Swine flu: स्वाइन फ्लू या H1N1 Virus, खासतौर पर इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कारण होता है। ये वायरस सुअर, पक्षी और इंसानों के जरिए फैलता है। अब एक खबर आई है कि केरल के कुट्टीपुरम में इस वायरस के कारण एक 13 वर्षीय लड़के की मौत हो गई है। इस बात की पुष्टि खुद यहां के स्वास्थ्य मंत्रालय ने की है। लेकिन, अभी इस बात का पता नहीं चल पाया है कि ये बीमीरी इस बच्चे को हुई कैसे। साथ ही ये बीमारी इस बच्चे के संपर्क में रहने वाले अन्य लोगों को तो नहीं है। पर इन चीजों से ज्यादा जरूरी है इनके बचाव के बारे में जानना। तो, आइए जानते हैं कैसे करें H1N1 virus से खुद का बचाव। उससे पहले जान लेते हैं H1N1 virus के लक्षण।
स्वाइन फ्लू के लक्षण-H1N1 Virus Symptoms
स्वाइन फ्लू (H1N1) के लक्षण नियमित फ्लू के लक्षणों के समान होते हैं। वायरस के संपर्क में आने के तीन से पांच दिन बाद ये लक्षण शुरू हो सकते हैं। लक्षणों में शामिल हो सकते हैं
-शरीर या मांसपेशियों में दर्द
-बुखार
-ठंड लगना
-खांसी
-गला खराब होना
-थकान
-सिर दर्द।
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बच्चों में ये लक्षण अलग हो सकते हैं
बच्चों में स्वाइन फ्लू (H1N1) के लक्षण बड़ी की तुलना में गंभीर हो सकते हैं। ऐसे में कुछ अलग-अलग प्रकार के लक्षण नजर आ सकते हैं।
-सांस लेने में तकलीफ
-सोते समय रोना
-पर्याप्त तरल पदार्थ न पीना
-दाने के साथ तेज बुखार आना
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स्वाइन फ्लू से कैसे बचें?
स्वाइन फ्लू से बचने का एक उपाय ये है कि आप रेस्पिरेटरी हाइजीन का खास ख्याल रखें। ये उपाय फ्लू को रोकने और इसके प्रसार को सीमित करने में भी मदद करते हैं। अपने हाथ बार-बार धोएं। कोशिश करें कि हर बार साबुन और पानी का उपयोग करके कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। अपनी खांसी और छींक को ढकें। रुमाल या अपनी कोहनी में खांसें या छींकें। अपना चेहरा छूने से बचें। सतहों का डिसइंफेक्टेंट से सफाई करें। कोशिश करें और वायरस के संपर्क से बचें।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)