Dry cough causes in hindi: आपने देखा होगा कि आपके आस-पास कुछ ऐसे लोग होंगे जिन्हें रह-रह कर खांसी आती है। दरअसल, ये लोग सूखी खांसी की समस्या से परेशान होते हैं। इस खांसी में कफ या बलगम नहीं आता है। होता ये है कि आपके फेफड़ों और गले में एक गुदगुदी पैदा होती है जो अक्सर गले में जलन और खुजली का कारण बनती है। इसमें हर समय ऐसा लगता है कि गले या सांस की नलियों में कुछ फंसा हुआ है और इसी चक्कर में लोग बार-बार सूखी खांसी करते हैं। ज्यादातर इन 4 समस्याओं वाले लोगों में ये चीज ज्यादा देखी जाती है। कैसे, जानते हैं।
इन 4 तरह के लोगों को ज्यादा आती है सूखी खांसी-Causes of dry cough frequently in hindi
1. अस्थमा के मरीजों में-Asthma
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार, अगर यह 8 सप्ताह से अधिक समय तक रहता है, तो खांसी पुरानी होती है। अस्थमा वाले लोगों में से समस्या सबसे ज्यादा होती है। अस्थमा में लोगों को ऊपरी श्वसन पथ के संक्रमण हमेशा परेशान करता है। ये ठंडी हवा या कुछ रसायनों या सुगंधों के संपर्क में आने से बार-बार ट्रिगर करता है और सूखी खांसी आती है।
यूरिक एसिड के मरीज को कितना पानी पीना चाहिए? जानें सही तरीका और फायदे
2. ब्रोंकाइटिस और निमोनिया के मरीजों में-Bronchitis and Pneumonia
ब्रोंकाइटिस और निमोनिया दोनों ऐसी बीमारी है जिसमें कि फेफड़ों में सूजन बनी रहती है और रह-रह एयर वेसेल्स में खुजली महसूस होती है। इन दोनों ही समस्याओं में फेफड़ों के अंदर एयर सैक्स (air sacks) डैमेज रहते हैं जिसकी वजह से बार-बार यूखी खांसी महसूस होती है और ये कंट्रोल में नहीं रहती।
3. गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज-GERD
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (Gastroesophageal reflux disease) एक सामान्य स्थिति है जिसमें पेट का एसिड वापस उस नली में बह जाता है जो आपके पेट और गले को जोड़ती है। इससे गले औस सीने में एक जलन पैदा होती है और यही लगातार जलन से आपको सूखी खांसी आ सकती है।
खाली पेट पपीता से लेकर रात में कीवी खाने तक, जानें कौन सा फल कब खाना चाहिए?
4. पोस्टनासल ड्रिप सिंड्रोम-Upper airway cough syndrome
पोस्टनासल ड्रिप सिंड्रोम में अक्सर लोगों को शरीर के ऊपरी वायुमार्ग और नाक में जलन महसूस होती है। ये अक्सर रसायनों, धूल और एलर्जी वाले पदार्थों के संपर्क में आने के कारण होता है। इस समस्या में आपको रह-रह कर सूखी खांसी की समस्या परेशान कर सकती है। तो, इन तमाम कारणों को नजरअंदाज न करें और ऐसी समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाएं।