हैं। यूएन एड्स का मानना है कि 'समुदायों के नेतृत्व से दुनिया से एड्स को खत्म किया जा सकता है।
2030 तक दुनिया से खत्म हो जाएगा एड्स!
यूएन एड्स ने एड्स के लिए काम कर रहे संगठनों को सशक्त बनाने के लिए तीन सूत्री समाधान भी सुझाया है। जिसमें समुदायों को नेतृत्व की भूमिका देना, उन्हें पर्याप्त धन मुहैया कराना और एचआईवी सेवाओं के लिए अच्छा वातावरण मुहैया कराना शामिल है। यूएन एड्स की ओर से जारी सालाना में कहा गया है कि 2030 तक 'एड्स के अंत' तक पहुंचा जा सकता है। संयुक्ट राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक एड्स को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे आसानी से पा सकते हैं।
एड्स के लक्षण (AIDS Symptoms)
- बुखार
- ठंड लगना
- गले में खरास
- मांसपेशियों में दर्द
- शरीर पर चकत्ते होना
- रात को पसीना आना
- थकान होना
- ज्वाइंट पेन
- ग्रंथियों में सूजन
सुबह उठते ही सिर में दर्द और भारीपन रहता है, हो सकती है ये बीमारी, जानिए कारण और बचाव