ठंड के मौसम में दिल से जुड़ी बीमारियों की संभावना बहुत बढ़ जाती है। इस मौसम में ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल बहुत ज़्यादा बढ़ने लगता है जिस वजह से लोग हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। हार्ट अटैक के मामले अब इतने आम हो चुके हैं कि ये अब युवा भी इसके शिकार हो रहे हैं। पीएसआरआई हेल्थ इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर के.के तलवार बता रहे हैं कि आखिर ठंड के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा क्यों बढ़ जाता है।
ठंड के मौसम में क्यों बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा?
पीएसआरआई हेल्थ इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर के.के तलवार कहते हैं कि इस मौसम में तापमान कम होने से नसें सिकुड़ने लगती हैं। जिस वजह से ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है साथ ही कई बार पहले से जमा कॉलेस्ट्राल टूट जाता है जिस वजह से नसों ब्लॉक हो जाती हैं। इस वजह से सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक की सम्भावना बढ़ जाती है। हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट के अनुसार सर्दियों में सुबह के समय हार्ट अटैक के मामले 53 प्रतिशत से ज़्यादा होते हैं।
ये हैं हार्ट अटैक के सामान्य संकेत
हार्ट अटैक आने से पहले आपका शरीर कुछ ऐसे संकेत देता है जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है। अगर आप इनपर ध्यान दें तो जानलेवा स्थिति को आने से रोका जा सकता है। जानिए हार्ट अटैक के उन लक्षणों के बारे में, जिन्हें बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
- सीने में बाएं तरफ दर्द होना: अगर आपको सीने बाईं तरफ तेजी से दर्द हो रहा है और जकड़न महसूस हो रही है तो यह हार्ट अटैक का शुरूआती संकेत हो सकता है। अगर आपको हार्ट ब्लॉकेज हो रहा हो या फिर दिल का दौरा पड़ रहा है तो आपके सीने में दर्द, जकड़न सी महसूस होगी। ऐसी अवस्था में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- बेचैनी महसूस होना: अगर सांस लेते समय आपको भारीपन और माथे पर पसीना आ रहा है और बहुत ज़्यादा बेचैनी महसूस हो रही है तो यह भी हार्ट अटैक आने का एक बहुत बड़ा संकेत है।
- सांस लेने में दिक्कत: पूरी तरह से सांस लेने के बाद भी आपको सांस की कमी महसूस हो रही है या फिर सांस लेने में समस्या हो रही है तो यह भी हार्ट अटैक का एक संकेत हो सकता है। ऐसी अवस्था में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- एक्सरसाइज़ करते हुए सीने में दर्द: अगर आप एक्सरसाइज़ या योगा कर रहे हैं और उस दौरान आपको सीने में दर्द हो रहा है तो बिना देरी किए आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ।
इन वजहों से भी आता है हार्ट अटैक
- ज़्यादा स्ट्रेस लेना: आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में लोग एक्स्ट्रा वर्कलोड घिरे रहते हैं। इसलिए अपनी जॉब के साथ साथ लोगों को अपनी हेल्थ की भी फिक्र करनी चाहिए। काम को मन मारकर करने की जगह एंजॉय करना शुरू करना चाहिए।
- फॅमिली हिस्ट्री: अगर आपके फॅमिली में कोई इस बीमारी से पीड़ित रहा है विशेष रूप से आपकी फैमिली में किसी को हार्ट अटैक 65 साल से कम की उम्र में हुआ हो तो आप भी इस बीमारी से पीड़ित हो सकते हैं। इसलिए ऐसे लोगों को अपनी सेहत को लेकर अलर्ट होना चाहिए।
- नशे का सेवन: ज़्यादा शराब पीना, धूम्रपान और ड्रग्स का सेवन दिल को कमजोर बना देते हैं। ऐसे लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों के कुछ लक्षण दिख सकते हैं, लेकिन अक्सर लोग उन्हें बार-बार नजरअंदाज करते हैं। इसलिए समय समय पर हेल्थ चेकअप कराएं और जानकार की देखरेख में एक्सरसाइज करें।
लाइफस्टाइल में करें बदलाव
अपने खानपान और लाइफस्टाइल पर पूरा ध्यान देने की जरूरत है। रात का भोजन हल्का फुल्का करें और कोशिश करें। रात 8 बजे से पहले खाना खा लें, समय पर सोएं साथ ही 7 से 8 घंटे अपने दिमाग और शरीर को आराम दें। खाने में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल कम से कम करें। योग और एक्सरसाइज़ रोज़ाना करें। वर्क लोड का ज़्यादा प्रेशर ने लें। नारात्मकता से दूर रहें और अपनी एनर्जी पॉज़िटिव चीज़ों में लगाएं। साथ ही अपने वजन पर नियंत्रण रखें। अगर आपको हाई कोलेस्ट्रॉल , हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की बीमारी है तो डॉक्टर से सलाह कर इसको कंट्रोल में रखे।