पीलिया बुखार के बारे में तो आपने खूब सुना होगा। पीलिया कोई बीमारी नहीं बल्कि बीमारी का लक्षण है। जैसे शरीर में कोई इंफेक्शन होने या बीमारी होने पर बुखार आता है। बुखार उस बीमारी का एक लक्षण हो सकता है। ठीक उसी तरह शरीर में कई बीमारियों के कारण पीलिया हो सकता है। पीलिया कितना गंभीर हो सकता है ये उसके कारण पर निर्भर करता है। जैसे न्यू बॉर्न बेबीज में 60 प्रतिशत पीलिया के लक्षण पाए जाते हैं। जो फिजियोलॉजिकल होता है ज्यादा सीरियस नहीं होता है। इससे कुछ ही दिनों में बच्चे ठीक हो जाते हैं। युवाओं में पीलिया होने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं। पीलिया के क्या लक्षण होते हैं। पीलिया कब खरतनाक हो सकता है। पीलिया से कैसे बच सकते हैं। आइये जानते हैं फोर्टिस हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर आर. एस. मिश्रा से।
डॉक्टर मिश्रा की मानें तो पीलिया होने का सबसे सिंपल कारण हेपेटाइटिस हो सकता है इसमें भी हेपेटाइटिस ए और ई जो खाने के कारण होता है। इससे पीलिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। हेपेटाइटिस ए और ई ज्यादा गंभीर नहीं होता है। इसमें मरीज 4-5 सप्ताह में ठीक हो जाता है। जबकि हेपेटाइटिस बी और सी ज्यादा खतरनाक होता है। हेपेटाइटिस बी और सी के कराण होने वाला पीलिया लंबे समय तक रह सकता है और मरीज क्रोनिक हेपेटाइटिस की स्थिति में जा सकता है। ऐसी स्थिति में लिवर फेल्योर भी हो सकता है। जिससे मरीज की जान भी जा सकती है।
पीलिया के अन्य कारण
अगर कहीं स्टोन है और वो गॉलब्लैडर से नीचे खिसक जाए तो इससे जॉइंडिस हो सकता है।
कई तरह के कैंसर भी पीलिया के कारण हो सकते हैं जैसे गॉलब्लैडर का कैंसर होने पर पीलिया हो सकता है।
पैंनक्रियाज के कैंसर में भी पीलिया होने का खतरा काफी बढ़ जाता है, जिससे काफी लोगों की जान चली जाती है।
कई बार इंफेक्शन या कुछ दवाओं के कारण भी शरीर में पीलिया हो सकता है।
अब ये आपके कारण पर निर्भर करता है कि आपका पीलिया कितना सीरियस हो सकता है।
पीलिया होने पर दिखते हैं ये लक्षण
सबसे पहले मरीज को बुखार आता है।
भूख लगना कम हो जाती है।
आंखें पीली हो जाती हैं।
पेशाब का रंग पीला होने लगता है।
खुजली शुरू हो सकती है।
मितली और उल्टी आने लगती है।
मरीज बहुत थकान और कमजोरी महसूस करता है।
पीलिया होने से कैसे बच सकते हैं?
मानसून में पानी और खाने से हेपेटाइटिस ए और ई होने का खतरा रहता है। इसके लिए जरूरी है कि आप साफ आरओ वाटर पिएं। खाना साफ और ताजा बना हुआ खाएं। कच्ची चीजों को खाने से बचें। इस मौसम में पानी को उबाल कर पीएं। हेपेटाइटिस बी और सी पैरेंटल होता है या सेक्सुअली ट्रांसमिटिड होता है। कई बार एक इंजेक्शन से ही बार-बार इस्तेमाल करने से भी ऐसा हो सकता है। ब्लड के कारण भी ऐसा होता है।