बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं को कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। खासतौर से जब आप 45 की उम्र पार करते हैं तो हड्डियों से जुड़ी समस्या जैसे गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आपको पहले से ही बॉडी को इन समस्याओं से लड़ने के लिए तैयार करना जरूरी है। हार्मोन बदलाव भी महिलाओं के शरीर में कई परेशानियां पैदा करता है। इसके लिए विटामिन डी, कैल्शियम और दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना शुरू कर दें। इस समय सेहतमंद रहने के लिए कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी भी रुटीन में शामिल कर लें। खासतौर से महिलाओं को लंबे समय तक फिट और जवान बने रहने के लिए रोजाना योग करना चाहिए। आज हम आपको ऐसे 2 योगासन बता रहे हैं जिन्हें 45 साल के बाद जरूर करना चाहिए।
आप चाहे कितनी भी बिजी क्यों न हों, अपने लिए कम से कम आधा घंटे का समय जरूर निकालें। रोजाना कुछ देर योग करें और प्राणायाम करें। इसके अलावा वॉक, जॉगिंग और कुछ हल्की एक्सरसाइज करके खुद को फिट और हेल्दी बनाए रख सकती हैं। मेनोपॉज के बाद आने वाली समस्याओं को दूर करने में इससे मदद मिलेगी। निरोगी काया पानी है तो इन 2 योगासन को करना शुरू कर दें।
विपरीतकर्णी आसन
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल किसी दीवार के पास लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाते हुए दीवार से लगाएं। आपके पैर ऊपर की तरफ एकदम सीधे होने चाहिए। अब पैरों को ऊपर उठाते हुए कूल्हों को भी ऊपर करें। शरीर को हाथों से बैलेंस करें। कंधा, गर्दन और चेहरे को स्थित रखें। इसी मुद्रा में आपको कम से कम 5 मिनट तक रहना है। इस वक्त गहरी सांस लें और फिर छोड़ें।
पर्वतासन
महिलाओं को बढ़ती उम्र के साथ कमर दर्द, पीठ दर्द, कंधों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है। इस तरह के दर्द में आराम पाने के लिए आपको रोजाना पर्वतासन जरूर करना चाहिए। अगर आप ऑफिस में लंबे समय तक सिटिंग जॉब करती हैं तो इससे शरीर और दिमाग दोनों पर असर पड़ता है। ज्यादा देर बैठने से रीढ़ की हड्डी भी कमजोर होने लगती है। इसके लिए आप पर्वतासन करें। पर्वतासन करते वक्त आपका शरीर एक पर्वत की चोटी जैसा दिखेगा। इसके लिए वज्रसान की मुद्रा में बैठ जाएं। हथेलियों को जोड़ लें और नमस्ते जैसी मुद्रा बनाएं। हथेलियों को अपने सीने पर लेकर आते हुए सिर के ऊपर ले जाएं। बॉडी को एकदम स्ट्रेट रखें और एड़ियों को जमीन पर रखते हुए हिप्स को ऊपर की ओर लेकर जाएं। हथेलियों को चेस्ट के पास लाएं और इसी स्थिति में रहें। इस आसन को करते वक्त रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें।