फल खाना से हम स्वस्थ रहते हैं। इनका सेवन करने से हमे कई पोषक तत्व मिलते हैं। फलों में मिनरल्स, कैल्शियम, विटामिन डी, फाइबर और विटामिन भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो कई बीमारियों से हमारा बचाव करते हैं। लेकिन क्या आप सही तरीके से फलों का सेवन करते हैं। आप कितना भी फल खा लें लेकिन अगर आप सही समय पर इनका सेवन नहीं करते हैं तो इससे आपको फायदे की जगह नुकसान होगा। फलों को सही तरीके से खाने का एक आयुर्वेदिक तरीका है जिसे फॉलो कर आप अपने आप को सेहतमंद रख सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम पर फलों को खाने का सही तरीका बताया है। चलिए जानते हैं फलों को कब और कैसे खाएं?
किस तरह से नहीं करना चाहिए फलों का सेवन?
आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार के अनुसार, ताजे फल अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में हल्के और पचाने में आसान होते हैं। जब आप इनका सेवन हेवी फूड्स के साथ या बाद में करते हैं तो यह पेट में तब तक रहता है, जब तक हेवी फूड्स पच न जाए। जिस वजह से ये हमारे डाइजेस्टिव जूस द्वारा ज़्यादा पकता है और फर्मेंट होना शुरू हो जाता है। ऐसे में आयुर्वेद में अधिक पकाए गए, फर्मेंटेड गंदगी को अमा (Ama) या अनुचित रूप से पचने वाले से पचने वाले खाद्य विषाक्त पदार्थों के रूप में जाना जाता है। यह नम, अम्लीय अपशिष्ट हमारे पाचन तंत्र में जमा होकर पाचन तंत्र को प्रभावित करता है जिससे अपच, फूड सेंसिटिविटी और आंतों में सूजन की समस्या हो सकती है।
क्या है फलों को खाने का सही तरीका?
दीक्षा भावसर कहती हैं कि फलों का सेवन हमेशा अकेले करना चाहिए। इन्हें कभी भी खाने के साथ या तुरंत बाद में नहीं करना चाहिए। खाने से 1 घंटे पहले या 2 घंटे बाद फल खा सकते हैं। खाने के साथ या बाद में भूलकर भी फल न खाएं। इनका सेवन आप दूध या दही के साथ भी न करें। आप चाहें तो प्लांट बेस्ड मिल्क या दही के साथ फलों को खा सकते हैं। फलों का रस आप तभी पिएं जब आपका पाचन ख़राब हो या आप चीजों को ठीक से चबा न सकें। देर रात या शाम के समय फल न खाएं।
इन फलों को दूध के साथ न खाएं:
फलों और दूध को मिलाते समय आयुर्वेदिक उपाय आज़माए। अगर आपको दूध में फल मिलाकर खाना पसंद है तो मीठे और पके फलों को ही दूध में मिलाएं आप एवोकैडो को दूध के साथ मिलाया जा सकता है। किशमिश, खजूर और अंजीर जैसे ड्राई फ्रूट्स के साथ लिए जा सकते हैं। स्ट्रॉबेरी सहित सभी बेरीज को दूध में मिलाने से बचें। जब हम दूध में बेरीज मिलाते हैं तो दूध तुरंत नहीं फटता है, लेकिन पेट में जाते ही पाचन प्रक्रिया के बाद फट जाता है। काफी लोग दूध में केला डालकर खाना पसंद करते हैं। केले भले ही मीठे हों, लेकिन जब आप इसे दूध के साथ सेवन करते हैं तो इसके बाद पाचन का प्रभाव खट्टा होगा, इसलिए दोनों को एक साथ नहीं लेना चाहिए। दूध और फल को अलग-अलग लेना एक हेल्दी विकल्प है।