Highlights
- सर्दियों में कमजोर इम्यूनिटी का बुरा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है
- ठंड में फैटी खाना खाने से आंतों पर अधिक दवाब पड़ता है
- आंतों पर अधिक दवाब पड़ने से पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है।
सर्दी का मौसम बेहद खुशनुमा होता है। लेकिन कुछ लोगों के लिए सर्दी का मौसम तकलीफों से भरा है। थोड़ी सी लापरवाही बीमार बना देती है। सर्दी का असर न सिर्फ लंग्स पर होता है बल्कि इनडायजेशन भी बड़ी समस्या बन जाती है। खासतौर पर कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए मौसम परेशानी से भरा है। ऐसे लोगों को ठंड भी जल्दी लगती है, जिसकी वजह से हाजमा पूरे सीजन ख़राब रहता है।
जब पेट अपसेट हो तो लोग किसी भी चीज पर फोकस नहीं कर पाते और ना ही हैप्पी फील करते हैं। लेकिन सवाल ये कि सेहत के लिहाज से सर्दी का मौसम। जब बेहतर है तो हेल्थ इश्यूज़ क्यों होते हैं? दरअसल जाड़े में शरीर को गर्म रखने के लिए ज्यादा कैलोरी की जरुरत पड़ती है। एक्स्ट्रा कैलोरी की वजह से ज्यादा भूख लगती है। ज्यादा खाने का असर डायजेशन पर पड़ता है जो पाचन को धीमा कर देता है।
कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में कारगर हैं ये चीजें, जानिए क्या खाने से बचें?
ज्यादा फैट और शुगर संबंधी चीजें वजन बढ़ा सकती है। फाइबर फूड कम लेने से डायजेशन स्लो होता है। इसके साथ ही इस मौसम में लोग पानी भी कम पीते हैं और चाय-कॉफी ज्यादा, जिससे एसिडिटी भी परेशान करने लगती है।
अब ऐसे में तापमान गिरने, शीत लहर शुरू होने से पहले पेट सेट कैसे होगा। ये जानना जरूरी है ताकि सर्दी का मौसम हर किसी के लिए खुशगवार हो सके तो स्वामी रामदेव से जानिए पेट को फिट रखने का आसान तरीका।
सर्द मौसम में बिगड़ा पाचन
- पेट में दर्द
- कब्ज
- डायरिया
- कोलाइटिस
- एसिडिटी
- गैस
- उल्टियां
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सर्द मौसम में पाचन बिगड़ने की वजह
- हाई कैलोरी फूड
- वर्कआउट ना करना
- पानी कम पीना
- कमजोर इम्यूनिटी
- मोटापा
इनडायजेशन के लक्षण
- स्टूल में खून आना
- पेट में मरोड़ होना
- बुखार लगना
- वजन घटना
- भूख कम लगना
पेट को दुरुस्त रखने का तरीका
शंख प्रक्षालन
सुबह उठकर इस विधि को करें। इसके लिए सबसे पहले आप कागासन में बैठें। तीन गिलास गुनगुना नमकीन पानी लें। इसके बाद तिर्यक ताड़ासन, तिर्यक भुजंगासन, उदराकर्षणासन करें। फिर अपने हिसाब से एक बार फिर पानी पीएं।
ताड़ासन
- शरीर को लचीला बनाता है।
- थकान, तनाव और चिंता दूर करता है।
- पाचन को ठीक रखता है।
तिर्यक ताड़ासन
- रोज करने से शरीर काफी लचीला होता है।
- कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
- वजन घटाने में मदद मिलती है।
- मन को शांत रखने में सहायक है।
- लंग्स को मजबूत बनाता है।
कटिचक्रासन
- कमर, रीढ़ की मसल्स मजबूत बनती हैं।
- त्वचा में चमक आती है।
- सीने को चौड़ा करता है।
- डायबिटीज कंट्रोल होती है।
- पेट की चर्बी कम करता है।
- मोटापा कम करने में मददगार है।
- बच्चों का दिमाग तेज करता है।
तिर्यक भुजंगासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है
- तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत होता है
- फेफड़ों, कंधों, सीने को स्ट्रेच करता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- छाती चौड़ी होती है
- कब्ज की समस्या में कारगर
उद्राकर आसन
- कब्ज में कारगर
- पेट संबंधी समस्याओं से दिलाए निजात
- रीढ़ की हड्डी के लिए कारगर
- शरीर को लचीला बनाए
मंडूकासन
- डायजेशन से जुड़े साइड इफेक्ट दूर करता है।
- फैटी लिवर की समस्या दूर करता है।
- ब्लड शुगर को कम करने में कारगर।
- लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है।
- गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है।
शशकासन
- माइग्रेन के रोग में फायदेमंद।
- तनाव और चिंता दूर होती है।
- क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होता है।
- मोटापा कम करने में मददगार है।
- लिवर और किडनी के रोग दूर होते हैं।
योगमुद्रासन
- कब्ज की समस्या दूर होती है
- गैस से छुटकारा मिलता है
- पाचन की परेशानी दूर होती है
- छोटी-बड़ी आंते सक्रिय होती हैं
वक्रासन
- पेट पर पड़ने वाला दबाव फायदेमंद
- कैंसर की रोकथाम में कारगर
- पेट की कई समस्याओं में राहत
- पाचन क्रिया ठीक रहती है
- कब्ज ठीक होती है
गोमुखासन
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
- पीठ, बांहों को मजबूत बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- शरीर को लचकदार बनाता है
- सीने को चौड़ा करने में सहायक
- शरीर के पॉश्चर को सुधारता है
पवनमुक्तासन
- फेफड़े स्वस्थ और मजबूत रहते हैं
- अस्थमा, साइनस में लाभकारी
- किडनी को स्वस्थ रखता है
- ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है
- पेट की चर्बी को दूर करता है
- मोटापा कम करने में मददगार
- हृदय को सेहतमंद रखता है
- ब्लड सर्कुलेशन ठीक होता है
- रीढ़ की हड्डी मज़बूत होती है
उत्तानपादासन
- डायबिटीज कंट्रोल होती है।
- एसिडिटी ठीक होती है।
- कमर दर्द में आराम मिलता है।
- हार्ट को मजबूत बनाता है।
- वजन कम करने में मददगार है।
- पैरों की मसल्स मजबूत होती है।
- पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
इन प्राणायाम के द्वारा कब्ज से मिलेगी राहत
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
- उज्जायी
- उद्गीथ