Wednesday, November 20, 2024
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हीट वेव की चपेट में आने से किन लोगों को है सबसे ज़्यादा खतरा, ऐसी स्थिति में जानें कैसे करें बचाव?

​हीट वेव की चपेट में बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और फिल्ड पर काम करने वाले लोग बहुत जल्दी आते हैं। चलिए जानते हैं ऐसे स्थिति में अपना बचाव कैसे करना चाहिए?

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published on: May 22, 2024 9:30 IST
हीट वेव की चपेट में आने से कैसे करें बचाव? - India TV Hindi
Image Source : SOCIAL हीट वेव की चपेट में आने से कैसे करें बचाव?

देश में इन दिनों दिल्ली-नोएडा सहित कई राज्यों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। दिल्ली में इस समय पारा 45 डिग्री के पार पहुंच गया है। चिलचिलाती धूप और भयंकर गर्मी का असर कुछ लोगों पर तुरंत पड़ता है। गर्मी का असर उम्र, जेंडर और काम की परिस्थितियों पर भी निर्भर करता है। आपको बता दें गर्मी के प्रकोप से बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और फिल्ड पर काम करने वाले लोगों को ज़्यादा खतरा होता है। इन लोगों को अपनी सेहत को लेकर ख़ास सावधानी बरतने की जरूरत होती है, ताकि इस भीषण गर्मी और लू के प्रकोप से बचा जा सके। चलिए हम जानते हैं इन्हें हीट वेव का खतरा ज़्यादा क्यों है और ऐसे में अपना बचाव कैसे किया जाए?

क्यों आते हैं जल्दी हीट वेव की चपेट में?

  • बच्चे: बच्चों छोटे होते हैं इसलिए उनकी इम्यूनिटी भी कमजोर होती है। ऐसे में बच्चे के शरीर का तापमान भीषण गर्मी को बर्दास्त नहीं कर पाता है। यही कारण है कि बच्चों को बहुत जल्दी लू जल्दी लगती है। 

  • बुजुर्ग: उम्र बढ़ने के साथ बुजुर्गों का शरीर कई बीमारियों से जूझता है। ऐसे म हीट की वजह से उन्हें दिल की बीमारी, डायबिटीज या हाई बीपी की समस्या हो सकती है। 

  • फिल्ड वर्क: जो लोग फिल्ड पर काम करते हैं, उन्हें इस बढ़ती गर्मी में अपनी सेहत का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। दरअसल, ऐसे लोग सीधे चिलचिलाती धूप के संपर्क में आते हैं। जिस कारण उन्हें डिहाइड्रेशन, उल्टी, दस्त की समस्याएं हो सकती हैं।

  • गर्भवती महिलाएं: आम लोगों के मुकाबले गर्मी के इस मौसम में गर्भवती महिलाओं को थकान या हीट स्ट्रोक जल्द होता है। 

हीट वेव से हो सकती हैं ये समस्याएं:

इस मौसम में शरीर में पानी की कमी होने से कई मिनरल और विटामिन की कमी भी हो जाती है। लू लगने से बच्चों को बुखार, डायरिया और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती। वहीं, शरीर में पानी की कमी से बुजुर्ग हाइपरथर्मियाका शिकार हो सकते हैं। बुजुर्ग गर्मी के मौसम में है बीपी और अस्थमा के शिकार भी हो सकते हैं। गर्मी की वजह से फिल्ड पर काम करने वाले लोगों में दिल से जुड़ी बीमरियां और हार्ट स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। प्रेग्नेंट महिलाओं में थकावट या हीट स्ट्रोक जल्द होने की आशंका रहती है।

हीट वेव से कैसे करें अपना बचाव?

  • हीट वेव से बचाव के लिए भरपूर पानी पिएं। शरीर में पानी की मात्रा कम नहीं होनी चाहिए। एक दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पियें।

  • अपनी डाइट में तरबूज, खरबूज, अंगूर और संतरे जैसे मौसमी फल शामिल करें ताकि आपका शरीर हाइड्रेटेड रहे। फाइबर से भरपूर फल शरीर में पानी की कमी नहीं होने देंगे। 

  • बच्चों और बुजुर्गों को दोपहर के समय घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलने दें। अगर बच्चे या बुजुर्ग दोपहर में बाहर से कहीं आ रहे हैं तो तुरंत नहाने से बचें। 

  • बाहर से आने के बाद उन्हें तुरंत फ्रिज का ठंडा न पिएं। जब बॉडी नार्मल टेम्प्रेचर में आ जाए तब ठंडा पानी पियें। 

  • गर्मियों में हल्के, सूती कपड़े पहनना एक बेहतरीन विकल्प है। कपड़े बिलकुल ढीले-ढाले होने चाहिए।

  • ज्यादा गर्मी लगे तो नहा लें। सूती कपड़े को गीला करके बॉडी को ठंडा करे। बस शरीर को लगातार ठंडक मिलनी जरूरी है।

  • भीषण गर्मी में हो सके तो यात्रा करने से बचें। 

 

 

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