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Crimean Congo haemorrhagic fever: एक और खतरनाक वायरस ने दी दस्तक, जानें क्या हैं लक्षण और बचाव के तरीके

Crimean Congo haemorrhagic fever: कोरोना के बाद क्रिमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार दुनियाभर में दहशत फैला रहा है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके।

Written By: Akanksha Tiwari @akankshamini
Updated on: July 12, 2023 14:37 IST
Congo fever symptoms and prevention- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK Congo fever symptoms and prevention

क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार (CCHF) एक फैलने वाली बीमारी है जो बुन्याविरिडे परिवार (Bunyaviridae) के टिक से होने वाले वायरस (नैरोवायरस) के कारण होती है। WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, CCHF वायरस गंभीर वायरल हेमोरेजिक बुखार का कारण बनता है, जिसमें मृत्यु दर 10-40% होती है। CCHF वायरस अब तेजी से पैर पसार रहा है। क्लाइमेट चेंज के कारण ये वायरस तेजी से बढ़ रहा है। साल 2021 में क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार के कई मामले सामने आए थे। आइए जानते हैं इसके लक्षण और बचाव के तरीके।

कैसे फैलता है वायरस

क्रीमियन-कांगो हेमोरेजिक बुखार (Crimean-Congo haemorrhagic fever)  जानवरों से इंसानों में फैलता है। CCHF वायरस जंगली और घरेलू जानवरों जैसे मवेशी, भेड़ और बकरियों की प्रजातियों से फैलता है। CCHF वायरस या तो टिक काटने से या मारने से और संक्रमित जानवर के संपर्क में आने से लोगों में फैलता है। ज्यादातर इस वायरस से शिकार मामले पशु उद्योग से जुड़े लोगों, बूचड़खाने में काम करने वाले मजदूरों और जानवरों के डॉक्टरों में देखने को मिले हैं।

कांगो बुखार के लक्षण

  1. कांगो वायरस की चपेट में आने पर तेज बुखार के साथ शरीर में दर्द होता है।
  2. कमजोरी के साथ चक्कर आना और आंखों में जलन की समस्या होती है
  3. नाक से खून आ सकता है।
  4. गर्दन में दर्द और अकड़न की शिकायत होती है।

कांगो वायरस से बचाव के तरीके

  1. इस वायरस से बचने के लिए खेतीबाड़ी और पशुओं के साथ काम करने वाले लोगों को टिक (पिस्सू/चींचड़े) से बचने की जरूरत है।
  2. जानवरों के साथ काम करते वक्त अपने बूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहनें।
  3. पालतू जानवरों में टिक (पिस्सू/चींचड़े) होने पर इनका इलाज डॉक्टर से करवाएं।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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