World AIDS Day 2022: आए दिन खबर सामने आती है कि किसी HIV से संक्रमित शख्स का इलाज के आभाव में निधन हो गया। हाल ही में एक गर्भवती महिला को अपनी डिलीवरी के दौरान कोई चिकित्सकीय मदद ना मिलने के कारण उसके नवजात बच्चे की मौत हो गई। ऐसी खबरें सुनकर हमारा दिल दहल जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसी खबरों के पीछे की वजह क्या है? इन खबरों के पीछे की वजह है इस बीमारी को लेकर फैले मिथक। HIV और एड्स को लेकर कई मिथक दुनिया भर में फैले हुए हैं। ऐसे में कई बार लोग HIV संक्रमित लोगों के साथ गलत व्यवहार करने लगते हैं। इसलिए हमें यह जानना जरूरी है कि एड्स को लेकर कही सुनी जाने वाली बातों में क्या सच है और क्या झूठ।
HIV और एड्स में क्या है अंतर
ऐसे मामले सामने आने की बड़ी वजह यह भी मानी जा सकती है कि लोगों को एचआईवी और एड्स के बारे में सही और पूरी जानकारी ही नहीं है। दोनों में काफी अंतर है, जबकि आमतौर पर लोग इसे एक ही मानते हैं। क्योंकि जहां एचआईवी एक वायरस है, वहीं एड्स एक बीमारी है। एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो एड्स नाम की बीमारी को जन्म दे सकता है, लेकिन जरूरी नहीं है कि अगर किसी को एचआईवी पॉजिटिव है तो उसे एड्स भी होगा ही। इस बीमारी को लेकर लोगों ने मन में कई तरह की गलत धारणाएं बनी हुई हैं।
मिथक: HIV छूने से फैलता है
सच- एड्स की बीमारी जब से सामने आई है इसे लेकर एक सबसे बड़ा झूठ यह फैला हुआ है कि यह छूने से फैलती है। लेकिन सरकार सालों से इस मिथक को खत्म करने की कोशिश में लगी हुई है। सरकार आए दिन ऐसे विज्ञापन भी जारी करती है जिसमें बताया जाता है कि यह छूने से नहीं फैलता। इन विज्ञापनों की टैग लाइन होती है, 'छूने से प्यार फैलता है, एड्स नहीं'। आपको बता दें कि एड्स किसी को गले लगाने, हाथ मिलाने, थूक, पसीने या यूरिन के जरिए बिल्कुल भी नहीं फैलता। आपको जानकार हैरानी होगी लेकिन एड्स के मरीज के साथ एक ही बर्तन में भोजन करने से भी यह नहीं फैलता क्योंकि सबसे ज्यादा खतरा संक्रमित व्यक्ति के खून से होता है।
मिथक- टैटू बनवाने या पियर्सिंग से हो सकता है HIV/AIDS
सच- अक्सर लोगों को कहते सुना जाता है कि टैटू बनवाने से एड्स होने का खतरा होता है। लेकिन आपको बता दें कि ऐसा नहीं है। यह संभावना उसी समय होती है जब टैटू आर्टिस्ट HIV पॉजिटिव व्यक्ति पर इस्तेमाल की गई सुई को दूसरे व्यक्ति पर भी इस्तेमाल कर ले। तो अगर आप हमेशा फ्रेश निडिल का इस्तेमाल करते हैं तो यह संभावना जरा भी नहीं है।
मिथक- गे और लेस्बियन लोगों को एड्स होता है
सच- यह झूठ भी एड्स को लेकर काफी प्रचलित है कि समलैंगिक लोगों को एड्स होता है। जबकि ये बिलकुल गलत है, एड्स किसी को भी हो सकता है इसका सैक्सुएलिटी से कुछ लेना-देना नहीं। हां लेकिन किन्हीं भी दो व्यक्तियों के बीच असुरक्षित यौन संबंध इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है।
मिथक- Kiss करने से फैलता है एड्स
सच- HIV वायरस की मौजूदगी लार में काफी कम मात्रा में होती है। इसलिए पॉजिटिव शख्स के किस करने से इसका संक्रमण फैलने की संभावनाएं न के बराबर होती है।
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मिथक: HIV का मतलब AIDS होना ही है
सच- जैसा कि हमने शुरू में ही बताया कि HIV के संक्रमित होने के पर यह जरूरी नहीं कि एड्स हो ही जाए। क्योंकि यह ऐसा इन्फेक्शन है जिससे AIDS होता है, लेकिन हर HIV मरीज को AIDS होगा ही ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं।
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