डायबिटीज ऐसी बीमारी बनती जा रही है जिसके मरीजों की संख्या देश और दुनिया में तेजी से बढ़ रही है। हमारी अनियमित जीवन शैली और खराब खान पान का ही नतीजा है कि ये बीमारी कम उम्र में भी लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है। डायबिटीज अगर एक बार हो जाये तो इसका जड़ से कोई इलाज नहीं किया जा सकता। इसे दवाओं, बैलंस्ड लाइफस्टाइल और सही खान-पान से कंट्रोल किया जा सकता है। हाई ब्लड शुगर से कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। जैसे- दिल का दौरा, किडनी की बीमारी और लिवर की समस्या। इसलिए आपको लगातार अपने ब्लड शुगर के स्तर की निगरानी करनी चाहिए। डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि वो शुगर को कंट्रोल करने के लिए अपनी बॉडी को एक्टिव रखें। समय-समय पर ब्लड शुगर का टेस्ट करें। चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर ब्लड शुगर का टेस्ट कब कराना चाहिए।
कब करें ब्लड शुगर का टेस्ट ?
डायबिटीज के मरीजों में शुगर का उतार-चढ़ाव आना नॉर्मल है। आप दिन में खाने और नाश्ते से पहले, एक्सरसाइज करने से पहले और बाद में रात को सोने से पहले ब्लड शुगर की जांच कर सकते हैं।
इतना होना चाहिए ब्लड शुगर
एक हेल्थ रिसर्च के अनुसार, खाना खाने से पहले आपका ब्लड शुगर लेवल 80 से 130 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर या फिर 4.4 से 7.2 मिलीमोल प्रति लीटर होना चाहिए। खाना खाने के 2 घंटे बाद आपका ब्लड शुगर 180 मिलीग्राम / डीएल से कम होना चाहिए।
ऐसे करे खुद से टेस्ट
फिंगर टिप मीटर की मदद से आप अपनी उंगलियों से ब्लड निकालकर ब्लड शुगर लेवल टेस्ट कर सकते हैं। उंगली पर छेद करने के लिए एक सुई का उपयोग किया जाता है, जिसे लैंसेट कहते हैं। लैंसेट से ब्लड को एक पतली स्ट्रिप पर रखा जाता है। अब इस स्ट्रिप को एक टेस्ट मीटर में डालते हैं जो 15 सकंड से भी कम समय में रिजल्ट दे देता है। खुद से ब्लड शुगर जांचना काफी आसान और सुविधाजनक है। हालांकि इसके कुछ जोखिम भी हैं जैसे- आपके हाथ पर कई जगह छेद हो जाना। ज्यादा खून बहना। बेहोशी जैसा या सिर का हल्का महसूस होना। आपकी त्वचा के नीचे खून इकट्ठा हो सकता है।