बचपन से हम लोग देखते आए हैं कि दवाओं की पैकेजिंग एल्युमिनियम फॉयल में होती है। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि इसका कारण क्या हो सकता है। तो, बता दें कि ये यूंही नहीं किया जाता बल्कि, एल्युमिनियम फॉयल (medicine in aluminium foil) में कई ऐसे गुण हैं जो कि दवाओं के असर को बचाए रखने में मदद कर सकते हैं। इतना ही नहीं इस एल्युमिनियम फॉयल के इस्तेमाल के पीछे कई कारण और भी हैं, जिसे हर किसी को जानना चाहिए ताकि आप जब भी किसी दवा को देखें तो उसकी कवरिंग को देख ये बात याद आ जाए।
दवाओं की पैकेजिंग एल्युमिनियम फॉयल में ही क्यों होती है?
1. दवा के संपर्क में नहीं आते बैक्टीरिया और वायरस
एल्युमिनियम फॉयल की खास बात ये होती है कि पानी और हवा इसके संपर्क में आने पर भी कोई असर नहीं दिखाते। इससे दवाएं बैक्टीरिया, वायरस और अन्य सूक्ष्मजीवों के संपर्क से बचे रहते हैं जिससे इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। तो, किसी भी बैक्टीरिया और वायरस के इंफेक्शन से बचाने के लिए एल्युमिनियम फॉयल में दवाओं की पैकेजिंग होती है।
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2. किसी भी तापमान का असर दवाओं पर नहीं होता
एल्यूमीनियम की खास बात ये है कि इस पर सूरज की गर्मी या भीषण ठंड का भी कोई खास असर नहीं होता है। इस तरह दवाएं हर प्रकार के तापमान और इनके प्रभाव से बचे रहते हैं और इनके कैमिकल कंपोजिशन में टेंपरेचर चेंज की वजह से बदलाव का खतरा कम रहता है।
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3. दवाओं का असर कम नहीं होता
बता दें कि एल्यूमीनियम में कभी जंग नहीं लग सकता और इसकी ये कवरिंग एक बैरियर के रूप में काम करती है। इसकी वजह से होता ये है कि दवाओं का असर और इसकी प्रकृति में कोई बदलाव नहीं आता और न ही शरीर में इसकी प्रोडक्टिविटी प्रभावित होती है। तो, बस इन तमाम कारणों से आपको दवाओं की पैकेजिंग एल्युमिनियम फॉयल में ही करनी चाहिए।