उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के शरीर में बदलाव आने लगते हैं। खासकर 30 की उम्र के बाद महिलाओं की शारीरिक क्षमता कमजोर होने लगती है। दरअसल इस उम्र के बाद महिलाओं के हॉर्मोन्स असंतुलित होने लगते हैं, हड्डियां कमजोर होने लगती हैं और प्रजनन संबंधी समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं। इसलिए उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं को अपनी सेहत का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। अगर आपकी उम्र 30 वर्ष से अधिक है तो आप न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के हेड विज्ञान मिश्रा, के बताए इन महत्वपूर्ण टेस्ट को ज़रूर करा लें, ताकि आपकी सेहत लंबे समय तक स्वस्थ और फिट हो।
30 के बाद महिलाएं ये टेस्ट ज़रूर कराएं:
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पैप स्मीयर और एचपीवी टेस्ट: पैप स्मियर टेस्ट से यह पता चलता है कि महिला में सर्वाइकल कैंसर की संभावना तो नहीं। इस जांच से सर्वाइकल कैंसर का समय पर इलाज किया जा सकता है। 30 साल की उम्र के बाद इस टेस्ट को हर पांच साल में एचपीवी टेस्ट के साथ पैप स्मीयर टेस्ट करायें।
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स्तन कैंसर की जांच: 30 की उम्र के बाद महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए हर दूसरे साल में मैमोग्राफी टेस्ट करवाना चाहिए। जिन महिलाओं के परिवार में पहले से कैंसर का इतिहास है, उन्हें पहले से ही इसकी शुरुआत करनी चाहिए।
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बोन डेंसिटी: ऑस्टियोपोरोसिस की शुरुआत आमतौर पर 65 वर्ष में शुरू होती है, लेकिन अपने परिवार का इतिहास देखते हुए 30-40 की उम्र वाली महिलाओं को बोन डेंसिटी टेस्ट जरूर करवाने चाहिए। ताकि ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम हो।
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कोलेस्ट्रॉल टेस्ट: बढ़ती उम्र के साथ दिल की बीमारी का खतरा भी बढ़ता है। दिल से जुड़ी बीमारी के शिकार न हों इसलिए अपना कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट कराएं। महिलाओं को 20 साल की उम्र से ही यह टेस्ट कराना चाहिए।
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ब्लड प्रेशर की जांच: आपका ब्लड प्रेशर सामान्य है या ज़्यादा इसकी जांच करने के लिए हर साल अपने ब्लड प्रेशर टेस्ट करवाएं। हाई ब्लड प्रेशर से महिलाएं कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकती हैं।
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थायराइड फंक्शन: भारत में महिलाएं थायराइड का तेजी से शिकार हो रही हैं। ऐसी में 30 साल के बाद महिलाओं को थायराइड का टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए। ये टेस्ट हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म का पता लगाने में मदद करते हैं। महिलाओं को 35 साल की उम्र से हर पांच साल में थायराइड के स्तर की जांच करानी चाहिए।
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डायबिटीज का टेस्ट- आजकल की बिगड़ती हुई लाइफस्टाइल में महिलाएं डायबिटीज का तेजी से शिकार हो रही हैं। इसलिए उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं को हर तीन साल में फास्टिंग और बिना फास्टिंग का शुगर टेस्ट कराना चाहिए।